पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे के विरुद्ध 7000 पन्नों की चार्जशीट पेश… शराब घोटाले के संगठित गिरोह का सूत्रधार था चैतन्य बघेल… ईडी, EOW-ACB ने भी  गिरफ्तारी के लिए लगाया आवेदन..

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे के विरुद्ध 7000 पन्नों की चार्जशीट पेश… शराब घोटाले के संगठित गिरोह का सूत्रधार था चैतन्य बघेल… ईडी, EOW-ACB ने भी  गिरफ्तारी के लिए लगाया आवेदन..

रायपुर 16 सितंबर 2025:- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने शराब घोटाले के संगठित गिरोह का सूत्रधार बताया है। 3,200 करोड़ रुपये के घोटाले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7,000 पन्नों का आरोप पत्र पेश किया है।ईडी के चालान के अनुसार राज्य में कांग्रेस की सरकार के गठन के बाद 2019 में इस घोटाले की योजना बनाई गई थी।

ईडी ने यह दावा किया है कि चैतन्य बघेल ने पूरे सिंडिकेट के वित्तीय लेन-देन और हिसाब का नियंत्रण अपने हाथ में रखा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि चैतन्य ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को अपने पास रखा और उसे अचल संपत्तियों में निवेश कर सफेद धन के रूप में दिखाने का प्रयास किया। ईडी की जांच के अनुसार, शराब घोटाले के दैनिक संचालन और प्रशासनिक पहलुओं को संभालने -के लिए आइएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को आगे रखा गया था।

वहीं, निर्णय लेने और पैसों के बंटवारे से जुड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी चैतन्य बघेल पर थी। जांच रिपोर्ट में लक्ष्मीनारायण बंसल के बयान का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने चैतन्य बघेल के साथ मिलकर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी का लेंन-देन किया। आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि चैतन्य के निर्देश पर करोड़ों रुपये कांग्रेस पार्टी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल,कांग्रेस नेता केके श्रीवास्तव और अन्य को पहुंचाए गए। इसमें 80-100 करोड़ रुपये श्रीवास्तव को दिए गए, जबकि चैतन्य को एकमुश्त पांच करोड़ रुपये और समय-समय पर 40 लाख रुपये की कई किस्तें दी गईं।

18.90 करोड़ रियल एस्टेट में निवेश

आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि चैतन्य बघेल ने लगभग 18.90 करोड़ रुपये घोटाले से अर्जित धन को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। इसमें से 10 करोड़ रुपये नकद के रूप में डाले गए, जबकि बाकी रकम बैंकिंग चैनलों के माध्यम से सफेद धन के रूप में दर्शाई गई। बघेल के एकाउंटेंट और इंजीनियर से प्राप्त दस्तावेज, आयकर विभाग की कार्रवाई और अन्य गवाहों के बयान इस दावें को पुष्ट करते हैं।

चैतन्य को मिलती थी पैसों के हिसाब-किताब की रोजाना रिपोर्ट

जांच एजेंसी व ईडी ने जांच में महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत भी जुटाए हैं। वाट्सएप चैट्स से यह स्पष्ट हुआ है कि घोटाले की पूरी बुक आफ अकाउंट्स चैतन्य बघेल को नियमित रूप से रिपोर्ट की जाती एक चैट में सौम्या चौरसिया ने अनिल टुटेजा को निर्देश दिया कि अरुणपति  त्रिपाठी को चैतन्य बघेल (बिट्टू) से मिलवाने का प्रयास करें, ताकि हिसाब-किताब से जुड़ी गड़बड़ी को सुलझाया जा सके। इसी तरह अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित के बीच हुई बातचीत से यह साबित हुआ कि घोटाले से निकला पैसा सीधे चैतन्य बघेल तक पहुंच रहा था।

EOW-ACB ने भी गिरफ्तारी के लिए लगाया आवेदन

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भी पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट में आवेदन दिया। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी के अनुसार ईडी और ईओडब्ल्यू बार-बार गिरफ्तारी के लिए आवेदन इसलिए देते हैं ताकि चैतन्य को परेशान किया जा सके। इसी कारण बचाव पक्ष ने पहले ही हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी लंगा दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत जाने की सलाह दी। इस वजह से ईओडब्ल्यू ने अपना आवेदन वापस ले लिया। अब चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर मंगलवार को निचली अदालत में सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई को जन्मदिन के दिन चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पदुमनगर भिलाई तीन निवास से गिरफ्तार किया था।


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