भिलाई नगर 01 अगस्त 2022:- कृष्ण प्रिया कथक केंद्र की ओर से रविवार 31 जुलाई की शाम नृत्य व संगीत पर आधारित शानदार प्रस्तुति ‘सतरंगी रे..’ ने दर्शकों का मन मोह लिया। 100 से ज्यादा कलाकारों ने स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर और नृत्य आचार्य पं. बिरजू महाराज को अपने नृत्य व संगीत से अनूठी श्रद्धांजलि दी। खचाखच भरे कला मंदिर में जितने दर्शक अंदर मौजूद थे उससे ज्यादा बाहर बड़े स्क्रीन पर देखने दर्शक पहुंच हुए थे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर ममता शुक्ला, श्रीमती कनिका जैन, अरविंद जैन,गायक प्रभंजय चतुर्वेदी,डॉक्टर आलोक दीक्षित, वरिष्ठ पार्षद रिकेश सेन, अनिल लुनिया व नृत्य गुरु राखी राय सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे।सम्मानित किए गए स्टूडेंट और कलाकार
सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कृष्ण प्रिया केंद्र के अब तक के 27 साल के सफर को सराहा और भविष्य में नई ऊंचाईयां छूने की कामना की। इस दौरान इस कथक केंद्र से शिक्षा हासिल कर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से एमए की डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। जिसमें दिव्या रहटगांवकर,सेजल चौधरी और देविका दीक्षित शामिल हैं। वहीं जिन जूनियर सीसीआरटी स्कॉलरशिप पाने वाले साह्नवी अग्रवाल और पुष्टि सोनी को सम्मानित किया गया। इसी तरह वहीं सतत परिश्रमी, नियमित व अनुशासित बच्चों में बेस्ट स्टूडेंट ऑफ द स्कूल का अवार्ड सीनियर व जूनियर केटेगरी मान्या जैन और नियति मारू को दिया गया। इस पूरी प्रस्तुति में हिस्सा लेने वाले सभी 100 कलाकारों को अतिथियों के हाथों मेडल और सर्टिफिकेट दिलवा कर सम्मानित किया गया।
‘ताल’ और ‘लय’ बनें सूत्रधार, सजी गीतों की महफिल
नृत्य और संगीत की इस शानदार प्रस्तुति में ‘ताल’ और ‘लय’ को सूत्रधार बनाया गया है। जिसमें दोनों अपने अस्तित्व को लेकर चर्चा करते हैं लय कहती है कि वो शाश्वत है अनवरत है, सांसे भी उसी के अनुसार चलती हैं। वहीं ताल अपने स्वरूप को लेकर दुखी होती है कि मैं मात्राओं, ताली व खाली से बनी हूं। इस पर लय उसे समझाती है इसमें निराश होने की बात नहीं यह सब इसलिए हैं कि जीवन में अनुशासनवहीं ताल कहती है कि वो और भारत की सांस्कृतिक विविधता का बखान करते हैं।
इसके साथ ही मंच पर 100 से ज्यादा नर्तक दिवंगत हुए महान कलाकारों नृत्य आचार्य पंडित बिरजू महाराज और स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को अपने संगीत व नृत्य के माध्यम से आदरांजलि देते हैं। बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए जूनियर ग्रुप के बच्चों ने कथक की प्रस्तुति दी, जिसमें बिरजू महाराज के कुछ साल पहले रिकार्ड किए गए भक्ति गीत ‘श्री कृष्ण नृत्य तुंगा-तुंगा’ की शानदार प्रस्तुति दी। वहीं स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर को याद करते हुए कलाकारों ने ‘गोरे गोरे बांके छोरे’, शोला जो भड़के, ‘अपलम-चपलम चपलाई रे’,’उई मां उई क्या हो गया’, ‘पिया तोसे नैना लागे रे’, ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’ और ‘ठाड़े रहियो ओ बांके यार से समां’ की सधी हुई प्रस्तुति से समां बांध दिया।
