MMS कांड ब्रेकिंग:- विधायक देवेंद्र यादव बयान दर्ज करने पहुंचे थाने…. फोटोग्राफी और वाइस सैंपल नहीं दिए…सरकार का रवैया दोहरा चरित्र को दर्शाता है एक मामले में CBI जांच और दूसरे मामले में 7 महीने बाद सिर्फ FIR:- देवेंद्र यादव…

IMG-20240715-WA1593.jpg

भिलाई नगर 16 जुलाई 2024:-  विधानसभा चुनाव के पहले आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के मामले में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव सोमवार को अपना बयान दर्ज कराने भिलाई नगर थाना पहुंचे। टीआई के कक्ष में बैठकर डेढ़ घंटे तक धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया। उनसे आपत्तिजनक वीडियो के सोर्स के बारे में बयान लिया गया। हालांकि इस दौरान विधायक ने फोटोग्राफी और वाइस सैंपल नहीं दिए। देवेंद्र ने कहा कि जिस तरह राजेश मूणत के केस में सीबीआई जांच हुई, वैसे ही इस मामले में भी सीबीआई से जांच कराई जाए।

विधायक देवेंद्र यादव बयान दर्ज कराने पहुंचे थाने एमएमएस कांड से जुड़े साक्ष्य पेश करने दिया गया था नोटिस भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव सोमवार को एमएमएस कांड के मामले में अपना बयान दर्ज कराने भिलाई नगर थाने पहुंचे। कक्ष में विधायक देवेंद्र यादव का डेढ़ घंटे तक बयान दर्ज किया गया। इस दौरान एमएमएस कांड से जुड़े मामले में उनसे कई सवाल भी पूछे।


गौरतलब हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान एक टटर वायरल हुआ था। उसमें एक युवक एक लड़की के साथ नाजायज संबंध स्थापित करते हुए दिखाया गया था। भाजपा के कुछ लोगों ने ऐसा दावा किया था कि टटर में महिला के साथ जो सख्स है वो विधायक देवेंद्र यादव है। इसके बाद विधायक देवेंद्र यादव ने खुद एक प्रेस कांफ्रेस बुलाई थी और रो-रोकर कहा था कि ये फर्जी एमएमएस उन्हें बदनाम करने के लिए विपक्षी लोगों द्वारा जारी किया गया था। विधायक देवेंद्र यादव ने ये भी दावा किया था कि एमएमएस में दिख रहा व्यक्ति देवेंद्र यादव नहीं है। उन्होंने कहा था कि वो एमएमएस चार महीने पहले उनके पास आया था। इसको लेकर उन्होंने भिलाई नगर थाने में शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने उस एमएमएस की जांच भी कराई थी, जिसमें यह बताया गया कि एमएमएस में दिख रहा व्यक्ति देवेंद्र यादव नहीं है।

गृहमंत्री बढ़ते अपराधों पर क्यों नहीं बोल रहे
विधायक देवेंद्र यादव ने मीडिया के सामने कहा कि दुर्ग भिलाई और पूरे राज्य में चाकूबाजी, लूट जैसे गंभीर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। गृहमंत्री उस पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं। उनको सिर्फ ये एमएमएस कांड की सुध है और वो मीडिया में बयान दे रहे हैं कि इसकी जांच कराएंगे। देवेंद्र यादव ने कहा कि गृहमंत्री क्या इसकी जांच कराएंगे उन्होंने इसकी एफआईआर दर्ज कराई है और मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की पूरी जांच कराएं।

सरकार का रवैया दोहरा चरित्र को दर्शाता है एक मामले में CBI जांच और दूसरे मामले में 7 महीने बाद सिर्फ FIR:- देवेंद्र यादव

मेरे आवेदन पर FIR के 4 महीने बाद बयान लेने बुलाना गृह मंत्रालय की कार्यशैली को दर्शाता है  भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को भिलाई नगर थाना ने 13 जुलाई को विधायक देवेंद्र यादव के आवेदन पर किए गए FIR के पश्चात नोटिस जारी कर अपने बयान के लिए बुलाया था, उक्त मामले में विधायक आज सेक्टर 6 कोतवाली पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया, देवेंद्र यादव ने बताया कि सर्वप्रथम पुलिस को 2/8/ 2023 को मेरे साथी देवेश पाणिग्रही ने आवेदन देकर वायरल हो रहे

आपत्तिजनक वीडियो की जानकारी दी थी एवं उच्च स्तरीय जांच और FIR की मांग की गई, इसके पश्चात विधानसभा चुनाव के दौरान 15 नवंबर 2023 को सार्वजनिक रूप से प्रेस कांफ्रेंस करके सीबीआई जांच की मांग की थी फिर विधानसभा चुनाव के पश्चात 29/1/2024 को पत्राचार किया गया था इसके पश्चात पुन 23 फरवरी 2024 को माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी एवं विधानसभा में प्रत्यक्ष रूप से विधानसभा में प्रत्यक्ष रूप से माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष आवेदन देकर FIR एवं सीबीआई जांच की मांग की थी तत्पश्चात 22 मार्च 2024 को पुनः आवेदन देकर FIR की मांग की कुल 6 आवेदन और 7 महीने 20 दिन बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और आज लगभग 4 महीने बाद मुझे बयान देने के लिए बुलाया ।।

फोरेंसिक लैब में हो जांच हर सैंपल देने तैयार

विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि कोई भी फोटोग्राफी,वीडियोग्राफी वाइस सैंपलिंग के लिए वह तैयार है वीडियो की उच्च स्तरीय जांच देश के प्रतिष्ठित फॉरेंसिक लैब चंडीगढ़ और गांधीनगर में होनी चाहिए और अगर सैंपल देने के लिए उन्हें जाना पड़े तो उक्त स्थल पर भी वो जाएंगे ।।
मॉर्फ वीडियो बनाने और प्रसारित करने वाले पर हो कार्यवाही
पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए और इस मामले में संलिप्त दोषियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए और जल्द से जल्द इन सब की गिरफ्तारी होनी चाहिए और मुझे न्याय मिलनी चाहिए
सरकार अपना रही दोहरा रवैया
विधायक श्री देवेंद्र यादव ने बताया कि एक और एक मामले में सरकार के तत्कालीन मंत्री के ऊपर आपत्तिजनक वीडियो के मामले में सीबीआई की जांच की जाती है और दूसरी तरफ विपक्ष के विधायक के सात महीने आवेदन देने पर भी सिर्फ FIR होती है और कोई जांच नहीं की जाती ।


scroll to top