भिलाई नगर 07 फरवरी 2023 / दुर्ग जिले महज 8 की संख्या में चल रहे सिटी बसों में मनमाना किराया वसूली हो रही है। इससे सस्ता और सुंदर सफर के इस विकल्प को अपनाने से लोगों पीछे हट रहे हैं। निजी बसों के समान किराया वसूली होने से विवाद की स्थिति बन रही है। एक बार कड़वा अनुभव का सामना करने के बाद लोग सिटी बस में सफर करने से परहेज कर रहे हैं। लिहाजा ज्यादातर सिटी बसों में सवारियों का टोटा बना हुआ है।
बीते 15 दिसंबर से एक बार फिर दुर्ग जिले में सिटी बसों का परिचालन शुरू किया गया है। कोरोना काल में बंद सिटी बस परियोजना को जैसे तैसे 8 बसों के साथ सड़क पर उतारा गया है। लेकिन इस बार सिटी बस को पहले जैसा प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए काफी हद तक मनमाना किराया वसूली को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। खासकर दुर्ग रेलवे स्टेशन से कुम्हारी के बीच सीमित संख्या में चल रही सिटी बसों में किराया वसूली को लेकर शासन का दिशा निर्देश ताक पर रख दिया गया है। सिटी बसों में अपेक्षाकृत सवारियों के नहीं जुटने को अनाप शनाप किराया वसूली को कारण माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिटी बसों के लिए 0 से 2 किमी तक 6 रुपए, 2 से 4 किमी तक 8 रुपए , 4 से 6 किमी तक 9 रुपए, 6 से 8 किमी 11 रुपए, 8 से 10 किमी तक 13 रुपए और 10 से 12 किमी तक 15 रुपए किराया लिया जाना तय किया गया है। लेकिन कुछ सिटी बसों में इसका पालन नहीं हो पा रहा है। कुछ सिटी बसों में रायपुर से दुर्ग के बीच चलने वाली निजी मिनी बस और आटो वालों के बराबर किराया लिया जा रहा है। जबकि पूर्व में निजी परिवहन सेवा के मुकाबले सिटी बसों में कम किराया लिया जाता था। जिसके चलते लोग सिटी बस सेवा को प्राथमिकता देकर सफर करते थे। लेकिन वर्तमान में सिटी बसों को लेकर आमजनता में रुझान नहीं बन पा रहा है।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी है कि सिटी बसों के परिचालन के लिए अधिकृत नई एजेंसी को पुराने जर्जर बसों को मरम्मत के बाद सड़क पर उतारना है। लेकिन देढ़ माह बाद भी सड़क पर अतिरिक्त सिटी बसों को उतारा नहीं जा सका है। अभी भी जिले में केवल 8 सिटी बस अलग अलग रुट पर दौड़ रही है। बसों की संख्या सीमित रहने से एक दूसरे बस के गुजरने का समयांतराल ज्यादा है। जबकि कोरोना काल से पहले 15 मिनट के अंतराल में सिटी बस किसी भी रुट पर मिल जाती थी। लेकिन अभी एक से देढ़ घंटे के बाद दूसरी सिटी बस मिलने से भी लोग इसके सफर को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। रही सही कसर मनमाना किराया वसूली से उतर रहा है।
भिलाई-3 से सुपेला का ले रहे 20 रुपए
सिटी बसों में किराया वसूली का कोई मापदंड तय नहीं है। इस बात का प्रमाण बस में चलने वाले कंडक्टर खुद ही दे रहे हैं। एक दैनिक यात्री ने बताया कि वह भिलाई-3 से सुपेला रोज आता है। इसके लिए निजी बस या आटो में 20 रुपए किराया लगता है। एक दिन वह सिटी बस में आया तो 10 रुपए किराया लिया गया। लेकिन दूसरे दिन अलग टाइमिंग वाले सिटी बस में आने पर भिलाई-3 से सुपेला का किराया उससे 20 रुपए वसूला गया। उसने बताया कि एक दिन पहले उससे सिटी बस में 10 रुपए किराया लिया गया। लेकिन इस बात को नकारते हुए उसे निजी बसों के बराबर 20 रुपए किराया देने के लिए मजबूर किया गया।