बीएसपी और एनबीसीसी से एचएससीएल को मिलना चाहिए काम – एचएस मिश्रा…..पूर्व के भ्रष्ट अधिकारियों और एजेंसियों की मिली भगत से दयनीय हुई कंपनी की हालत….

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भिलाई नगर 11 सितंबर 2024:-  हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष एवं वरिष्ठ श्रमिक नेता एचएस मिश्रा ने एचएससीएल की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कंपनी की इस हालत के लिए पूर्व के भ्रष्ट अधिकारी और कुछ एजेंसियां जिम्मेदार हैं। ऐसे में कभी दुनिया की नंबर वन निर्माणी कंपनी रही एचएससीएल को नवजीवन प्रदान करने के लिए भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) से उसे काम मिलना चाहिए।

हिंद मजदूर सभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष एचएस मिश्रा ने बताया कि हिंदुस्तान स्टील वक्र्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड अर्थात एचएससीएल निर्माण के क्षेत्र में कभी दुनिया में नंबर वन कंपनी मानी जाती थी। नवरत्न कंपनी सेल की देश में जितनी भी ईकाईयां है, उसे बनाने के दौरान सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इरेक्शन वर्क, चिमनी तथा बड़े भवनों का निर्माण एचएससीएल ने किया। कंपनी के पास कुशल इंजीनियर, कुशल प्रबंधन, कुशल कारीगर और काम के प्रति समर्पित कर्मचारी थे। लेकिन आज इस कंपनी की दशा बद से बद्तर हो गई है। दो -चार नियमित अधिकारी-कर्मचारी को छोड़ जरुरत के सारे अधिकारी और कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं।

श्री मिश्रा ने कहा कि कुछ पूर्व के भ्रष्ट अधिकारी और एजेंसियों की मिली भगत से उल्टा-सीधा दस्तावेज बनाकर फर्जी भुगतान किया जाता रहा। इस वजह से कंपनी को लगातार नुकसान का सामना करना पड़ा और आज उसकी हालत दयनीय हो गई है। उन्होंने बताया कि अभी एचएससीएल को सेल से हटाकर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन (एनबीसीसी) के अधीन किया गया है। जिसमें 51 प्रतिशत अधिकार एनबीसीसी का और बाकी 49 प्रतिशत अधिकार एचएससीएल को है। लेकिन एनबीसीसी ज्यादातर काम खुद करती है। जबकि एनबीसीसी को खुद काम न कर एचएससीएल के माध्यम से कराना चाहिए। ऐसा होने से एचएससीएल को काम मिलता रहेगा और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी।

श्री मिश्रा ने बताया कि एचएससीएल में उनके जैसे कई हजारों लोग काम कर चुके हैं। जिसमें 90 से 95 प्रतिशत लोगों ने वीआर ले लिया। कुछ ही लोग हैं, पूरी नौकरी के बाद रिटायर हुए। बीएसपी में एचएससीएल का काम चल रहा था तो उनके जैसे लोगों ने 35 से 40 वर्ष तक लगातार सेवाएं दी। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारी का पूर्ण अंतिम भुगतान कंपनी द्वारा नहीं दिया गया, जिसका केस अभी भी चल रहा है। दूसरी तरफ कंपनी प्रबंधन द्वारा बार-बार क्वार्टर खाली करने का नोटिस दिया जा रहा है। इस मामले में यूनियन का साफ कहना है कि पहले कर्मचारियों का पूरा भुगतान कर दिया जाए, तो क्वार्टर खाली कर दिया जाएगा। वैसे भी मामला अभी न्यायालय में लंबित है। श्री मिश्रा ने बताया कि 4 दिन पहले एचएससीएल के महाप्रबंधक एसके सिन्हा से उनके कार्यालय में चर्चा हुई। इस दौरान महाप्रबंधक ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आप लोगों की लड़ाई पानी और बिजली बिल भुगतान का नहीं है बल्कि क्वार्टर और बकाया भुगतान को लेकर है। इसलिए पानी और बिजली का जो भी शुल्क है क्वार्टर में रहने वालों को उसका भुगतान करना चाहिए। इसका भुगतान किश्तों में भी किया जा सकता है।

उसके बाद एचएस मिश्रा ने कहा कि सभी कर्मचारियों अधिकारियों की हालत बहुत ही खराब है। खाने और कपड़े तक का भी स्थिति नही है, जो बच्चे पढऩे लिखने वाले है उनकी पढ़ाई भी बंद हो गई है। आज कोई भी आयोजन शादी विवाह या बिमार पडऩे पर दवा के लिए भी पैसा नही है। तो ऐसे में कहा से बिजली व पानी का भुगतान करेंगे। महाप्रबंधक ने कहा कि मिश्रा जी मैं एक बार में तो नही बोल रहा हूं जिसको जितना हो रहा है जमा करते जाए। क्योकि बिजली पानी एचएससीएल का नही है। वह बीएसपी और शासन का है। ऐसे स्थिति में उच्च प्रबंधन हेड आफिस को चाहिए कि इस दयनीय स्थिति पर विचार कर कुछ प्रतिशत माफ कर लोगों को राहत दिया जायें। श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि बार बार हम लोगों ने आपसे यही कहा कि पुराना दर को चालू करिये। उसमें आप को भी हर महीने 10 से 15 लाख रूपये का आय होता रहेंगा। लेकिन महाप्रबंधक ने कहा कि मैंने तो कम कर दिया हूं और जो निर्णय होंगा वह हमारे पॉवर में नही है। हेड आफिस ही कर सकता है।


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