भिलाईनगर 29 जुलाई 2022 :- सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 75 / 7 सडक 12 नेहरू नगर पश्चिम भिलाई नगर निवासी दिलीप सिंह राठौर के परिवाद पर से चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेक वर्मा के न्यायालय ने कोतवाली दुर्ग के तत्कालीन थानाध्यक्ष निरीक्षक वर्तमान मे उप पुलिस अधीक्षक धमतरी भावेश साव ,उपनिरीक्षक वर्तमान मे जांजगीर चांपा मे निरीक्षक के पद पर तैनात राजदेव मिश्रा व पुलिस मुख्यालय मे तैनात राइटिंग एक्सपर्ट एन. के. सिक्केवाल के खिलाफ संज्ञान लेते हुए भादवि की धारा 193,468,471,120बी व 34 के तहत न्यायालय मे केस दर्ज कर तीनो अधिकारियो को नोटिस जारी कर 06 सितंबर 2022 को न्यायालय मे उपस्थित होने का आदेश जारी किया है सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह राठौर के अधिवक्ता आशीष शुक्ला ने बताया कि न्यायालय ने माना कि अभियोग पत्र में मिथ्या साक्ष्य और कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग किया गया। जिसके चलते 2017 मे रिटायर्ड एएसपी को 393 भादवि मामले में सह अभियुक्त बनाया गया और उन्हें 18 महीने जेल में रहनी पड़ी।अधिवक्ता आशीष शुक्ला के अनुसार कोतवाली के तत्कालीन थानाध्यक्ष निरीक्षक भावेश साव व उप निरीक्षक राजदेव मिश्रा के द्वारा एक ही समय मे एक ही गवाहो के समक्ष अलग-अलग जगहो पर दस्तावेज बनाकर कूटरचना कर मिथ्या साक्ष्य गढनासेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह राठौर के अनुसार तत्काल लीन थानाध्यक्ष के द्वारा लिखे गये इस पत्र की प्रदर्श पी. – 61 सत्यता जानने के लिये पुलिस अधीक्षक, राजकीय दस्तावेज परीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत् जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने अपने पत्र में बताया कि थाना प्रभारी दुर्ग का पत्र दिनांक 08.05.2017 प्रकरण/विशेषज्ञ की नस्ती में उपलब्ध है, परन्तु राजकीय परीक्षक के समक्ष प्रस्तुत नहीं होने के कारण पावती आवक-जावक पंजी की छाया प्रति कार्यालय में उपलब्ध नहीं है थाने के जप्ती रजिस्टर की नकल के अवलोकन से ज्ञात हुआ कि जप्ती रजिस्टर में उक्त जप्ती प्रपत्र में जप्त वस्तु क्रमांक (1) कट्टे एवं (2) 2 कारतूस की जप्ती का उल्लेख है परंतु क्रमांक (3) लूट की कार्य योजना का कोई जिक्र या दाखिला नहीं है। इससे स्पष्ट है कि जब जप्ती प्रपत्र की प्रति थाने के मालखाने प्रभारी को दी गई उस समय उसमें क्रमांक (3) लूट की कार्ययोजना का कोई दस्तावेज जप्त नहीं था।यह कि तत्कालीन उप निरीक्षक राजदेव मिश्रा द्वारा किये गये अपराधिक कृत्य :
(1) अनावेदक क्रमांक 2 ने दिनांक 15.03.2017 के 13.30 बजे नेहरूनगर स्थित मकान का तलाशी पंचनामा बनाना बताया है जिसे न्यायालय में प्रदर्श पी-9 चिन्हित किया गया है। तलाशी पंचनामा गवाह प्रेम कुमार निषाद एवं विजय सागर के समक्ष बनाया बताया है, जबकि ये ही गवाह अनावेदक क्रमांक 1 ने इसी समय तितुरडीह में मेमोरेण्डम बनाते हुए अपने साथ बताये है । दोनों स्थानों की आपस में दूरी 5 कि.मी. से ज्यादा है ।इससे स्पष्ट है कि निरीक्षक भावेश साव एवं राइटिंग एक्सपर्ट ने आपसी षडयंत्र करके हस्तलिपि नमूने मंगाए व इन्हें जानबूझकर मिथ्या अभिमत देने के लिये अपने परीक्षण में शामिल करते है। इसीलिये इस पत्र की न तो आवक-जावक पंजी में दर्ज किया गया न कोई पावती दी गई ।