बिलासपुर 29 जनवरी 2025:- बलौदाबाजार में हुई हिंसा से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष समेत 15 आरोपियों को जमानत दे दी है। इससे पहले इसी मामले में एक अभियुक्त को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, जिसे आधार बनाकर अन्य अभियुक्तों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।


जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस नरेंद्र व्यास की एकलपीठ में हुई, जहां अभियुक्तों की अर्जी को स्वीकृति दी गई। यह मामला 10 जून को बलौदाबाजार स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में हुई तोड़फोड़ और एसपी कार्यालय में आगजनी की घटना से जुड़ा है। इस हिंसक प्रदर्शन के बाद विभिन्न धाराओं के तहत 187 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।




गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत ने अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हर्षवर्धन परघानिया ने बताया कि इस हिंसा से जुड़े कुल 40 से अधिक जमानत याचिकाओं पर विचार किया गया, जिनमें से 15 से अधिक अभियुक्तों को राहत देते हुए कोर्ट ने जमानत दी।


बलौदाबाजार हिंसाः जानिए पूरा मामला
15 और 16 मई की रात अज्ञात असामाजिक तत्वों ने गिरौधपुरी धाम में स्थित सतनामी समाज के धार्मिक स्थल पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की। इसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने की घोषणा की।


10 जून को जैतखाम में हुई तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जल्द ही उग्र हो गया और हिंसा में बदल गया। उपद्रवियों ने कलेक्टर और एसपी कार्यालय में आग लगा दी, जिससे सरकारी संपत्तियों को करीब 12.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस हिंसा के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए कुल 43 मामलों में भिलाई के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव सहित 187 लोगों को गिरफ्तार किया था।
