भिलाई नगर 04 जुलाई 2024:- महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अत्यधिक स्नान से बीमार पड़ने के बाद अणसर गृह में रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस दौरान उन्हें काढ़ा, अंकुरित चना व मूंग समेत आयुर्वेद में उपचार के लिए उपयोगी चीजों का भोग लग रहा है। इस भोग का सेवन भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होने लगे हैं। अलग-अलग मंदिरों में 5 व 6 जुलाई को भगवान के पूरी तरह स्वस्थ होने पर नेत्रोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को श्रीमंदिर से पारम्परिक रथयात्रा निकाली जाएगी।
भिलाई टाउनशिप के सेक्टर-6, सेक्टर-4 जगन्नाथ मंदिर और दुर्ग के किल्ला मंदिर में रथयात्रा से जुड़ी परंपरा निभाई जा रही है। पंडितों के अनुसार 22 जून को देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान से बीमार पड़े हैं। इसके बाद उन्हें श्रीमंदिर से अलग अणसर गृह में रखा गया है। यहां भगवान को सुबह अंकुरित मूंग के साथ नारियल का चुरा और गुड़ नाश्ते के समय भोग लगाया जा रहा है। वहीं शाम के भोजन में महाप्रभु को दशमूल पाचन काढ़ा दिया जा रहा है। इसमें अंकुरित चना के साथ काढ़ा दे रहे हैं।
अदरक, सोंठ, इलाइची, लौंग, काली मिर्च, अश्वगंधा, तेजपत्ता, पिपली और गुड़ आदि को मिलाकर काढ़ा बनाया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। पंडितों के अनुसार 22 जुलाई को स्नान पूर्णिमा के बाद से भगवान अणसर गृह में विराजित हैं। 10 दिन बीतने के बाद 1 जुलाई से भगवान के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हो गया है। दुर्ग भिलाई के अलग अलग मंदिरों में 5 व 6 जुलाई को नेत्रोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को रथयात्रा निकलेगी। इसकी तैयारी सभी श्रीमंदिरों में पूरी कर ली गई है।
मंदिर में इस समय लड्डुगोपाल और राधाकृष्ण विराजमान भगवान जगन्नाथ के बीमार पड़ने से मूल मंदिर का आसन खाली है। लेकिन इसके ठीक नीचे भगवान लड्डु गोपाल और राधाकृष्ण के विग्रह को विराजित किया गया है। मंदिर में पहुंचने वाले भक्त इनका दर्शन कर रहे हैं। पं. पितवास पाढ़ी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के श्रीमंदिर में नहीं रहने पर लड्डुगोपाल और राधाकृष्ण की पूजा की जाती है। मंदिर को सूना नहीं रखा जाता है। भक्त इनके दर्शन के लिए आ रहे हैं।
भिलाई के दोनों मंदिरों से रथयात्रा निकलेगी
जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में महाप्रभु जगन्नाथ स्वामी की 55वीं रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर में 5 जुलाई को नेत्रोत्सव के साथ मंदिर का पट दर्शन के लिए खोला जाएगा। 7 जुलाई को दोपहर 1 बजे सेक्टर-4 मंदिर से रथयात्रा निकलेगी। इसी तरह सेक्टर-6 के जगन्नाथ मंदिर में 6 जुलाई को महाप्रभु का नेत्रोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद पूरे 9 दिनों तक मंदिरों में विविध कार्यक्रम होंगे।