भिलाई नगर 16 मई 2024:- महिला थाना की महिला प्रधान आरक्षक , नंदनी थाना का आरक्षक पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला की चपेट में आ गए विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में महिला प्रधान आरक्षक एव नंदनी थाने में पदस्थ आरक्षक को तत्काल थाना से हटाकर पुलिस लाइन भेजा गया है उप पुलिस अधीक्षक को जवाबदेही दी गई है की इनकी विभागीय जांच कर रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश करें। पुलिस अधीक्षक के इस कार्यवाही से पुलिस महकमे में हडकंम्प मचा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला प्रधान आरक्षक 455 कोमलता सोनी, तैनाती महिला थाना भिलाई के द्वारा आवेदक / प्रार्थी राहुल पाण्डेय निवासी सेक्टर 05 भिलाई, जिला-दुर्ग को 14.05.2024 को दूरभाष के माध्यम से उनकी पत्नि श्रीमती रूचिका दुबे के साथ चल रहे पारिवारिक विवाद में मानव अधिकार आयोग की ओर से आवेदक/प्रार्थी के विरूद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किए जाने का भय दिखाकर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए संदिग्ध कदाचरण प्रदर्शित किया गया।
महिला प्रधान आरक्षक 455 कोमलता सोनी, तैनाती महिला थाना भिलाई, जिला-दुर्ग के उक्त कृत्य के लिए 16.05.2024 के अपरान्ह से निलंबित कर रक्षित केन्द्र, दुर्ग सम्बद्ध किया जाता है। महिला प्रधान आरक्षक 455 कोमलता सोनी को निलंबन अवधि मे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
इसी प्रकार नंदनी थाने में तैनात आरक्षक कमल नारायण परघनिया भी पुलिस अधीक्षक के दायरे से नहीं बच सके बताया जाता है कि
14.05.2024 को थाना नंदनी नगर के लंबित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान थाने में वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त एवं सामान्य लंबित शिकायतों को प्रस्तुत किए जाने हेतु थाने में कार्यरत आरक्षक 1133 कमल नारायण परघनिया को निर्देशित किए जाने पर उक्त आरक्षक के द्वारा लंबित शिकायत एवं निराकृत शिकायत की जानकारी प्रस्तुत नहीं जा सकी। उक्त आरक्षक के द्वारा लंबित शिकायतो के नस्ती का संधारण एवं रख-रखाव समुचित रूप से करना नहीं पाया गया।
अतः आरक्षक 1133 कमल नारायण परघनिया के द्वारा सौपें गए दायित्व के प्रति निष्ठा एवं सजगता नहीं बरतते हुए कर्तव्य निर्वहन के प्रति लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता प्रदर्शित किए जाने के कृत्य के लिए 16.05.2024 के अपरान्ह से निलंबित कर रक्षित केन्द्र, दुर्ग सम्बद्ध किया जाता है। आरक्षक 1133 कमल नारायण परघनिया को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
पिछले एक सप्ताह के अंदर दुर्ग जिले से लगभग आधा दर्जन आरक्षक का प्रधान आरक्षक पुलिस अधीक्षक के चपेट में आकर पुलिस लाइन में सेवाएं दे रहे हैं।