दुर्ग 08 अक्टूबर 2024:- हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा जनजाति गौरव माह अंतर्गत एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन शासकीय विश्वनाथ यादव तामरकर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग परिसर में स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन हॉल में सम्पन्न हुआ।
यह जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव एवं कार्यक्रम समन्वयक, हिमांशु शेखर मंडावी ने बताया कि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संभागायुक्त एवं कुलपति सत्य नारायण राठौर, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. राजेश पाण्डेय, अपर संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय उच्च शिक्षा विभाग, दुर्ग संभाग, कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में डॉ. एम. ए. सिद्दीकी, प्राचार्य, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग, डॉ. अनुराग जैन, प्रांत अध्यक्ष, वनवासी विकास समिति, वैभव सुरन्गे, अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख, वनवासी विकास समिति शामिल हुए।
कार्यशाला का शुभारंभ भगवत् दीप प्रज्वलन एवं भगवान बिरसा मुंडा, वीर नारायण सिंह के छायाचित्रों पर माल्यार्पण करके, राजकीय गीत एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत के गायन से हुआ। तत्पश्चात् सभी मंचस्थ अतिथियों का पौधा भेंटकर स्वागत किया गया। इस दौरान जनजातीय पृष्ठभूमि से संबंधित एक लघु चलचित्र का प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शन भी किया गया।
अध्यक्षीय उद्बोधन डॉ एम. ए. सिद्दीकी ने दिया। कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. अनुराग जैन ने प्रस्तुत करते हुए जनजातीय अतीत को गौरवशाली बताया। विशिष्ट अतिथि के उद्बोधन हेतु डॉ. राजेश पाण्डेय को आमंत्रित किया गया उन्होंने जनजातीय जनों से संबंधित कुछ अनसुने प्रसंग के विषय में कार्यशाला में जानकारी प्रदान किया।
संभागायुक्त एवं कुलपति सत्य नारायण राठौर ने अपने मुख्य अतिथि के उद्बोधन में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जनजातीय बन्धुओं की तरह ही प्रकृति से प्रेम करते हुए प्रकृति के संरक्षण का कार्य करना चाहिए। इस कार्यशाला में स्त्रोत वक्तव्य देते हुए वैभव सुरन्गे ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत के विभिन्न आयामों से सभी को परिचित कराया उन्होंने अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज से संबंधित कई संदेश एंव सूचनाएं श्रोतागणों को प्रेषित किया।
इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, सहायक प्राध्यापक, भूगर्भशास्त्र, शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन विश्वविद्यालय के कुलसचिव, भूपेन्द्र कुलदीप ने किया। यह कार्यकम दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र में स्त्रोत वक्ता वैभव सुरन्गे ने जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान के संबंध में व्याख्यान दिया।
द्वितीय सत्र में महाविद्यालयों के प्रतिनिधिगण से कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी, सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्रतिनिधिगण, एनएसएस के स्वयं सेवक एवं शोधार्थी तथा विद्यार्थी सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।