तीन राज्यों में छापों के 72 घंटे बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य उर्फ बिट्टू गिरफ़्तार, 5 दिन की ईडी रिमांड में भेजा गया

मुख्य बिंदु –
⭕️ छत्तीसगढ़, दिल्ली और गोवा में 5 ठिकानों पर 22 घंटे तक चली ईडी की बड़ी कार्रवाई के बाद चैतन्य उर्फ बिट्टू की गिरफ्तारी

⭕️ 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में अहम लाभार्थी के रूप में नाम, पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी
⭕️ दुर्ग स्थित बघेल निवास पर सुबह तड़के ईडी की रेड, भारी सुरक्षा के बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन
द हितवाद (The Hitavada) के न्यूज एडिटर और वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस सिंह के एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किए गए ट्वीट के मुताबिक,
“ED-RPZO arrests ex-CM Bhupesh Baghel’s son Chaitanya alias Bittu, 72 hrs after 3-state liquor scam raids”
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(स्रोत: @truth_finder04 – https://x.com/truth_finder04/status/1946161513879965820?s=46)
रायपुर – भिलाई नगर, 18 जुलाई2025:-
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद चैतन्य बघेल को विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 4 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया। वह 21 जुलाई तक ईडी की कस्टडी में रहेंगे और 22 जुलाई को उन्हें फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान कई अहम बिंदुओं पर जांच की जाएगी जिसमें शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग, बेनामी लेनदेन और घोटाले की रकम के ट्रेल की पड़ताल शामिल है।
इससे पहले, ईडी ने 15 जुलाई को छत्तीसगढ़, दिल्ली और गोवा में एक साथ 5 ठिकानों पर 22 घंटे तक ताबड़तोड़ छापेमारी की थी, जो 16 जुलाई की सुबह तक चली।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में होटल सागर इंटरनेशनल के मालिक विजय अग्रवाल और उनके भतीजे राहुल अग्रवाल के ठिकानों पर छापे मारे गए। दिल्ली में सिर बायोटेक इंडिया लिमिटेड के दो ऑफिसों में रेड की गई, वहीं गोवा में भी एक रिहायशी परिसर और एक कार्यालय को खंगाला गया।
इस कार्रवाई में 70 लाख रुपये नकद जब्त किए गए, साथ ही डिजिटल साक्ष्य और वित्तीय दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। ईडी के अनुसार, इन दस्तावेजों से घोटाले के लेन-देन का पूरा नेटवर्क सामने आया है, जिसमें चैतन्य बघेल की भूमिका सीधे तौर पर उजागर हुई है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“हमने 15 जुलाई की कार्रवाई में जो दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किए, उनसे साफ हुआ कि चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू घोटाले से जुड़े अवैध धन के अहम लाभार्थी हैं। उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद कार्रवाई की गई।”
इसके बाद शुक्रवार सुबह 6:20 बजे दुर्ग में भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की टीम ने पोस्ट-डॉन सर्च ऑपरेशन शुरू किया।ईडी की यह कार्रवाई पीएमएलए की धारा 4 के तहत की गई।
पूछताछ के दौरान चैतन्य बघेल ने सहयोग नहीं किया, जिसके चलते उन्हें पीएमएलए की धारा 19 के तहत दोपहर 12 बजे गिरफ्तार कर लिया गया।

छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब घोटाले के जरिए एक समानांतर सिस्टम चलाया गया, जिसमें बिना टैक्स चुकाए शराब की बिक्री से भारी रकम वसूली गई। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB/EOW) ने घोटाले का आंकलन 3200 करोड़ रुपये तक बताया है, जिसमें से 2100 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है।
इससे पहले जनवरी में ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के महापौर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टूटेजा और ITS अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रायपुर और भिलाई में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। काफिले को रोकने की कोशिश की गई। कोरबा के हरदीबाजार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाने की कोशिश भी की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा—
“दुनिया में कोई ऐसा तोहफा नहीं दे सकता जो मोदी और शाह जी ने दिया। मेरे बेटे के जन्मदिन पर ईडी भेज दी। इस तोहफे के लिए धन्यवाद, इसे लंबे समय तक याद रखूंगा।”
यह छह महीने में तीसरी बार है जब ईडी की टीम ने भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी की है। इससे पहले महादेव सट्टा ऐप और शराब घोटाले से जुड़ी रेड की जा चुकी है।
अब जब चैतन्य बघेल उर्फ बिट्टू 22 जुलाई तक ईडी की रिमांड में हैं, जांच एजेंसी का फोकस अगले स्तर की पूछताछ पर है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, पूछताछ के बाद और भी बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां संभव हैं।
चैतन्य बघेल के बारे में
बघेल परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, चैतन्य ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रायपुर के महर्षि विद्या मंदिर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने भिलाई के शंकराचार्य विश्वविद्यालय से बीकॉम और भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए किया।
व्यवसायिक क्षेत्र में उन्होंने अच्छी पहचान बनाई, लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री योजना तक ही सीमित रह गई। चैतन्य का कांग्रेस से जुड़ाव तो है, पर उन्होंने अब तक संगठन में कोई औपचारिक जिम्मेदारी नहीं संभाली है। चैतन्य रियल एस्टेट क्षेत्र में सक्रिय हैं। दुर्ग जिले के भिलाई शहर में उनकी फर्म ने अब तक 2 रिहायशी टाउनशिप विठ्ठलपुरम और विट्ठलग्रीन्स बनाई है।