बिलासपुर 12 दिसंबर 2024:- बलौदाबाजार-भाटापारा हिंसा आगजनी मामले में लगभग 4 महीने से केंद्रीय कारागार रायपुर में बंदी भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के जमानत याचिका पर लंबी प्रतीक्षा के बाद आज जज नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल पीठ में सुनवाई हुई दोनों पक्ष के बहस के बाद जज नरेंद्र कुमार व्यास ने फैसला सुरक्षित रख दिया है 10 जून 2024 को हिंसा एवं आगजनी के मामले में बलौदा बाजार- भाटापारा पुलिस ने अब तक 187 लोगों को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा है किंतु अभी तक किसी की भी जमानत न होने की वजह से भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर संशय बना हुआ है.

भिलाई विधायक देवेंद्र यादव पिछले चार महीनों से बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में हैं। यह हिंसा 10 जून को बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर में हुई थी, जिसमें आगजनी और तोड़फोड़ के आरोप लगाए गए थे। यादव को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उनकी जमानत को लेकर बलौदा बाजार सत्र न्यायालय में भी सुनवाई हुई है।


देवेंद्र यादव की जमानत को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, बलौदाबाजार हिंसा मामले में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 21 गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।10 जुलाई को गिरफ्तार हुए आरोपियों की जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी हैं, जिससे यादव की जमानत पर भी संशय गहरा गया है।
बलौदा बाजार हिंसा मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने जिला सत्र न्यायालय में देवेंद्र यादव के खिलाफ 452 पन्नों की चार्ज शीट पेश की। देवेंद्र यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की 21 विभिन्न धारा के तहत साजिश रचने, जान से मारने की कोशिश, आगजनी और शासकीय संपत्ति को नुकसान सहित 21 गंभीर आपराधिक आरोप लगे है।

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने की है। विधायक की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है। बता दें कि, विधायक देवेंद्र यादव पर भीड़ को हिंसा करने के लिए उकसाने का आरोप है।

प्रशासन का दावा है कि विधायक देवेंद्र यादव ने कथित तौर पर बलौदाबाजार में भीड़ को उकसाने में अहम भूमिका निभाई। इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा और शांति-व्यवस्था भंग हुई। वहीं देवेंद्र यादव ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। उनके वकीलों का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के पीछे कोई ठोस सबूत नहीं है और यह मामला केवल राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।

विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि, उनके मुवक्किल का इस घटना से कोई सीधा संबंध नहीं है और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है। दूसरी ओर, सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए



