गोवा में टूरिस्ट पर हमला ब्रेकिंग: पर्यटक पर चाकू तलवार से हमला ,चार आरोपी गिरफ्तार, मारपीट का देखें वीडियो…

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गोवा 14 मार्च 2023:! पर्यटन के दम पर अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले गोवा में अराजक तत्व सैलानियों को ही हिंसा का शिकार बना रहे हैं। शर्मनाक तथ्य यह है की गोवा की पुलिस भी आपराधिक तत्वों को संरक्षण देती नजर आ रही है। हाल ही में दिल्ली से छुट्टी मनाने गए सैलानियों पर हुआ जानलेवा हमला और गोवा पुलिस की कार्यशैली इसका ज्वलंत उदाहरण है। गोवा के मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद गोवा पुलिस ने आरोपियों पर प्राणघातक हमला करने के तहत भारतीय दंड विधान की धारा 307 का अपराध पंजीबद्ध कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि मारपीट की घटना में आधा दर्जन से अधिक अपराधी शामिल थे बाकी आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है

अपने खूबसूरत बीचों से सैलानियों का मन मोहने वाले गोवा का मिजाज बदल रहा है। पर्यटक को बाहरी समझने की मानसिकता, राज्य के पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। बीते सप्ताह छुट्टियां मनाने गोवा पहुंचे दिल्ली के दो परिवारों पर हुए जानलेवा हमले और पुलिस की बदमिजाजी ने, राज्य की पुलिस मशीनरी पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। हैरानी की बात तो यह है इस मामले में मुकदमा दर्ज करने वाली नार्थ गोवा पुलिस ने शिकायतकर्ता की लिखित तहरीर को भी FIR का हिस्सा नहीं बनाया है। मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में जानलेवा हमले की धाराएं दर्ज हुई हैं।

इसलिए हुआ हमला
दरअसल पूर्वी दिल्ली में रहने वाले अश्विनी शर्मा अपनी पत्नी और बहन के परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गोवा गए थे। 5 मार्च को गोवा पहुंचे यह सभी लोग स्पेजियो लेजर रिजॉर्ट में ठहरे थे. अंजुना पुलिस स्टेशन क्षेत्र स्थित इस होटल में कार्यरत एक वेटर ने इनके साथ दुर्व्यवहार किया तो इन्होंने होटल प्रबंधन से शिकायत कर दी। पहले वेटर का पक्ष ले रही होटल रिसेप्शनिस्ट ने मामला बढ़ता देख वेटर को चार दिन के लिए छुट्टी पर भेज दिया। लेकिन जाते-जाते वह शर्मा के परिजनों को “देख लेने” की धमकी दे गया।

वेटर ने बुलाए गुंडे
अश्विनी शर्मा बताते हैं कि इस घटना के करीब डेढ़ घंटे बाद जब वह बाहर घूमने के लिए निकले, तो देखा कि वेटर अपने कुछ साथियों के साथ होटल के बाहर खड़ा था। जिसके साथ होटल की रिसेप्शनिस्ट भी मौजूद थी। किसी अनहोनी की आशंका से अश्विनी शर्मा ने उनका फोटो खींच लिया। यह देखकर रिसेप्शनिस्ट और वेटर ने उन्हें तुरंत फोटो डिलीट करने के लिए कहा। इस बात पर बहस बढ़ी तो शोर सुनकर अश्विनी शर्मा के जीजा और परिजन भी बाहर आ गए और देखते-देखते यह बहस हाथापाई में तब्दील हो गई।

गोवा में पर्यटकों पर चाकू-तलवार से हमला, वीडियो वायरल

गोवा के अंजूना इलाके में एक रिसॉर्ट में पर्यटकों पर तलवार और चाकू से हमले का मामला है। सामने आया है। इस अटैक में वे गंभीर रूप से घायल हो के गए हैं। स्पाजियो लीजर रिसॉर्ट की यह घटना है। इस में मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कहीं है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘अंजुना की हिंसक घटना चौंकाने वाली और असहनीय है। मैंने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इस तरह के असामाजिक तत्व राज्य में लोगों की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

गुंडों ने किया जानलेवा हमला
पीड़ित परिवार के मुताबिक इस बीच वेटर के दो-तीन ओर साथी मौके पर आए और उन्होंने बेसबॉल के डंडों और चाकुओं से उन पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसके बाद सारे बदमाश वहां से भाग गए। लेकिन शर्मनाक तथ्य यह है कि होटल प्रबंधन ने इस घटना की सूचना पुलिस को देना जरूरी नहीं समझा। खून से लथपथ अपने परिजनों की जान बचाने के लिए फिक्रमंद हमले के शिकार परिवार ने खुद पुलिस को इस घटना की जानकारी दी।

पुलिस का रवैया
जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल हो खून से लथपथ लेटे पर्यटकों को पुलिस ने सहारा देकर गाड़ी में लिटाने तक से इंकार कर दिया। जैसे-तैसे पीड़ित परिवार ने उन्हें पुलिस की गाड़ी में लिटाया तो पुलिस वाले यह कहते नजर आए कि तुम लोगों ने सारी गाड़ी गंदी कर दी है। उसके बाद गंभीर रूप से घायल 2 लोगों के अस्पताल ले जाया गया। जहां एक की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें दूसरे हॉस्पिटल भेज दिया गया। लेकिन ब्लीडिंग नहीं रुकने के कारण अगले दिन सुबह उनका आपरेशन करना पड़ा।

नहीं लिखे बयान
अश्विनी शर्मा हाथ में लगी चोट पर पट्टी कराकर थाने पहुंचे तो वहां मौजूद एक थानेदार ने अपने मोबाइल में आरोपी बदमाशों की फोटो दिखाकर उन सभी की पहचान भी करा ली। इसके बाद शर्मा ने हाथ में लगी चोट का हवाला देकर अपने बयान दर्ज करने का अनुरोध किया। लेकिन पुलिस ने बयान दर्ज करने से इंकार कर दिया और बोला कि खुद कहीं से लिखवा कर लाओ। बहरहाल उन्होंने चार पेज पर लिखी शिकायत पुलिस को दी और वापस लौट गए।

पुलिस ने नहीं माना जानलेवा हमला
शर्मनाक तथ्य यह है कि अश्विनी शर्मा की शिकायत में लिखें घटनाक्रम को पुलिस ने FIR में दर्ज करना भी जरूरी नहीं समझा। जानलेवा हमला करने वाले गुंडों पर भी मामूली धाराओं में केस दर्ज किया गया। सोशल मीडिया में गोवा सरकार और पुलिस की किरकिरी हुई तो गोवा की भाजपा सरकार नींद से जागी।

महज एक थानेदार को किया निलंबित
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमला करने की धाराएं भी जोड़ दी गई। गोवा के पुलिस महानिरीक्षक ओमवीर बिश्नोई कहते हैं कि इस मामले में थानेदार को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन की लिखित तहरीर को FIR में शामिल नहीं करने और अन्य पुलिस कर्मियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने के सवाल का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

इंस्टाग्राम पर लिखी आपबीती

एक शख्स ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया कि मैं गोवा घूमने आया था, जहां मुझ पर स्थानीय गुंडों ने हमला कर दिया. इस मामले में पुलिस ने धारा 307 के बजाय 324 के तहत मामला दर्ज किया था, सभी फुटेज पुलिस ने रिसॉर्ट से लिए हैं. रिसॉर्ट में हम 5 मार्च से 9 मार्च तक रहे.


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