झगड़ा रोकने से गुस्साए नशेड़ी बदमाश ने की युवक की हत्या
00 खुर्सीपार के राजेन्द्र प्रसाद नगर में देर रात हुई वारदात

भिलाई नगर 18 सितंबर 2025:- खुर्सीपार के राजेन्द्र प्रसाद नगर में बीती एक नशेड़ी बदमाश ने दूसरे से हो रहे झगड़ा को रोकने वाले युवक की रॉड मारकर हत्या कर दी। आरोपी का नाम सुरेंद्र महानंद बताया जा रहा है। फिलहाल वह हत्या की वारदात करने के बाद से ही फरार हो गया था लेकिन पुलिस ने आरोपी को गिरफतार कर दिया है मृतक एस कामेश राव पिता एस हरीश राव ( 32 वर्ष ) किसी ट्रांसपोर्ट कंपनी में सुपरवाइजर था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक अविवाहित था नवंबर में उसकी सगाई होने वाली थी।

जानकारी के अनुसार, खुर्सीपार के राजेन्द्र प्रसाद नगर में रहने वाले योगेन्द्र सिंह बुधवार की 10 बजे के आसपास गली वाले रास्ते पर खड़ा था। उसी समय वहां से सुरेंद्र महानंद गुजर रहा था। सुरेंद्र महानंद योगेन्द्र सिंह को घूरकर देख रहा था। योगेन्द्र ने सुरेंद्र से पूछा कि वह उसे घूर क्यों रहा है। इसी बात पर दोनों के बीच हाथापाई हो गई। सुरेंद्र ने पत्थर उठाकर योगेन्द्र पर फेंक दिया। जिससे योगेन्द्र का सिर फट गया। उसी समय एस कामेश राव भी टहलते हुए घर से निकलकर गली में पहुंचा। योगेन्द्र सिंह और सुरेंद्र महानंद के बीच झगड़ा रोकने उसने पहल की।


किसी तरह कामेश राव ने दोनों को अलग किया। लेकिन सुरेंद्र महानंद लगातार ऊंची आवाज में योगेन्द्र सिंह और कामेश राव को देख लेने की धमकी देता रहा। योगेन्द्र के परिवार वाले इससे डर गए। उन्होंने योगेन्द्र सिंह को खुर्सीपार थाने जाकर रिपोर्ट लिखाने को कहा। इसके बाद योगेन्द्र सिंह खुर्सीपार थाने चला गया। जबकि कामेश राव वहीं पर खड़ा था।
इसी बीच आरोपी सुरेंद्र महानंद ने पीछे से आकर लोहे के रॉड से कामेश राव के सिर पर वार कर दिया। हमले से गंभीर रूप से घायल कामेश को खून से लथपथ हालत में आसपास के युवकों ने सुपेला सरकारी अस्पताल पहुंचाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतक कामेश के पिता एस. हरीश राव ने बताया कि सुरेंद्र ने उनके बेटे पर लोहे की रोड से हमला किया और घटना के बाद उसकी मां ने मौके पर खून को पानी से साफ करने की कोशिश भी की। इस दौरान पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।


बताया जा रहा है कि कामेश राव अपने माता-पिता का एकलौता सहारा था। ट्रांसपोर्ट कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी करते हुए उसने अपनी दोनों बहनों की शादी की। अपने घर को भी अच्छे से बना लिया था। अब जनवरी में वह खुद शादी करने वाला था। दीपावली के बाद उसकी सगाई होने वाली थी।