एआईएमओसी-2023 में गंभीर चिकित्सकीय विषयों पर व्याख्यान तथा प्रस्तुतिकरण सत्रों का हुआ आयोजन…..
चिकित्सकीय अनुभवों का साझा करने की कवायद – चिकित्सकों के साथ-साथ मरीज भी होंगे लाभान्वित…

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भिलाई नगर 11 फरवरी 2023 :! आज़ भिलाई निवास में अखिल भारतीय स्टील मेडिकल आफिसर्स कान्फ्रेंस 2023 के तहत चिकित्सकीय क्षेत्र के विभिन्न विषयों पर अलग-अलग सत्र आयोजित किये गये। कान्फ्रेंस के इन सत्रों में चिकित्सा जगत के ख्यातिलब्ध चिकित्सकों ने शिरकत की। आयोजन समिति के सचिव डॉक्टर सुबोध साहा ने अखिल भारतीय स्टील मेडिकल आफिसर्स कान्फ्रेंस 2023 के उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कान्फ्रेंस में चिकित्सा के विभिन्न क्षेत्रों में गुणात्मक उन्नयन लाने हेतु पेपर प्रस्तुतिकरण के साथ-साथ गहन विचार-मंथन किया गया जो कि चिकित्सा जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इसमें आयोजित विभिन्न सत्रों में चिकित्सकों ने आपसी अनुभव को साझा किया। इन सत्रों से जहां चिकित्सकों को बेहतर चिकित्सा करने में मदद मिलेगी वहीं मरीजों को उत्कृष्ट चिकित्सा का लाभ होगा। इस कान्फ्रेंस में विभिन्न सत्रों के आयोजन के साथ-साथ चिकित्सा जगत के लेटेस्ट ट्रेंड तथा गंभीर विषयों पर विशेष अतिथि व्याख्यान आयोजित किए गए। इन व्याख्यानों से इस कान्फ्रेंस ने एक नई ऊँचाई प्राप्त की है।

टीक्यूएम पेपर अवार्ड सत्र”

आज का सत्र “टीक्यूएम पेपर अवार्ड सत्र” के साथ प्रारंभ किया गया। जिसमें 6 वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुत किए गए, इस सत्र की अध्यक्षता जेएलएन अस्पताल व अनुसंधान केन्द्र के पूर्व विभागाध्यक्ष (पीडियाट्रिक्स) एवं प्रतिष्ठित डॉ पी के बिस्वाल और टाटा हास्पिटल के डॉ सुधीर राय ने किया। इस सत्र में आरआईएनएल के डॉ जी शांति ने “कोविड-19 संक्रमण की प्रतिक्रिया में स्वास्थ्य देखभाल गुणवत्ता सुधार में चुनौतियां- एक वीएसजीएच मॉडल” विषय पर प्रस्तुति दी। इसी क्रम में टाटा मेन हॉस्पिटल,षं जमशेदपुर के डॉ भूपेंद्र कुमार गुप्ता ने टाटा मुख्य अस्पताल के नियोनेटोलॉजी यूनिट में कंगारू मदर केयर की अवधि में सुधार-एक गुणात्मक सुधार अध्ययन विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के क्रम में बोकारो जनरल अस्पताल, झारखंड के डॉ राजीव कुमार सिंह ने “आपातकालीन स्थिति में एक लागत प्रभावी अभिनव बबल सीपैप प्रणाली-नवजात देखभाल में एक टीक्यूएम एप्लीकेषन” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। इसी प्रकार राऊरकेला स्टील प्लांट के डॉ मनोरंजन सामंतराय ने घुटने की सर्जरी से नीचे के इलेक्टिव से गुजर रहे रोगियों के लिए अल्ट्रासाउंड निर्देशित संयुक्त साइटिक-फेमोरल नर्व ब्लॉक बनाम स्पाइनल एनेस्थीसिया के बीच एक संभावित तुलनात्मक अध्ययन विषय पर अपने विचार रखें। इस्को, बर्नपुर के डॉ जितेंद्र पांडे, द्वारा स्पाइनल एनेस्थेसिया में बुपीवाकाइन में डेक्समेडेटोमिडाइन मिलाकर मरीजों के आराम में सुधार और लागत में कमी- टीक्यूएम की दिशा में एक लक्ष्य पर प्रस्तुति दी। भिलाई की डॉ आकांक्षा शर्मा ने अस्पताल में संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण प्रथाओं पर गुणवत्ता प्रबंधन उपकरणों का कार्यान्वयन विषय पर अपने विचार रखें।

