भिलाई नगर 16 सितंबर 2024:– गौ तस्करी को संरक्षण देने वाले पुलिस के एक आरक्षक को जेल भेजा गया है। आरोपी आरक्षक डिलेश्वर पठारे दुर्ग जिले के पाटन थाने में पदस्थ था। बीते 10 सितंबर को ग्राम फुंडा के एक फार्म हाउस से होने वाली गौ तस्करी का पुलिस ने पर्दाफाश किया था। मौके से मामले का मुख्य आरोपी भाग निकला। वहीं जांच में गौ तस्करी को संरक्षण देने का खुलासा होने पर पाटन पुलिस ने अपने ही आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में पुलिस महकमे को गौ तस्करों पर लगाम कसने का निर्देश दिया था। जिसके बाद दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में दुर्ग जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारियों की बैठक ली। इस बैठक में आईजी श्री गर्ग ने गौ तस्करी के मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश महकमे को दिया था। इसका असर एक दिन बाद रविवार को पाटन थाने में देखने को मिला है। पाटन थाने में पदस्थ आरक्षक डिलेश्वर पठारे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे जेल भेजा गया।
पुलिस के मुताबिक बीते 10 सितंबर को पाटन थाने के फुंडा में रात्रि गश्त के दौरान सूचना मिली की पेट्रोल पंप से 200 मीटर आगे फार्म हाउस में बड़ी संख्या में भैंस को कत्लखाने भेजने की तैयारी है। पुलिस टीम ने वहां छापामार कार्रवाई किया। मौके पर पुलिस को एक ट्रक मिला, जिसमें 5 नर भैंस और 38 मादा भैंस को ठूंसकर भरा गया था। पुलिस ने वहां पर मौजूद उत्तर प्रदेश निवासी इश्तगार अहमद उर्फ भूरा पिता अफरोज अहमद ( 48 वर्ष ) को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो उसने भैंसों को कटनी मध्य प्रदेश के कत्लखाने लेकर जाने की जानकारी दी। इस मामले में पुलिस को फार्म हाउस के मालिक संजय गिरी गोस्वामी की तलाश है। कार्रवाई की भनक लगते ही संजय गिरी गोस्वामी फरार हो गया है।
गौ तस्करी के इस मामले में पाटन पुलिस के आरक्षक डिलेश्वर पठारे की संलिप्तता होने का संदेह होने पर वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। चर्चा है कि इस मामले में फार्म हाउस का संचालक संजय गिरी गोस्वामी मुख्य आरोपी है। आरक्षक से सांठगांठ के चलते पुलिस के पहुंचने से पहले संजय गिरी गोस्वामी फरार हो गया। पुलिस ने सीडीआर की जांच किया तो इस बात की पुष्टि हुई। इसके बाद आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया।
तस्कर के संपर्क में था सिपाही
जांच करने पर पता चला कि गौ तस्करी का मुख्य आरोपी संजयगिरी गोस्वामी है। उसी के फार्म हाउस में बेजुबानों को ट्रक में ठूंसकर भरा गया था। मध्य प्रदेश के कटनी कत्लखाना भेजा जाता जा रहा था। पुलिस ने जब संजय का सीडीआर खंगाला तो पता चला कि पाटन थाने में पदस्थ आरक्षक डिलेश्वर पठारे लगातार उसके संपर्क में था।
फोन कर जानकारी दी, तो भाग गए तस्कर
पुलिस ने जब फार्महाउस में रेड मारी तो आरक्षक डिलेश्वर पठारे ने संजय को फोन करके इसकी जानकारी दे दी थी। इसलिए वो गाड़ी और मवेशी छोड़कर वहां से अपने साथियों के साथ फरार हो गया था। सिपाही के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अपराध दर्ज कर पाटन पुलिस ने अपने ही थाना में तैनात आरक्षक डिलेश्वर पठारे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।