होली के पहले शराब के अवैध कारोबार पर चढ़ने लगा रंग….
00 पड़ोसी राज्यों से लाकर शराब का हो रहा अवैध संग्रहण….
00 सरकारी दुकानों पर नजर आ रही कोचियों की सक्रियता….

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भिलाई नगर 04 मार्च 2023। होली के लिए शराब का अवैध संग्रहण शुरू हो चुका है। इस खेल को शराब के अवैध कारोबार में संलग्न असामाजिक तत्व अंजाम दे रहे है। दीगर प्रदेश से तस्करों द्वारा शराब लाकर ठिकाने लगाने का काम तेज कर दिया गया है। होली के दिन शराब की दुकानें बंद रहेगी। तब मुंहमांगी कीमत पर पहले से खरीदकर रखी शराब को खपाया जाएगा। कोचियों की तैयारी शुरू हो जाने से सरकारी शराब की दुकानों में अचानक भीड़ बढ़ने लगी है। खरीदकर लाने वालों को कोचिए पौवा पीछे 10 रुपए का कमीशन दे रहे हैं।


रंग और उमंग का पर्व होली 8 मार्च को मनाया जाएगा। हर बार की तरह इस दिन सरकारी शराब की दुकानें पूर्णत: बंद रहेगी। जबकि हाल के वर्षों में होली के दिन शराब पीने और पिलाने की अघोषित परंपरा सी बन गई है। इसे देखते हुए होली से ठीक पहले शराब के अवैध कारोबार से जुड़े असामाजिक तत्व बंद के दिन मुंहमांगी कीमत पर बेचने की तैयारी में लग जाते हैं। इस बार भी शराब का अवैध संग्रहण का खेल भिलाई – दुर्ग और आसपास के गांवों में शुरू हो चुका है। मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से भी होली के मद्देनजर बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी होने की खबर सुर्खियों में है।


खास बात है कि कोचिए की भूमिका निभा रहे शराब के अवैध कारोबारी बाकायदा सरकारी दुकान से खरीदी करवा रहे हैं। इसके लिए कमीशन का लालच देकर किशोर व नौजवानों का इस्तेमाल करने से कोचिए चूक नहीं रहे हैं। इसके लिए स्वयं के दुपहिया वाहन वाले युवकों को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे युवकों को रुपए देकर नजदीकी शराब दुकान में ग्राहक बनाकर भेजा जा रहा है। शराब खरीदकर लाने पर एक पौवा के पीछे 10 रुपए कमीशन दिए जाने की चौकाने वाली बात सामने आ रही है। दरअसल सरकारी दुकानों में एक व्यक्ति को सीमित मात्रा में शराब बेचे जाने का नियम है।

लेकिन कोचियों के लिए खरीदी करने वाले दिन भर में अनेक बार दुकान जाकर शराब खरीद रहे हैं। कोचियों के द्वारा इस तरीके से शराब खरीदकर संग्रहित किया जा रहा है। गौरतलब रहे कि होली के अवसर पर शराब की खपत साल-दर साल रिकार्ड बनाती जा रही है। जब लाइसेंसी दुकानों में शराब बिकती थी तो ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते कोचियागिरी का अच्छा खासा बोलबाला था।

होली जैसे त्योहार पर बंद के दिन ज्यादा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से लाइसेंसी ठेकेदार अथवा उनके नुमाइंदों के द्वारा शराब की अवैध तरीके से कोचियों को आपूर्ति की जाती थी। लेकिन अब जब सरकारी स्तर पर शराब का विक्रय प्रदेश में हो रहा है तो काफी हद तक कोचियागिरी नियंत्रित हो गई है। लिहाजा अब शराब के अवैध कारोबार से जुड़े कुछ असामाजिक तत्व सरकारी दुकानों से शराब खरीदकर होली के दिन मुंहमांगी कीमत पर बेचने का इरादा बुलंद कर तैयारी में जुट गए हैं।



दो दिन पहले सक्रिय होती है पुलिस
यह बात सभी को मालूम है कि होली के दिन जब सरकारी दुकानें बंद रहेगी तो शराब का अवैध तरीके से खरीदी बिक्री चलेगी। इसे रोकने के लिए आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस प्राय: होली के दो दिन पहले ही सक्रिय होती है। शराब के अवैध कारोबारियों को इस बात की भलीभांति जानकारी है। यही वजह है कि पुलिस की सक्रियता से पहले कोचिए अपने ठिकानों में शराब का जखीरा सुरक्षित रखवाने में जुटे हुए हैं।

इसमें कोहका, जुनवानी, केंप, सुपेला, खुर्सीपार, रुआबांधा, मरोदा सहित टाउनशिप के कुछ सेक्टर विशेष रूप से सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके अलावा भिलाई-3 चरोदा, कुम्हारी सहित पुरैना व जोरातराई जैसे इलाके भी शामिल है। इन इलाकों में शराब के अवैध कारोबार में संलग्न असामाजिक तत्व पुलिस की सक्रियता से पहले ही शराब का अवैध संग्रहण होली के लिहाज से पूरा कर लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।


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