ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु सेफी का प्रयास, न्यायालय से है अंतिम आस, ईपीएफओ से टूटा विश्वास….
सेल के विभिन्न इकाइयों के हायर पेंशन से वंचित पीएफ ट्रस्ट करेंगे केस

भिलाई नगर 11 मई 2025:- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप सेल के विभिन्न इकाइयों में कार्यरत तथा सेवानिवृत कार्मिकों एवं अधिकारियों को ईपीएस-95 के तहत मिलने वाले हायर पेंशन की पात्रता हासिल करने हेतु आज भी ईपीएफओ के विभिन्न राज्यों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। उनकी इसी समस्या को लेकर सेफी- चेयरमैन तथा ओए के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर, के नेतृत्व में नई दिल्ली स्थित ईपीएफओ मुख्यालय को निरंतर पत्र लिखकर इसके समाधान की गुहार लगाई थी।

श्री बंछोर के बारंबार पत्र व्यवहार को संज्ञान में लेते हुए ईपीएफओ मुख्यालय ने 8 मई को नई दिल्ली स्थित ईपीएफओ भवन में एक बैठक आयोजित की थी। जिसमें ईपीएफओ मुख्यालय की ओर से एडिशनल कमिश्नर प्रोविडेंट फंड श्रीमती अपराजिता जग्गी उपस्थित थीं तथा इस बैठक में सेफी की ओर से सेफी-चेयरमेन तथा ओए के अध्यक्ष श्री नरेंद्र कुमार बंछोर, सेफी के वाइस चेयरमेन द्वय श्री नरेंद्र सिंह तथा श्री अजय पांडे एवं महासचिव श्री संजय आर्या विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस बैठक में श्री बंछोर ने सेल के विभिन्न इकाइयों में हायर पेंशन को लेकर उत्पन्न विसंगतियों को विस्तार से बताया।
ईपीएफओ मुख्यालय द्वारा इंडिपेंडेंट पीएफ ट्रस्ट के नीति नियमों के भिन्नता का कारण बनाते हुए कहा कि हायर पेंशन देने में अपनी असमर्थता जाहिर की। विदित हो कि ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु सेफी 2017 से ही संघर्षरत रहा है। मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन के दायरे से बाहर रखा था। सेफी ने अपने अपेक्स संगठन, एनसीओए (नेशनल कांर्फडरेशन ऑफ आफिसर्स एसोसिएशन) के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट में ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु कानूनी लड़ाई लड़ी थी। जिसके फलस्वरूप 4 नवम्बर 2022 को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन हेतु पात्रता प्रदान की गयी।
इससे पहले सेफी ने झारखंड हाईकोर्ट रांची में भी अपनी अपील ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु दायर की थी एवं वर्ष 2020 में माननीय न्यायालय ने सेफी के पक्ष में फैसला लिया था। श्री बंछोर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 04 नवम्बर 2022 के फैसले के अनुरूप कार्मिकों को हायर पेंशन दिया जाना चाहिए था। ईपीएफओ द्वारा जारी मनमाने परिपत्रों में गलत तरीके से व्याख्या कर लोगों को हायर पेंशन से वंचित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है जो कि न्यायसंगत नहीं है। सेफी चेयरमेन श्री बंछोर ने जानकारी दी कि कार्मिकों को हायर पेंशन दिलाने हेतु प्रत्येक स्तर पर प्रयास किया गया है
जिसमें संबंधित मंत्री, ईपीएफओ के केन्द्रीय अधिकारी, ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी तथा सेल व बीएसपी प्रबंधन से निरंतर पत्र व्यवहार व संवाद किया गया है। पंरतु ईपीएफओ के अड़ियल रवैये ने हायर पेंशन के इस मुद्दे को जटिल बना दिया है। एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्ट के हायर पेंशन से संबंधित नियमों की जानकारी आम कार्मिकों को नहीं होती है। अतः इस हेतु आवश्यक नियम अनुपालन की जिम्मेदारी उस इकाई के ट्रस्ट की होती है। अतः इसको ध्यान में रखते हुए सेफी चेयरमेन श्री बंछोर ने सेल व बीएसपी प्रबंधन से ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु ईपीएफओ के विरूद्ध माननीय न्यायालय की शरण में जाने की मांग की थी। श्री बंछोर का मानना है कि व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक कार्मिक का हायर पेंशन हेतु न्यायालय में जाना और उसके खर्चे को वहन करना संभव नहीं है। अतः इसके तहत सेल के जिन इकाइयों के कार्मिकों को हायर पेंशन की पात्रता से वंचित रखा गया है उन इकाइयों के पीएफ ट्रस्ट को ईपीएफओ के विरुद्ध न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय लिया गया है।
श्री बंछोर ने बताया कि हमारे लिए कार्मिक हितों को रक्षा करना सर्वाेपरि है। हमने सभी प्रकार के प्रयास किए ईपीएफओ की हठधर्मिता ने हमें हायर पेंशन हेतु न्यायालय की शरण में जाने के लिए मजबूर किया है। अतः जिन इकाइयों में हायर पेंशन की पात्रता प्रदान नहीं की गई है वे सभी पीएफ ट्रस्ट न्यायालय में केस दायर करेंगे। पीएफ ट्रस्ट द्वारा वर्तमान कार्मिकों के साथ-साथ सेवानिवृत्ति कार्मिकों के लिए भी केस दायर किया जाएगा। सेफी चेयरमेन श्री बंछोर ने यह उम्मीद जताई है कि सेल के सभी इकाईयों के पीएफ ट्रस्ट ईपीएस-95 हायर पेंशन के संदर्भ में अपने सदस्यों को न्याय दिलाने हेतु शीघ्रातिशीघ्र माननीय न्यायालय के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे।