बिलासपुर 10 अगस्त 2024 :- श्रीकांत वर्मा मार्ग, विनोबा नगर निवासी व्यास नारायण भारद्वाज, जांजगीर-चांपा में पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ थे। 30 जून 2022 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति के 02 (दो) वर्ष बाद भी उनके विरूद्ध वसूली आदेश का हवाला देते हुए उनकी मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण एवं अन्य राशि रोक दी गई।
सेवानिवृत्ति के 02 (दो) वर्ष पश्चात् भी समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान ना होने से क्षुब्ध होकर रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर व्यास नारायण भारद्वाज द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई।
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 9 इसके साथ ही हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा पूर्व में श्यामदेव विरूद्ध छ.ग. शासन एवं अन्य के वाद में यह न्याय निर्णय दिया गया कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के रिटायरमेन्ट के दिन उनके समस्त सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान तत्काल कर दिया जाये
, परंतु याचिकाकर्ता के मामले में उनके विरूद्ध वसूली आदेश का हवाला देते हुए उन्हें वसूली आदेश की कापी प्रदाय नही की जा रही उसके साथ ही याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति देयक से वसूली हेतु दबावपूर्वक याचिकाकर्ता से सहमति मांगी जा रही है। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा दिनांक 12.07.2024 को पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर एवं पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा से जवाब मांगा गया था कि सेवानिवृत्ति के 02 (दो) वर्ष पश्चात् भी याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान क्यों नहीं किया गया,
इसके साथ ही यदि कोई वसूली आदेश हो तो उसकी प्रति भी हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश किया गया। 05.08.2024 को उत्तरवादीगण द्वारा किसी प्रकार का जवाब प्रस्तुत ना किये जाने पर हाईकोर्ट द्वारा पुनः पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर एवं पुलिस अधीक्षक – जांजगीर-चांपा को तत्काल इस मामले में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए अगली तिथि 26 अगस्त 2024 की नियत कर दी गई।