भिलाई नगर / अहिवारा 7 नवंबर 2023 :- दुर्ग जिले की अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित एकलौती विधानसभा सीट अहिवारा में फतह हासिल करने कांग्रेस और भाजपा में कांटे का संघर्ष देखने को मिल रहा है भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में युवा और महिला वर्ग का जन समर्थन स्पष्ट नजर आ रहा है, दोनों ही दलों के प्रत्याशी इस चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। दोनों ही प्रमुख पार्टी का इसके लिए भिलाई – चरोदा नगर निगम क्षेत्र में फोकस है। चुनाव रणनीतिकार मानते हैं कि भिलाई-चरोदा से बढ़त लेने वाले की जीत आसान हो जाएगी। लिहाजा पार्टी प्रत्याशी निर्मल कोसरे के यहां महापौर रहते हुए विकास को भुनाने की कोशिश में कांग्रेस कसर नहीं छोड़ रही है। वहीं भाजपा यहां के परम्परागत रूप में मजबूत माने जाने वाले अपने वोट बैंक को सहेजने में लगी हुई है।
अहिवारा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल कोसरे और भाजपा के डोमन लाल कोर्सेवाड़ा के बीच मुकाबला चल रहा है। निर्मल जहां युवा हैं, वहीं कोर्सेवाड़ा 77 साल के बुजुर्ग हैं। इन दोनों प्रत्याशी और उनके चुनावी रणनीतिकार भिलाई-चरोदा नगर निगम के 40 वार्डों में खासा जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल कोसरे अभी भिलाई-चरोदा नगर निगम के महापौर हैं। इस लिहाज से कांग्रेस पार्टी उनके अब तक के कार्यकाल में निगम के माध्यम से हुए विकास कार्यों को सामने रख मतदाताओं से विधानसभा चुनाव के लिए समर्थन मांग रहे हैं। जबकि भाजपा यहां पर अपने मजबूत वोट बैंक को सहेजने में खास ध्यान दे रही है।
दरअसल, भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में भाजपाई विचारधारा से प्रभावित एक बड़ा वोट बैंक है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण पिछले विधानसभा चुनावों में देखने को मिला है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे सांवलाराम डाहरे के खिलाफ जबरदस्त माहौल था। वहीं घोषणा पत्र जारी होने के बाद कांग्रेस के पक्ष में लहर चल पड़ी थी। बावजूद इसके तात्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी गुरु रुद्र कुमार भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र से पिछड़ गए थे। हालांकि गुरु रुद्र कुमार अहिवारा विधानसभा का चुनाव 31 हजार वोटों के बड़े अंतर से जीत गए थे। लेकिन भिलाई-चरोदा में उनका पिछड़ना यह बताने के लिए काफी है कि यह क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ है।
यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि इस बार भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थितियां बदली हुई है। लगभग 2 साल पहले हुए निगम चुनाव में पहली बार यहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में काबिज हुई। निर्मल कोसरे महापौर बने और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने का फायदा मिलने से निगम क्षेत्र में विकास की जन भावना को साकार करने का मौका महापौर के रूप में निर्मल कोसरे को मिला। अब कांग्रेस ने निर्मल कोसरे को अहिवारा विधानसभा का प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस पार्टी और खुद निर्मल कोसरे का पूरा जोर भिलाई-चरोदा से बढ़त लेने पर दिख रहा है।
भाजपा प्रत्याशी डोमन लाल कोर्सेवाड़ा को एक बार अहिवारा विधानसभा से विधायकी करने का मौका मिल चुका है। विधानसभा अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 2008 में हुए पहले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में कोर्सेवाड़ा ने कांग्रेस के ओनी महिलांग को हराया था। भाजपा का चुनाव संचालन वरिष्ठ नेता सत्यनारायण अग्रवाल संभाल रहे हैं। श्री अग्रवाल को चुनाव रणनीति में माहिर माना जाता है। जब कोर्सेवाड़ा ने इस विधानसभा से जीत दर्ज की थी तब भी सत्यनारायण अग्रवाल ने ही चुनावआ संचालन किया था। एक बार फिर श्री अग्रवाल का चुनाव संचालन कसौटी पर है। लिहाजा उनकी भी कोशिश है कि भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र से भाजपा को निर्णायक बढ़त मिल जाए।