58 वां अभियंता दिवस समारोहडॉ. राजीव प्रकाश “लाइफटाइम इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड” से सम्मानित…

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58 वां अभियंता दिवस समारोह
डॉ. राजीव प्रकाश “लाइफटाइम इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड” से सम्मानित

भिलाई नगर 19 सितंबर 2025:- द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा द्वारा सोमवार,  15 सितम्बर, 2025 को 58 वें अभियंता दिवस समारोह का आयोजन भिलाई में सिविक सेन्टर स्थित इंजीनियर्स भवन में किया गया|
कार्यक्रम में  ए. के. चक्रबर्ती, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन ) सेल भिलाई इस्पात संयंत्र मुख्य अतिथि, प्रोफेसर राजीव प्रकाश, निदेशक , आईआईटी , भिलाई , तथा प्रोफेसर संजय तिवारी, कुलपति , हेमचंद यादव विश्वविध्यालय दुर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।


इस वर्ष अभियंता दिवस के विषय ”डीप टेक एंड इंजीनियरिंग एक्सीलेंस : ड्राइविंग इंडियास टेक एड“ पर विशिष्ट अतिथि एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर संजय तिवारी ने व्याख्यान दिया | कार्यक्रम की अध्यक्षता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई स्थानीय केंद्र के चेयरमैन  पुनीत चौबे ने की।


कार्यक्रम के प्रारम्भ में द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के सचिव श्री बसंत साहू ने अतिथियों का स्वागत करते हुए द इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स की गतिविधियों और उद्देश्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
श्रीमती बोन्या मुख़र्जी महाप्रबंधक (परियोजना ) भिलाई इस्पात संयंत्र ने भारत रत्न सर मोक्षगुन्दम विश्वेश्वरायाजी के जीवन परिचय और योगदान को उपस्थित श्रोताओं से साझा किया |


इस अवसर पर द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), भिलाई स्थानीय केंद्र द्वारा डॉ. राजीव प्रकाश को “लाइफटाइम इंजीनियरिंग एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।  चैतन्य वेंकटेश्वर , महाप्रबंधक, सेट सेल ने  राजीव प्रकाश  द्वारा इंजीरिंग क्षेत्र में किये गए प्रयासों और योगदानों को सभा के समक्ष प्रस्तुत किया।


मुख्य अतिथि  ए के चक्रबर्ती, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन ) सेल, भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने उदबोधन में कहा कि अभियंता हमेशा बेहतर विश्व के निर्माण की परिकल्पना करते हैं और उन्हें मूर्त रूप देते हैं | उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में तकनीक में बहुत तेजी से परिवर्तन हो रहा है और अभियंताओं को इस बदलाव को स्वीकार कर अपनी कार्यशैली में आत्मसात करना होगा |

ए के चक्रबर्ती ने कहा कि डिजिटल युग के आगमन से आने वाले 7-8 वर्षों में मानव संसाधनो की आवश्यकता लगभग तीस प्रतिशत तक घट जायेगी। उन्होंने अभियंताओं को नवाचार तथा नयी तकनीक से सामंजस्य बिठाने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राजीव प्रकाश , निदेशक , आई आई टी भिलाई ने अपने उदबोधन में एक सतत भविष्य के निर्माण हेतु अनुसन्धान , नवाचार एवं योजना के बीच गठजोड़ पर बल दिया | उन्होंने कहा कि शीर्ष अत्याधुनिक गहन प्रौद्योगिकियों जैसे क्वाण्टम कंप्यूटिंग, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस , ब्लाक चैन , रोबोटिक्स, डीप लर्निंग आदि के माध्यम से 21 वीं शताब्दी का भविष्य निर्धारित होगा | प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने कहा कि भविष्य में मनुष्यों की प्रतिस्पर्धा मशीनों और अर्टिफिकैल इंटेलेजन्स से होगी हमें अपने आप को इसके लिए तैयार कारण होगा। उन्होंने कहा कि आज चिकित्सा के क्षेत्र में रोबोटिक्स के माध्यम से जटिल ऑपरेशन सुगमता पूर्वक हो रहे हैं | प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने उद्योग, अकादमिक संस्थानों तथा अनुसन्धान इकाइयों के बीच वास्तविक समन्वय पर बल दिया |


उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब प्रत्येक उद्योग के परिसर में अकादमिक संस्थानों की इकाई स्थापित हो तथा अकादमिक संस्थानों के परिसर में उद्योग प्रतिनिधि रहें। तभी सही मायने में अनुसन्धान के परिणाम उद्योग जगत में पहुचेंगे और हम भारत को एक आत्म निर्भर देश बना सकेंगे | प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने इस बारे में जापान तथा ताइवान द्वारा किये जा रहे प्रयासों और सफलता की कहानी साझा की | उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी बेहतरीन टेक्नोलॉजीज को समाज के सबसे कमजोर वर्ग के उत्थान और विकास के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए | श्री प्रकाश ने आई आई टी द्वारा बस्तर में कृषि क्षेत्र में ड्रोन दीदी के माध्यम से कृषि एवं महिला सशक्तिकरण की दिशा में किये गए कार्यों की जानकारी साझा की| उन्होंने अत्याधुनिक गहन प्रौद्योगिकियों के द्वारा छत्तीसगढ़ में कृषि, खाद्य प्रसंस्करण , पशुधन विकास , कोसा तथा बस्तर के टेक्सटाइल के विकास तथा संरक्षण के बारे में एक लघु कार्य योजना का उल्लेख किया ।
विशिष्ट अतिथि एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर संजय तिवारी, कुलपति , हेमचंद यादव विश्वविध्यालय दुर्ग ने अपने प्रस्तुतीकरण में भारत में डीप टेक तथा उससे जुड़े बिन्दुओं पर चर्चा की | उन्होंने भारत के सतत विकास में इन गहन प्रौद्योगिकियों के पारिस्थितिकी तंत्र बनाए जाने का एक रोडमैप प्रस्तुत किया जिसमे स्टार्टअप , योजनागत मदद , अनुसन्धान ढांचे को सशक्त बनाने , निवेश की आवश्यकता , वैश्विक उपस्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक बताया | प्रोफेसर संजय तिवारी ने डीप टेक की प्रमुख विशेषताएं बताई और उन्हें हासिल करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की | उन्होंने भारतीय टेक एड की 2014 से 2025 की यात्रा को क्रमवार बताया | प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि 2015 में डिजिटल इंडिया से प्रारंभ हुई भारत की टेक एड यात्रा जनधन , यू पी आई , भारत्नेट , डिजीलाकर , स्टार्टअप , स्पेस टेक्नोलॉजी , ए आई , सेमीकंडक्टर से 2025 में हरित उर्जा तक पहुंची है और देश को विश्व की बड़ी तथा ताकतवर अर्थव्यवस्था बनाने में बड़ा योगदान देगी | उन्होंने कहा कि भारत में महाराष्ट्र , कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप स्थापना तथा निवेश में अग्रणी राज्य हैं | प्रोफेसर संजय तिवारी ने भारत सरकार द्वारा डीप टेक स्टार्टअप को समर्थन एवं बढ़ावा देने हेतु विभिन्न योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी दी | उन्होंने कहा कि डीप टेक को मूर्त रूप देने में अकादमिक संस्थानों एवं अनुसंधान इकाइयों की प्रमुख भूमिका होगी जिसके लिए इन्हें और सशक्त बनाना होगा |


इस मौके पर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा ने विभिन्न महाविद्यालयों के 11 इंजीनियरिंग के विद्याथियों को इंस्टीट्यूशन की गतिविधियों में उनके विशेष योगदान के लिए प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया।


कार्यक्रम में  प्रदीप तिवारी,  पी के तिवारी ,  बी पी यादव पूर्व अध्यक्ष द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई शाखा,  एस सी आनंद , पूर्व मुख्य महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र, राज्य शासन , सेट/सेल भिलाई , भिलाई इस्पात संयंत्र, एन एस पी सी एल , ए सी सी, मेकान के सेवानिवृत एवं कार्यरत अधिकारी , इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के सदस्य और भिलाई दुर्ग के विभिन्न महाविद्यालयों के संकाय सदस्य एवं छात्र छात्रा उपस्थित थे। कार्यक्रम का सञ्चालन  विक्की कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन पूर्व मान सेवी सचिव  नागेन्द्र त्रिपाठी ने दिया |


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