भिलाई इस्पात संयंत्र में मनाया गया 10 वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस…..

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भिलाई नगर 21 जून 2024:-  भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा, 10 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून, 2024 को भिलाई निवास के बहुउद्देशीय सभागार में प्रातः 7.30 बजे से 8:30 बजे तक योगाभ्यास का मुख्य आयोजन किया गया। इस योगाभ्यास में कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं)  एस मुखोपाध्याय, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन)  पवन कुमार, कार्यपालक निदेशक (खदान)  बी के गिरी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवांयें) डॉ एम रविन्द्रनाथ विशेष रूप से उपस्थित थे।

भिलाई निवास में आयोजित योगाभ्यास में, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री संदीप माथुर, महाप्रबंधक (मानव संसाधन- गैर संकार्य एवं खदान) श्री सूरज कुमार सोनी, ओए के महासचिव श्री परविंदर सिंह, विभिन्न विभागों के मुख्य महाप्रबंधकगण एवं अधिकारीगण सहित लगभग 50 कर्मचारियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम क्रीडा सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस वर्ष भिलाई इस्पात संयंत्र का योगाभ्यास “योग-स्वयं और समाज के लिए” विषय पर केंद्रित था। इसके साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों में भी योगाभ्यास का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मंच पर योग शिक्षक श्री रैनोबेस सरकार द्वारा योग का अभ्यास कराया गया, जहाँ मंच पर उनके साथ ध्यान, विभिन्न योगासन एवं प्राणायाम अभ्यासों का प्रदर्शन करने श्री जी पी सिंह उपस्थित थे।

कार्यक्रम के संयोजन में उप महाप्रबंधक (क्रीडा सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ) श्री एस आर जाखड़, उप प्रबंधक (क्रीडा सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ) श्री अभिजीत भौमिक का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन, क्रीडा सांस्कृतिक एवं नागरिक सुविधाएँ विभाग के  सरजीत चक्रवर्ती द्वारा किया गया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य स्वास्थ्य, आध्यात्मिक विकास और वैश्विक शांति के लिए योग को बढ़ावा देना है। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है। भारत की इस प्राचीन योग प्रथा को शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण और आध्यात्मिक विकास पर इसके गहन प्रभाव के लिए सम्पूर्ण विश्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे स्वीकारा गया है। योग, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य, विचार, संयम और स्फूर्ति प्रदान करने करने में सहायक है।

योग सभी के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है। यह थीम सभी के समग्र कल्याण में योग की भूमिका पर जोर देती है और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर योग के परिवर्तनकारी प्रभाव को बढ़ावा देती है। भारत की योग पद्धति को आज विश्व में अनेक देशों द्वारा मान्यता दी जा चुकी है।


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