ACB-EOW का फर्जी अधिकारी बनकर करता था करोड़ों की ठगी, हसन आबिदी गिरफ्तार, कई रसूखदार भी आए जाल में

रायपुर 19 जून 2025:- । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक चौंकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है, जिसने पुलिस प्रशासन और आम नागरिकों को स्तब्ध कर दिया है। ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) जैसी उच्च स्तरीय जांच एजेंसियों का फर्जी अधिकारी बनकर लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी हसन आबिदी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यह गिरफ्तारी टिकरापारा थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में की गई है।

खुद को बताता था जांच एजेंसी का आला अधिकारी
गिरफ्तार आरोपी हसन आबिदी, रायपुर के संजय नगर का रहने वाला है। वह पिछले पांच वर्षों से खुद को ACB और EOW जैसी जांच एजेंसियों का वरिष्ठ अधिकारी बताकर आम लोगों, खासकर संपत्ति से जुड़े कारोबारियों और अफसरों को डराने और धमकाने का काम कर रहा था। अपने रसूखदार होने का दावा करने के लिए वह राजनीतिक हस्तियों के साथ खिंचवाई गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालता, जिससे उसका डर और प्रभाव लोगों के बीच बना रहे।
महिला पटवारी के पति से ठगे एक करोड़ रुपए
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला पटवारी के पति राजेश सोनी ने टिकरापारा थाने में इसकी लिखित शिकायत की। शिकायतकर्ता ने बताया कि हसन आबिदी ने बीते एक वर्ष में किश्तों में एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। वह बार-बार पैसों की मांग करता और कहता कि अगर रुपये नहीं दिए गए तो वह झूठे दस्तावेज तैयार कर ACB में शिकायत कर गिरफ्तारी करवा देगा। राजेश सोनी ने बताया कि आरोपी की लगातार धमकियों और मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर उसने कर्ज लेकर, जमीन गिरवी रखकर और यहां तक कि पत्नी के गहने बेचकर भी हसन को पैसे दिए। पीड़ित पूरी तरह टूट चुका था और इसी मानसिक दबाव के चलते आखिरकार उसने पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
जमीन कारोबारियों और डीलरों को बनाता था निशाना
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि हसन आबिदी खासतौर पर प्रॉपर्टी डीलरों और जमीन कारोबारियों को टारगेट करता था। वह कहता कि उनकी जमीन विवादित है और उस पर केस दर्ज होने वाला है। वह ACB और EOW में शिकायत की धमकी देकर मोटी रकम की अवैध वसूली करता था। कई बार वह खुद को IAS अधिकारी या एजेंसी का निदेशक बताकर लोगों को फर्जी दस्तावेज भी दिखाता था।

डर के कारण कई लोग नहीं कर पाए शिकायत
हसन ने अपने रसूख का ऐसा जाल बिछा रखा था कि अधिकांश पीड़ित उसके खिलाफ शिकायत करने से डरते थे। वह राजनीतिक रसूख का हवाला देता, बड़े अधिकारियों के नाम लेता और किसी भी प्रकार की रिपोर्ट या शिकायत की स्थिति में गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देता था।
पुलिस कर रही है गहन पूछताछ, अन्य पीड़ितों की तलाश जारी
फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि हसन के ठगी के शिकार लोगों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है, जिनमें कई बड़े कारोबारी और अफसर शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि वे भी किसी प्रकार की ठगी या ब्लैकमेलिंग के शिकार हुए हैं तो टिकरापारा थाने या क्राइम ब्रांच से संपर्क करें।
जल्द होगा प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा
सूत्रों के अनुसार, रायपुर पुलिस इस पूरे मामले पर जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर विस्तृत जानकारी साझा करेगी। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस ठगी में और कोई नेटवर्क या सहयोगी तो शामिल नहीं है।
यह मामला क्यों है अहम?
इस घटना ने न सिर्फ आम नागरिकों को सावधान किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे कुछ लोग फर्जी पहचान और सरकारी एजेंसियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। अब जब हसन आबिदी पुलिस की गिरफ्त में है, तो उम्मीद है कि उसके शिकार बने अन्य पीड़ित भी सामने आकर न्याय की मांग करेंगे।
यह मामला रायपुर में फर्जीवाड़े की दुनिया का एक बेहद गंभीर उदाहरण बन चुका है, और प्रशासनिक एजेंसियां अब इस दिशा में सतर्क हो चुकी हैं।