सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मैत्री बाग में मनाया गया 38 वाँ कब-बुलबुल उत्सव

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भिलाई नगर 4 दिसंबर 2023 :- सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के शिक्षा विभाग एवं भारत स्काउट गाइड ज़िला संघ भिलाई के तत्वावधान में, 38 वाँ कब-बुलबुल उत्सव, 04 दिसम्बर 2023 को मैत्री बाग के मोमबत्ती गार्डन में मनाया गया। इस उत्सव के समापन तथा पुरस्कार वितरण समारोह के विशिष्ट अतिथि, मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन एवं सीएसआर) श्री जे वाय सपकाले तथा उप महाप्रबंधक (टीएसडी/उद्यानिकी) डॉ एन के जैन थे।

इस अवसर पर श्री जे वाय सपकाले ने कब बुलबुल द्वारा किये गये गतिविधियों की सराहना की तथा उत्सव में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने अभिभावकों को इस तरह के कार्यक्रम में बच्चों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद दिया। उत्सव में सम्मिलित सभी शालाओं में से, भिलाई इस्पात विकास विद्यालय सेक्टर-6 विजेता रहा।

कार्यक्रम का उद्घाटन, जिला आयुक्त (गाइड) एवं प्राचार्या (सीनियर सेकंडरी स्कूल सेक्टर -10) श्रीमती सुमिता सरकार द्वारा स्काउट-गाइड का ध्वजारोहरण करके किया गया। झंडा गीत व ईश-प्रार्थना के बाद जिला आयुक्त (स्काउट) एवं प्राचार्य (भिलाई विद्यालय सेक्टर-2) श्री विजय सिंह पवार ने, सभी निर्णायकों का स्वागत करते हुए, स्वागत भाषण दिया तथा कार्यक्रम को गति प्रदान की।

इस अवसर पर अर्जुन अवार्डी, ओलंपियन एवं उप महाप्रबंधक (क्रीड़ा-शिक्षा विभाग) श्री राजेंद्र प्रसाद ने बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कब-बुलबुल उत्सव और इसके विविध प्रतियोगिताओं से बच्चों में अनुशासन जागृत होता है, जो आगे इनके जीवन को सही राह पर ले जाने में सहायता करता है।

इस उत्सव में विविधता से भरे रंगारंग कार्यक्रमों में बीएसपी के आठ अलग-अलग शालाओं के 275 कब-बुलबुल ने भाग लिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। जिसमें गांठ, चित्रकला, सामूहिक नृत्य, बुलबुल ट्री, विविध वेशभूषा, गंध प्रतियोगिता, साहसिक गतिविधि, झंडा गीत प्रतियोगिता, प्रतिज्ञा नियम आदि शामिल हैं। सभी प्रतियोगिताओं में कब-बुलबुल ने पूरे जोश के साथ भाग लिया।

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी, कब बुलबुल उत्सव-2023 में, दस अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन कर बच्चों में निहित प्रतिभाओं का मूल्यांकन किया गया। कब-बुलबुल द्वारा, सामूहिक नृत्य में प्रकृति, पशु-पक्षियों, परियों की वेशभूषा एवं मुखौटे आदि का प्रयोग करते हुए संगीतमय नृत्य की प्रस्तुती दी गई। जिसने आयोजकों, निर्णायकों एवं दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर लिया।

 सांस्कृतिक प्रस्तुतीकरण में कागभौड़ा में जंगल, जल और अपनी जमीन की रक्षा के लिए बस्तर जिले के आदिवासी आंदोलन पर आधारित घटना के मंचन ने सभी को भावविभोर कर दिया। इनके अलावा स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मी बाई, चंद्रयान-3 के सफल मिशन और देशभक्ति पर आधारित छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य को विशेष सराहना मिली।

कब-बुलबुल उत्सव में सम्पन्न होने वाली इन विभिन्न प्रतियोगिताओं हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग के द्वारा मनोनीत छः शासकीय विद्यालयों में कार्यरत, 03 स्काउट व 03 गाइडर ने निर्णायक की भूमिका निभाई। स्पष्ट प्रस्तुतिकरण, गणवेश, निर्धारित समय सीमा, अनुशासन, कौशल आदि के मानदंण्ड के अनुरूप ही उत्कृष्ठ विजेताओं का चयन किया गया।

समारोह का संचालन, मनीष तिवारी एवं प्रधान पाठिका (ई.एम.एम.एस-मरोदा) श्रीमती सरिता बहल, ने किया। कर्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन, श्रीमती सुमिता सरकार प्राचार्य (एसएसएस-10) ने किया ।


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