हिंदी दिवस पर वरिष्ठ नागरिक महासंघ ने अनूठा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन कर राष्ट्रीय कवियों की रचनाओं का पाठ किया…. गोष्ठी में स्कूल एवं कालेज के दिनों में पढ़े हुए हिंदी के लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं का काव्य पाठ वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किया गया….. राष्ट्रभाषा हिन्दी आज विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित  है : आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा

IMG-20240914-WA0649.jpg

भिलाई नगर 14 सितंबर 2024:-  हिन्दी दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिक महासंघ द्वारा हाउसिंग बोर्ड सियान सदन में 14 सितंबर को एक अनूठा साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों ने अपने स्कूल एवं कालेज के दिनों में पढ़े हुए हिंदी के राष्ट्रीय स्तर के लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध कवियों की रचनाओं का काव्य पाठ किया।

गोष्ठी में प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी की रचना “पुष्प की अभिलाषा”, सुभद्रा कुमारी चौहान की “झांसी की रानी”, हरिवंश राय बच्चन की “जो बीत गई सो बात गई”, रामधारी सिंह दिनकर की “कलम आज उनकी जय बोल” एवं “समर शेष है”, मैथिलीशरण गुप्त की “नर हो न निराश करो मन को”, महादेवी वर्मा की “जो तुम आ जाते एक बार”, सुभद्रा कुमारी चौहान की “वीरों का कैसा हो बसंत”, नागार्जुन की “गुलाबी चूड़ियां”, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की “वर दे वीणा वादिनी वर दे” एवं “वह तोड़ती पत्थर” गजानन माधव मुक्तिबोध की “मुझे कदम-कदम पर” तथा  पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की “मातृ मूर्ति”, मुकुटधर पांडेय की “धूप में छांव मेंी

स” जैसी प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय कविताओं का अलग अलग वरिष्ठ जनों ने काव्य पाठ किया। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा ने की।अपने स्कूल एवं कालेज के दिनों में पढ़े हुए प्रसिद्ध कविताओं को सुनकर उपस्थित वरिष्ठ नागरिक गण आनंदित होते रहे।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी आज विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है। उन्होंने हिंदी दिवस पर कवि गोष्ठी में राष्ट्रीय कवियों की रचनाओं का पाठ करने को अनूठी एवं  अनुकरणीय परंपरा बताया।

   वरिष्ठ नागरिक महासंघ के प्रमुख सलाहकार घनश्याम कुमार देवांगन ने बताया कि इस तरह के आयोजन का उद्देश्य हिंदी के श्रेष्ठ साहित्यकारों की रचनाओं को आम पाठकों तक पहुंचाना है। आगामी दिनों में इसी तरह की साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन कर हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कहानीकारों की रचनाओं का वाचन किया जाएगा। हिंदी दिवस के अवसर पर डॉ महेश चंद्र शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “गागर में सागर” उपस्थित जनों को भेंट की गई। इस आयोजन की सभी श्रोताओं ने प्रशंसा की और कहा कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से होते रहना चाहिए।

इस अवसर पर भिलाई वरिष्ठ नागरिक महासंघ के वरिष्ठ सलाहकार घनश्याम कुमार देवांगन, अध्यक्ष पुरुषोत्तम साहू, महासचिव गजानंद साहू, उपाध्यक्ष बलबीर सिंह सहगल, कांतिलाल विश्वकर्मा, धानेश्वर निर्मल, श्रीमती छाया विश्वकर्मा, तृप्ति नंदी, जयति साहू आदि सहित विभिन्न सियान सदनों के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य गण महिलाओं सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन गजानंद साहू एवं आभार प्रदर्शन जे.आर. साहू ने किया।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी आज विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है। उन्होंने हिंदी दिवस पर कवि गोष्ठी में राष्ट्रीय कवियों की रचनाओं का पाठ करने को अनूठी एवं  अनुकरणीय परंपरा बताया


scroll to top