अमृता बारले नही रही..13 अक्टूबर
कल 12 बजे मुक्तिधाम रिसाली में अंतिम सस्कार होगा

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भिलाईनगर 12 अक्टूबर 2023:-मिनीमाता राज्य अलंकरण सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध भरथरी एवं पंथी कलाकार सुश्री अमृता बारले का निधन हो गया।


सुश्री अमृता बारले 65 वर्षीय महिला राष्ट्रीय कलाकार का जन्म सन् 2 मई 1958 में छत्तीसगढ़ के ग्राम- बठेना, वि.ख. पाटन, जिला दुर्ग में हुआ था। सुश्री अमृता बारले के द्वारा छत्तीसगढ़ के ग्राम बठेना (दुर्ग) से 9 वर्ष की उम्र में सन् 1970 से 2023 तक कला यात्रा रही है। छत्तीसगढ़ के मशहूर वरिष्ठ लोक गायक बैतल राम साहू के साथ प्रमुख लोक गीत (1.) तोला बंदत हंव बाबा, जय सतनाम .चंदैनी तर्ज,(2.) कइसे करों मैं मया के बखान. मैं तो जीयत हांवों जोड़ी •मोर तोरे च खातिर. (3.) मोर बासी के खवाइया कहां गए रे.इतना प्रसिद्ध गीत आज भी लोगों के दिल को छू लेती है।

विगत दिनों अचानक स्वास्थ्य खराब होने की वजह से शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी, भिलाई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था जिसमे जिंदगी और मौत से लड़ रहीं थी। अंततः अमृता बारले का 12 अक्टूबर 2023 को शाम 4 बजे निधन हो गया।कल पूर्वान्ह 12 बजे तक पार्थिव शरीर की अंतिम दर्शन हेतु उनके निज निवास आशीष नगर भिलाई में रखा जाएगा।, उसके बाद 12 बजे से उनके निवास स्थल सड़क नंबर 3 सी आशीष नगर रिसाली, से रिसाली मुक्तिधाम।में अंतिम सस्कार होगा।


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