इस चिकित्सकीय सत्र के पश्चात गेस्ट लेक्चर के रूप में यूनाइटेड नेशन आफिस के टेक्निकल एडवाइसर आन इनवायरमेन्ट एण्ड हेल्थ के डॉक्टर टी के जोशी और प्रोफेसर आफ एक्सीलेंस, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अचल गुलाटी द्वारा “ईएनटी और ऊपरी श्वसन मार्ग से संबंधित व्यावसायिक और पर्यावरण प्रदूषण“ पर व्याख्यान दिया गया।

लघु पेपर पुरस्कार सत्र“

इस सत्र के पश्चात एक “लघु पेपर पुरस्कार सत्र“ में 7 वैज्ञानिक लघु पेपर प्रस्तुत किए गए, जिस सत्र की अध्यक्षता दुर्गापुर स्टील प्लांट के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर ओमेश खुराना ने की। इस सत्र में आरआईएनएल के डॉ शिल्पा पाल ने “वाचाघात के साथ एक प्रसवोत्तर महिला – “मोया मोया रोग“ पर अपनी प्रस्तुति दी। अगली प्रस्तुति टाटा मुख्य अस्पताल, जमशेदपुर के डॉ राजेश ठाकुर ने “एसिटाबुलर फ्रैक्चर वाले मरीजों में शल्य चिकित्सा उपचार के कार्यात्मक परिणाम” पर अपनी प्रस्तुति दी। दुर्गापुर स्टील प्लांट के डॉ तारक नाथ महंत ने गर्भाशय ग्रीवा के एक पूर्व-घातक और घातक घावों का माइक्रोन्यूक्लियर स्कोरिंग विषय पर अपने विचार रखें। बोकारो जनरल हॉस्पिटल के डॉ अमित कुमार ने वयस्कों में सही कौडल एपिड्यूरल सुई प्लेसमेंट की पहचान करने में तंत्रिका उत्तेजना की प्रभावकारिता का आकलन विषय पर अपने विचार रखें। बर्नपुर अस्पताल की डॉ सौम्या देब रॉय, ने पूर्वी भारत में एक औद्योगिक अस्पताल में पुरानी जिगर की बीमारी का-“क्लिनिकल और एटिऑलॉजिकल प्रोफाइल“ विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। इसी प्रकार जेएलएनएच हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, भिलाई के डॉ सुभस्मिता पटनायक ने “जेएलएनएच अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र में नियोनेटल मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-एन)” विषय पर अपने विचार रखे। राउरकेला स्टील प्लांट की डॉ ज्योति रंजन साहू, द्वारा “सैक्रोकॉसीजियल पाइलो-नाइडल साइनस की लिम्बर्ग फ्लैप सर्जरी में मिडलाइन से डिस्टल स्कार का स्थानांतरण” पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एक नया संशोधन विषय पर प्रस्तुति दी गई।

स्टील ओरेशन का आयोजन

इस सत्र के पश्चात स्टील ओरेशन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता एवं विशेष अतिथि के रूप में बीएसपी के पूर्व ईडी (मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेस) डॉ एस के इस्सर तथा दुर्गापुर स्टील प्लांट के पूर्व ईडी (मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेस) डॉ आरजी नियोगी ने अपने सारगर्भित वक्तव्य रखा। जहां डॉ एस के इस्सर ने “चिकित्सा नैतिकता और उत्तरदायित्व” पर विस्तृत व्याख्यान दिया, वहीं डॉ आरजी नियोगी ने “चिकित्सा पेशे में चुनौतियां” विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। इस सत्र के माॅडरेटर थे आयोजित समिति के सचिव डाॅ सुबोध साहा।

व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पेपर प्रस्तुतिकरण

दोपहर को व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं पर 7 पेपर प्रस्तुत किए गए। जिसमें वीआईएसएल भद्रावती के डाॅ जी .राजू, बोकारो स्टील प्लांट के डाॅ आनन्द, दुर्गापुर स्टील प्लांट के डाॅ एस. एस. पाटिल, आरआईएनएल विशाखापट्टनम के डाॅ मोहन दास ने व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न विषयों पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। भोजनोपरान्त दो अतिथि व्याख्यान हुए जिसमें डॉ शरत दामोदर द्वारा कैंसर के उपचार में इम्मूनो-थेरेपी की भूमिका तथा मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली के डॉ प्रदीप चौबे द्वारा “रोबोटिक सर्जरी“ पर अतिथि व्याख्यान दिया गया।



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