बीएसपी  ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों में कार्यरत कार्मिकों के हितों की रक्षा हेतु इस्पात मंत्री से की चर्चा…. विभिन्न मुद्दों से अवगत कराते हुए,शीघ्र निराकरण की कि अपील। निजीकरण का किया विरोध….

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भिलाई नगर 18 सितंबर 2024:- बीएसपी, ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अध्यक्ष  नरेंद्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में इस्पात भवन स्थित डायरेक्ट इंचार्ज सभागार में केंद्रीय इस्पात मंत्री  एचडी कुमार स्वामी से मुलाकात की। इस बैठक में ओए के अध्यक्ष  नरेंद्र कुमार बंछोर सहित महासचिव  परविंदर सिंह, कोषाध्यक्ष  अंकुर मिश्रा,उपाध्यक्ष द्वय  तुषार सिंह,  अखिलेश मिश्रा, उपाध्यक्ष माइंस  नितेश छत्री उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त इस बैठक में सेल अध्यक्ष  अमरेंदु प्रकाश, बीएसपी के डायरेक्टर इंचार्ज  अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (एच आर)  पवन कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।

बंछोर ने  इस्पात मंत्री से इस्पात क्षेत्र के समग्र विकास हेतु सारगर्भित चर्चा की। श्री बंछोर ने इस्पात क्षेत्र में हो रहे निजीकरण के प्रयासों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की मांग रखी। जिससे इन राष्ट्रीय संपत्तियों तथा इनसे जुड़े रोजगार को अक्षुण बनाए रखा जा सके, सामाजिक सौहार्द्र को बनाए रखा जा सके और विकास की धारा को गति दी जा सके। इसके अतिरिक्त आर्थिक सामाजिक समरसता को भी बनाए रखा जा सकेगा।

श्री बंछोर देशहित में इस्पात क्षेत्र को पुनः रणनीतिक क्षेत्र घोषित करने की मांग, सार्वजनिक इस्पात उपक्रमों के समग्र उन्नयन हेतु अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के साथ रणनीतिक विलय करने का भी आग्रह किया। इसी प्रकार विभिन्न ज्वाइंट वेंचर का निर्माण कर, प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम बनाने के उपाय किए जाएं।

ओए ने इस्पात क्षेत्र के उपक्रमों के समक्ष नवीन चुनौतियां के सामना करने हेतु कच्चे माल की सुलभ उपलब्धता निर्धारित करने की मांग रखी, जिससे इस्पात संयंत्र की लाभप्रदता में समग्र वृद्धि हो सके। विदित हो की एनएमडीसी एवं कोल इंडिया जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के खनन उपक्रमों के साथ लॉन्ग टर्म एम ओ यू होने इस्पात कंपनियां की उत्पादकता व लाभप्रदता को बनाए रखा जा सकेगा।

माननीय इस्पात मंत्री को अधिकारियों एवं कर्मचारी के कल्याण से संबंधित बहुलंबित मुद्दों से भी अवगत कराया गया। इन मुद्दों में प्रमुख हैं:- सेल में एक समान आवासीय भत्ते की नीति बनाने का किया गया आग्रह। केंद्रीय कर्मचारियों की तरह एच ए पर्क्स की राशि को आयकर गणना में शामिल न करने की मांग की।
ओए ने इस्पात मंत्री से भिलाई टाउनशिप को स्टील सिटी का दर्जा प्रदान करने की मांग रखी।

सेल पेंशन योजना में डीपीई दिशा निर्देशानुसार प्रत्येक माह 9% की दर से सेल पेंशन के मद में राशि का स्थानांतरित किया जाए। इसके साथ ही ओए ने सेल पेंशन मद में सेल द्वारा राशि के स्थानांतरण में किए गए 14 वर्षों के विलंब हेतु इस राशि पर ब्याज के भुगतान का अनुरोध किया।

ओए ने इस्पात मंत्री से ईपीएस-95 के तहत हायर पेंशन प्रदान करने में आ रही विभिन्न बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया। जिससे कि सेवानिवृत्ति कार्मिकों को सम्मानजनक जीवनयापन की राशि प्राप्त हो सके। इसके साथी ही वर्ष 2018-19 का इंक्रीमेंटल पीआरपी देने की भी मांग की। पे रिवीजन के तहत बचे 39 माह के एरीयर्स के भुगतान की भी मांग रखी। जनवरी 2017 से फरवरी 2018 के मध्य सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों को ग्रेच्युटी की बढ़ी हुई दर से भुगतान करने की मांग रखी गई। ओए ने मेडिक्लेम पर लगने वाली जीएसटी की राशि को समाप्त करने का आग्रह किया।

ओए ने अपने अधिकारियों को बेहतर आवास न मिलने के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया। श्री बंछोर ने मंत्री जी से आग्रह किया कि आज भिलाई टाउनशिप में ऐसे राज्य सरकार अधिकारी जो दुर्ग जिले में पदस्थ नहीं है उनका अन्यंत्र स्थानांतरण हो चुका है या वे सेवानिवृत हो चुके हैं उसके बाद भी वे बीएसपी के बड़े मकानों पर काबिज हैं। इस प्रकार के कब्जे के चलते अधिकारियों को अपने ग्रेड के अनुरूप बेहतर आवास प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं। अतः इन काबिज सरकारी अधिकारियों को शीघ्रतिशीघ्र खाली कराने की मांग की। जिससे बीएसपी अधिकारियों को बेहतर आवास प्राप्त हो सके।

ओए ने इस बैठक में इस्पात उत्पादन को बेहतर बनाने हेतु इंसेंटिव रिवॉर्ड स्कीम को बेहतर बनाने तथा डेली रिवॉर्ड को पुनः प्रारंभ करने की पुरजोर मांग की। जिससे कार्मिकों को बेहतर उत्पादन व सुरक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके।

इस संदर्भ में मंत्री  ने समस्या को धैर्य पूर्वक सुनते हुए सकारात्मक रुख दिखाते हुए इन समस्याओं पर शीघ्र निराकरण के संकेत दिए। इसके साथ ही केंद्रीय इस्पात मंत्री माननीय श्री एचडी कुमार स्वामी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की इस्पात क्षेत्र में निजीकरण नहीं होगा। इस हेतु उनके मंत्रालय द्वारा समुचित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ओए से कहा कि इस्पात संयंत्र के लाभप्रदता को बढ़ाने हेतु संपूर्ण इस्पात बिरादरी को अभिप्रेरित करें।


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