फाइनेंस एडवाइजर श्रेयांश जैन के खिलाफ कार के नाम पर ठगी  का अपराध दर्ज… बीएसपी अधिकारी की शिकायत पर नेवई पुलिस ने दर्ज किया मामला….

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भिलाई नगर  10 अप्रैल 2024:-  भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी से कार के नाम पर 5 लाख की ठगी करने वाले फाइनेंस एडवाइजर श्रेयांस जैन के खिलाफ   धोखाधड़ी का एक और मामला नेवई थाने में दर्ज किया गया है नेवई थाने में कार बेचने के नाम पर 5 लाख का धोखाधड़ी करने वाले आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध क्रमांक 119 /2024 भादवि की धारा 420,406 के तहत अपराध दर्ज किया गया पुलिस के अनुसार   आरोपी फरार बताया जाता है बीएसपी अधिकारी की शिकायत पर जांच के उपरांत पुलिस ने फाइनेंस एडवाइजर श्रेयांश जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है आरोपी के खिलाफ इसके पहले सुपेला थाना में भी अपराध दर्ज है पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।

थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद शुक्ला नेSteel city on line को बताया कि आवेदक प्रशांत जैन ने थाना उपिस्थत आकर आवेदन प्रस्तुत किया कि अनावेदक श्रेयांस जैन के द्वारा अपने स्वामित्व के वर्ना कार क्रमांक सीजी 07 सी टी 8458 को आवेदक के साथ विक्रय करने का सौदा 700,000 रू में होने से आवेदक द्वारा 350,000 रू चेक के माध्यम से तथा 150,000 रू नगद कुल 500,000 रू अनावेदक को व्याना स्वरूप देना एवं इकरारनामा तैयार किया गया जिसमें दिनांक 02-11-2022 को शेष रकम देकर वाहन प्राप्त करने की बात हुई थी, किन्तु आवेदक को जात हुआ कि अनावेदक द्वारा उक्त वाहन को किसी अन्य को बंधक में रखा होना तथा बैक फायनेंस में होने की जानकारी हुई के सबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया है।

आवेदन के अवलोकन पर अनावेदक श्रेयांश जैन के द्वारा छलपूर्वक रकम लेकर ना ही वाहन देना एवं रकम वापस करना प्रथम दृष्टया धारा 420 भादवि का घटित करना पाये जाने से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया आवेदन पत्र नकल जैल है प्रति, श्रीमान थाना प्रभारी, थाना नेवई जिला दुर्ग  अपराध पंजीबद्ध किया जाकर कानूनी कार्यवाही बाबत ।  निवेदन है कि मै प्रशांत जैन आ० श्री एस सी जैन भिलाई इस्पात सयंत्र का स्थायी अधिकारी हूं, मेरा श्रेयास जैन एवं उसके पिता संजय कुमार जैन से स्वाजातिय होने से अच्छे संबंध थे, श्रेयांस जैन द्वारा अपने स्वामित्व का वाहन VERNA SX TOP Modal क्रमांक CG 07CT 8458 को मुझे विक्रय करने का सौदा 700,000 रू अक्षरी सात लाख रू में हुआ था,

इस संबंध में एक इकरारनामा दिनांक 02-12- 2021 को दो गवाह संजय जैन एवं रवि कांत पाठक के समक्ष निष्पादित किया गया था, उक्त इकरानामा में ब्याना स्वरूप राशि 5,00,000 रू (अक्षरी पांच लाख रू०) देने की बात हुई थी, मेरे द्वारा पूर्व में श्रेयांश जैन को पूर्व में अपने एसबीआई बैंक कृष्णा टाकिज रोड रिसाली खाता क्रमांक 10621783923 का दिनांक 26-09-2021 को एसबीआई चेक क्रमांक 381736 के माध्यम से 150,000 रु, तथा दिनांक 02-12-2021 को नगद अपने घर में 150,000 रु अपनी पत्नि ममता जैन, संजय जैन, एवं राविकांत पाठक के समक्ष दिया तथा दिनांक 02-12-2021 को ही अपनी बेटी डा सम्प्रति जैन के एसबीआई बैक सेक्टर 10 भिलाई के खाता क्रमांक 33898359451 का चेक क्रमांक 993348 के राशि 200,000 रू भर श्रेयांश जैन के नाम लिख कर दिया था।

श्रेयांश जैन के साथ इकरारनामा के समय शेष राशि 02 लाख रूपये को 11 माह अर्थात 02-11-2022 के भीतर तक देने पर कार को मुझ प्रार्थी को देने की बात हुई थी। जब मै शेष राशि 02 लाख रु का इंतजाम कर अप्रेल 2022 में श्रेयांश जैन पिता संजय जैन के घर गया तो कार उनके घर पर नहीं थी तो मुझे आस पास वालों से जानकारी हुई कि जिस कार का मेरे सौदा हुआ था वह कार कही दूसरी जगह बंधक रखा गया है,

तथा पूर्व से ही फायनेस से क्रय किया हुआ है। इस बारे में जानकारी होने पर मेरे द्वारा कार अथवा रकम वापस मांग करने पर टाल मटोल कर एक दो माह में देने की बात करते थे तथा फोन करने पर फोन नही उठाते थे। श्रीमान जी इस प्रकार श्रेयांश जैन के द्वारा मुझे पूर्व फायनेंस शुदा कार को विक्रय करने का इकरारनामा कर 05 लाख रू रकम लेकर, कही अन्यंत्र बंधक रखकर मुझे प्रार्थी के साथ छलपूर्वक धोखाधडी किया है,


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