रायपुर 29 जनवरी 2024 :- केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी)व ईओडब्लू ने चावल और डीएमएफ घोटाले में दो नई एफआईआर दर्ज की है। कोल और शराब घोटाले के बाद एसीबी ने चावल घोटाला और डीएमएफ़ घोटाले में दो नई FIR की दर्ज…डीएमएफ फंड घोटाले में एफआईआर नंबर 01/2024 और चावल घोटाले में 02/2024 नंबर की एफआईआर है दर्ज….ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी ईओडब्ल्यू ने दर्ज की है एफआईआर…दोनो एफआईआर में अधिकारी नेताओ और कारोबारियो को बनाया गया है आरोपी…ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी-ईओडब्लू ने आईएएस रानू साहू, कई आईएएस-आईपीएस के अलावा कुछ पुलिस अधिकारियों व वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
एफआईआर में कुछ खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कंपनी के मालिक समेत 104 से ज्यादा लोगों के नाम हैं। कस्टम मिलिंग चावल घोटाला में और डीएमएफ में अनेक लोगों को आरोपी बनाया गया है। इससे पहले ईडी के प्रतिवेदन में एसीबी ने दो हजार करोड़ के आबकारी व 554 करोड़ के अवैध कोल परिवहन घोटाले में भी केस दर्ज किया है।
ईडी ने पिछले साल एसीबी-ईओडब्लू डायरेक्टर को प्रतिवेदन भेजा था। उन्होंने 1200 करोड़ के ज्यादा के डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में कार्रवाई के लिए कहा था। उसी के बाद से एसीबी-ईओडब्लू में जांच चल रही थी। उसमें दो दिन के भीतर केस दर्ज कर लिया गया है।
पिछली सरकार ने नहीं दर्ज किया था केस
ईडी ने पिछले साल कांग्रेस सरकार के दौरान एसीबी-ईओडब्लू को पहले कोल परिवहन केस, फिर आबकारी में घोटाले का प्रतिवेदन भेजा था। उसमें भ्रष्टाचार और उससे अर्जित संपत्ति की जानकारी दी गई थी। फिर ईडी ने चावल व डीएमएफ घोटाला का जांच के बाद प्रतिवेदन भेजा। उस समय चारों मामले में तत्कालीन सरकार और एसीबी-ईओडब्लू ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। तब हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में यह मामला अभी विचाराधीन है।
डीएमएफ घोटाला में जेल में पूछताछ हुई FIR
ईडी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में जेल में बंद आईएएस रानू साहू से लंबी पूछताछ कर चुकी है। आरोप है कि कोरबा कलेक्टर रहते हुए डीएमएफ फंड में हेराफेरी की है। उनके पहले और बाद जो भी कोरबा, रायगढ़ कलेक्टर बना सभी जांच के घेरे में है। इसमें खनिज विभाग के अधिकारियों से भी पूछताछ हो चुकी है। इसमें कुछ वर्तमान और पूर्व विधायक, रिटायर आईएएस समेत 54 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। एसीबी-ईओडब्लू ने ईडी की चिट्ठी के बाद अपराध क्रमांक 02/24 में आईपीसी की धारा 120बी, 420, 12पीआरई, 7ए-पीआरई के तहत केस दर्ज किया है। FIR में उल्लेख है कि
प्रवर्तन निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के प्रतिवेदन रिपोर्ट पत्र के आधार घर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में अपराध क्रमांक-02/2024 धारा 120बी, 420 भा. द.वि. एवं धारा-7 तथा धारा-12 भ्र. निवा.अधि. के तहत् पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय के रिपोर्ट पर यह पाया गया कि डी.एम.एफ. कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गयी है तथा गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है, जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि कारित हुई है।
प्रतिवेदन में यह भी पाया गया कि कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारीगणों को इस एवज में प्रदान किया गया तथा निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डी.एम.एफ. में काफी अधिक मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है तथा शासन को हानि कारित की गई है।
प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि श्रीमती रानू साहू एवं अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता सर्वश्री संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल एवं शेखर के साथ मिलकर डी.एम.एफ. में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आबंटन में, बिल को पास कराने के लिए, किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किये गये थें तथा उनका भुगतान कराने में एवं इत्यादि में आपस में मिलकर आपराधिक षड्यंत्र कर निविदाकर्ताओं सर्वश्री संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल एवं शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानि कारित की गई जो प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 120 बी, 420 भा.द.वि. एवं धारा 7 एवं 12 भ्र.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।
आबकारी और कोल में इन पर एफआईआर
एसीबी-ईओडब्लू ने आबकारी व कोल परिवहन में कई चर्चित लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, देवेंद्र यादव, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, निलंबित आईएएस समीर विश्नोई व रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, सहायक खनिज अधिकारी संदीप कुमार नायक, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, रौशन कुमार सिंह, निखिल चंद्राकर, राहुल सिंह, पारिख कुर्रे, मोइनुद्दीन कुरैशी, वीरेंद्र जायसवाल, रजनीकांत तिवारी, हेमंत जायसवाल, जोगिंदर सिंह,नवनीत तिवारी, दीपेश टांक, राहुल मिश्रा, रामगोपाल अग्रवाल, अनवर ढेबर, अख्तर ढेबर समेत अन्य शामिल है।
: कस्टम मिलिंग प्रकरण ::
प्रवर्तन निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के प्रतिवेदन रिपोर्ट पत्र के आधार पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में अपराध क्रमांक-01/2024, धारा 120बी, 409 भा. द.वि. एवं धारा 13(1) (क) सहपठित धारा 13(2) एवं धारा-11 भ्र.निवा.अधि. के तहत् पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय रिपोर्ट पर यह पाया गया कि विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है। इस प्रकिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की उसूली की गई एवं अपने पद का दुरुपयोग करते हुये विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति कारित की गई।
कु० प्रीतिका पूजा को श्री मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत श्री रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनकी वसूली की राशि श्री रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा श्री मनोज सोनी के माध्यम से प्राप्त होती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्यवाही से लगभग 1.06 करोड़ रूपये की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है तथा बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए है। लगभन 140 करोड़ रूपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।
राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक श्री मनोज सोनी एवं तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर कु० प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट श्री कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट श्री पारसमल चोपडा एवं कोषाध्यक्ष श्री रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है, जो प्रथम दृष्ट्या अपराध धारा 120 बी, 409 भा.द.वि. एवं धारा 13(1) (क) सहपठित धारा 13(2) एवं 11. भ्र.नि. अधि. के तहत अपराध कारित किया जाना पाया जाता है।