इन सभी गीतों में नृत्य इतना मनमोहक रहा कि कई दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इस दौरान वर्षा ऋतु के इस मौसम में एक नृत्य-गीत बारिश को भी समर्पित रहा। इसी बीच ‘ताल’ और ‘लय’ के संवाद में बताया जाता है कि भारतीय संस्कृति सबको अपने में समाहित कर लेती हैं। इसके बाद एक सूफी गीत-नृत्य ‘मेरा मुर्शीद खेले होली’ से रंगारंग समापन होता है।इन कलाकारों का रहा योगदानइस प्रस्तुति के दौरान ताल पक्ष से दीक्षा कटोरिया और लय पक्ष से शुभि जैन, गणेश वंदना में उन्नति जांभुलकर, गणेश शुक्ला, प्रांशु टाक, आद्या श्रीवास्तव, परिधि ठाकुर, नियति मारू, स्वरा दाशपुत्रे, अलीशा महोबे, अनन्या राजपूत, कथक में सिद्धिका यादव, अंशिका देशमुख, आरुषि सिंह, डिंपल झमानी, गाथा जैन, जीनिशा जैन, आहना चंद्राकर, ख्याति लावत्रे, निकिता चौधरी, अवनि लछवानी, तुंगा तुंगा नृत्य में आरणा जैन, सुरभि यादव, निष्का बाकलीवाल, निहारिका गुप्ता,
आर्य जैन, कनक पटेल, इप्शिता उमरे, वंशिका लेखवानी, परिणिधि जैन, अवनि जैन, यशस्वी सिंह, वंशिका साव, तमन्ना वर्मा,आशी जैन, विनिशा जैन, लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि ग्रुप ए में मायशा वर्मा, अवनि गुलाटी, मेलोनी रत्नानी, श्रीनिका सरकार, लेव्यांशी गजभिए, इशिका सिन्हा, साह्नवी गुप्ता, पहल शर्मा, आराध्य नामदेव, लिपिका दास, संस्कृति शर्मा, अर्णिका गोयल व हर्षिता मिश्रा शामिल रहे।इसी तरह लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि ग्रुप बी में शिवांजलि अवस्थी, अनन्या भट्टाचार्यजी, रीत पाटनी, अन्य शर्मा, अविका वार्ष्णेय, प्रार्थना तिवारी, सृष्टि देवांगन, हंसिका साहू, अवनि साहू, अनुष्का देशमुख, गरिमा देशमुख,ओमिशा पांडे, दृष्टि देवांगन व अनुमेहा साव शामिल रहे। वर्षा ऋतु गीत में कानन यादव, भूमि सिंगरौल,आर्ची सोनी, स्नेहा भोंसले, लक्ष्मी सोनी, आस्था अग्रवाल, अक्षरा आर्य व ऋषिता संचेती शामिल रहे। वहीं पसूरी सॉन्ग में वंशिका दत्त, समृद्धि गजभिए, आस्था साहू, श्राव्या राजेश, आर्य वर्मा, दिवेन पारधी, कीर्ति चौरसिया, मान्या ठाकुर, चार्वी सहारे, ओमी शाही व साक्षी जैन शामिल रहे। वहीं अंतिम प्रस्तुति ‘मेरा मुर्शीद खेले होली’ गीत में चहक जैन, अवनि अग्रवाल, मान्या जैन, दीक्षा जैन, प्रभनीत कौर छतवाल, पुष्टि सैनी, साह्नवी अग्रवाल और ट्विंकल चौधरी शामिल रहे। इस पूरे शो की परिकल्पना और निर्देशन का दायित्व उपासना तिवारी ने संभाला। संगीत संयोजन रविंद्र कर्मकार, वीके सुंदरेष, बिन्नी पाल, ताल के लिए डॉ सोनाली चक्रवर्ती और लय के लिए उपासना तिवारी ने स्वर दिया।कार्यक्रम का संचालन विदुषी तिवारी ने किया। समन्वयक रविंद्र कर्मकार व अभिषेक त्रिपाठी, नृत्य के शिक्षक गण में डॉक्टर दिव्या रहटगांवकर, सेजल चौधरी, अवनी अग्रवाल, जैंसी जैन, मेकअप आर्टिस्ट नीलिमा वासनिक, रजनी मेनन, आंबे उपाध्याय, लाइट एंड साउंड स्वरमाला,एलईडी ग्राफिक्स सेजल चौधरी और कॉस्टयूम में प्रगति कलेक्शन का सहयोग रहा। आयोजकों ने प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत एवं भिलाई स्टील प्लांट के जीएम एल एंड ए-पीआर जैकब कुरियन व अनिल लुनिया का आभार जताया है।