विद्यार्थी तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों ने आईआईटी भिलाई में “इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम” पर कार्यशाला में भाग लिया….

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विद्यार्थी तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों ने आईआईटी भिलाई में “इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम” पर कार्यशाला में भाग लिया

भिलाई नगर 15 अक्टूबर 2025:- आईआईटी भिलाई एवं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम) भिलाई चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में “इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस)” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 11 अक्टूबर 2025 को आईआईटी भिलाई परिसर में किया गया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन मानकों जैसे ISO 9001, ISO 14001, ISO 45001, ISO 50001 तथा SA 8000 के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उनके समन्वित अनुप्रयोग को समझना था, ताकि गुणवत्ता, पर्यावरण, सुरक्षा, ऊर्जा दक्षता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सके। इस अवसर पर आईआईटी भिलाई के संकाय सदस्य, विद्यार्थी तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री चित्त रंजन महापात्र रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री चित्त रंजन महापात्र तथा आईआईटी भिलाई के निदेशक श्री राजीव प्रकाश ने किया।


मुख्य अतिथि  चित्त रंजन महापात्र ने अपने संबोधन में संगठनों में एकीकृत प्रबंधन प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रणाली गुणवत्ता सुधार, सतत विकास एवं वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में अत्यंत आवश्यक है।
अपने स्वागत भाषण में श्री राजीव प्रकाश ने उद्योग एवं अकादमिक जगत के मध्य सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं आईआईटी भिलाई के डीन (फैकल्टी अफेयर्स) प्रो. सौम्य गांगोपाध्याय ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए इसके उद्देश्य एवं प्रतिभागियों के लिए इसकी प्रासंगिकता बताई।


उद्घाटन सत्र के पश्चात “ग्रीन स्टील निर्माण हेतु नवीन प्रौद्योगिकियों में सहयोग के अवसर” विषय पर एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें एमएसएमई उद्योगपतियों, आईआईटी भिलाई के प्राध्यापकों तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस सत्र में सस्टेनेबल इस्पात निर्माण के क्षेत्र में अनुसंधान एवं तकनीकी नवाचार के लिए सहयोग के विभिन्न अवसरों पर विचार-विमर्श किया गया।


कार्यशाला के दौरान पाँच तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। महाप्रबंधक (बिजनेस एक्सीलेंस) श्री एम. के. दुबे ने क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम (ISO 9001) पर, उप प्रबंधक (जनसंपर्क) सुश्री शालिनी चौरसिया ने सोशल अकाउंटेबिलिटी (SA 8000) पर, उप महाप्रबंधक (पर्यावरण प्रबंधन) सुश्री बी. अनुराधा ने एनवायरनमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ISO 14001) पर, उप महाप्रबंधक (एमआरडी) श्री अवनीश दुबे ने ऑक्यूपेशनल हेल्थ एंड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (ISO 45001) पर तथा वरिष्ठ प्रबंधक (ईएमडी) सुश्री पारुल दीवान ने एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम (ISO 50001) पर विस्तार से चर्चा की।

समापन सत्र में महाप्रबंधक (क्वालिटी) एवं मानद सचिव, आईआईएम भिलाई चैप्टर  के. वी. शंकर ने समापन संबोधन देते हुए प्रतिभागियों एवं आयोजकों को धन्यवाद दिया। इसके पश्चात डॉ. यज्ञेश शडांगी, सहायक प्रोफेसर, पदार्थ-विज्ञान एवं धातुकर्म अभियांत्रिकी विभाग, आईआईटी भिलाई ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।


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