केंद्रीय वित्त आयोग के दल ने देखी चित्रकोट जलप्रपात की छटा… चित्रकोट जलप्रपात के अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य से अभिभूत हुआ वित्त आयोग का दल….. कहा, नैसर्गिक खूबसूरती की मिसाल है बस्तर

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रायपुर,13 जुलाई 2024 :- केन्द्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोग के सदस्यों और अधिकारियों का दल आज जगदलपुर पहुंचा। इस दौरान दल ने बस्तर के विख्यात चित्रकोट जलप्रपात पहंुचकर उसकी नैसर्गिक खूबसूरती को करीब से जाना। चित्रकोट जलप्रपात की दूसरे छोर में तीरथा स्थित वॉच टॉवर पर जाकर सभी सदस्यों ने काफी समय तक जलप्रपात को निहारा और उसकी प्रशंसा की।

वित्त आयोग के सदस्य  अजय नारायण झा, श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा, डॉ. सौम्यकांति घोष मौजूद थे। टीम के सदस्य श्री अजय नारायण झा ने नदी के उद्गम और संगम स्थल के बारे में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की वास्तविक और नैसर्गिक खूबसूरती बस्तर में देखने को मिल रही है जहां प्राकृतिक वातावरण बेहद सुंदर है, जो अपने आप में मिसाल है। श्री झा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के बारे में जितना सुना था, उससे भी कहीं ज्यादा बेहतरीन है।

उन्होंने यहां के भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों द्वारा की गई पारंपरिक आवभगत की प्रशंसा की। आयोग के दल ने चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती को अपने कैमरों में कैद किया। इस अवसर पर कलेक्टर  विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक  शलभ सिन्हा भी उनके साथ थे।

बस्तर की लोक संस्कृति की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हुआ केन्द्रीय वित्त आयोग का दल

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में बस्तर पहुँचे आयोग के सदस्यों के सम्मान में जिला प्रशासन द्वारा बस्तर के लोक गीतों और लोक नृत्यों पर रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोक कलाकारों की शानदार प्रस्तुति देखकर वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया और आयोग के सदस्य श्री अजय नारायण झा, श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा, डॉ. सौम्यकांति घोष मंत्रमुग्ध हो गए।

उन्होंने बस्तर की लोक संस्कृति और कलाकारों की मुक्तकंठ से सराहना की। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने गौर नृत्य, परब गीत और नृत्य, बादल अकादमी की प्रस्तुति, दोरला नृत्य, बस्तर बैड की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के दौरान अतिथियों ने बस्तर के प्रसिद्ध गौर नृत्य में उपयोग की जाने वाले गौर मुकुट को पहनकर फोटो लेते हुए लम्हों को यादों में संजोया। इस अवसर पर कलेक्टर  विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक  शलभ सिन्हा भी उपस्थित थे।

वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया नारायणपाल मंदिर की वस्तुकला देखकर प्रभावित हुए

11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का उत्कृष्ट उदाहरण है नारायणपाल मंदिर

केंद्रीय वित्त आयोग का दल आज जगदलपुर पहुंचने के बाद बस्तर जिले के लोहांडीगुड़ा विकासखंड में स्थित नारायणपाल मंदिर का अवलोकन करने पहुंचा। वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया मंदिर की वस्तुकला देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी ली, जिस पर स्थानीय गाइड श्री धनुर्जय बघेल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह मंदिर चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा 11वीं शताब्दी में बनाया गया है, क्षेत्र के नागरिकों में मंदिर के प्रति गहरी आस्था है,

नारायणपाल मंदिर वर्तमान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन है। इस दौरान सदस्यों ने मंदिर में दर्शन कर समूह फोटो भी खिंचवाई। ज्ञात हो कि चक्रकोट के छिंदक नागवंशी शासकों द्वारा निर्मित पूर्वाभिमुख यह प्रस्तर मन्दिर मध्यम ऊँचाई की जगति पर अवस्थित वस्तुतः शिव मन्दिर है। किन्तु परवर्ती काल में इस मन्दिर के गर्भगृह में विष्णु की प्रतिमा प्रतिष्ठापित कराई गई, जिसके कारण इसे अतीत में नारायण मन्दिर कहा जाने लगा। मंदिर की भू-संयोजना में अष्टकोणीय मण्डप, अन्तराल एवं गर्भगृह की व्यवस्था है, मंदिर का द्वार अलंकृत एवं बेसर शैली का सप्तस्थ योजना का उच्च साधारण शिखर है।

मंदिर में प्रदक्षिणापथ का अभाव है। इस मंदिर में दो शिलालेख सुरक्षित हैं जिसमें प्रथम शंक संवत् 1033 (ईस्वी सन् 1110) के छिंदक नागवंशीय शासक सोमेश्वर की माता गुण्ड महादेवी का शिलालेख है, जिसमें भगवान नारायण की नारायणपुर नामक ग्राम तथा भगवान लोकेश्वर को कुछ भूमि दान करने का उल्लेख है जबकि दूसरे एक खण्डित शिलालेख में अदेश्वर (शिव) के मन्दिर का उल्लेख है। यह मन्दिर 11वीं शताब्दी के वास्तु शिल्प का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में शिलालेख भी हैं जिस पर संस्कृत के शब्द उकेरे गए हैं।


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