नाम वापसी से पहले कांग्रेस – भाजपा बागियों के मान मनौव्वल में जुटी
00 अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने किया जा रहा मनुहार
00 संभावित नुकसान का आंकलन कर संगठन के नेताओं को दी गई जिम्मेदारी

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भिलाई नगर 31 अक्टूबर 2023:- नाम वापसी की समय-सीमा खत्म होने से पहले कांग्रेस और भाजपा में बागी होकर विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वालों को मनाने की कोशिश शुरू हो गई है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की ओर से अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव मैदान से हटने के लिए अपनी-अपनी पार्टी के बागियों का मनुहार किया जा रहा है। बागियों के चुनाव मैदान में बने रहने की स्थिति में पार्टी प्रत्याशी को होने वाले संभावित नुकसान का आंकलन कर संगठन के नेताओं को मान मनौव्वल की जिम्मेदारी दी गई है।


दुर्ग जिले के सभी छह विधानसभा सीटों में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है। इस प्रक्रिया में सबसे अधिक 29 नामांकन दुर्ग शहर से जमा हुए हैं। वहीं सबसे कम नामांकन भिलाई नगर विधानसभा से हुआ है। इस बार भिलाई नगर से 14 लोगों ने चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतरने का मन बनाया है। इसके अलावा पाटन से 19, वैशाली नगर से 21 और दुर्ग ग्रामीण व अहिवारा विधानसभा से 16-16 नामांकन जमा हुए हैं।

इसमें कांग्रेस व भाजपा सहित अन्य पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशी सहित कुछ ऐसे भी हैं जो टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में ताल ठोकने का इरादा जाहिर कर चुके हैं।
नाम वापसी की तारीख 2 नवंबर है। लिहाजा कांग्रेस और भाजपा ने अपनी पार्टी के बागी तेवर दिखाने वालों को मनाने की कोशिश शुरू कर दिया है। बागियों के चुनाव मैदान में बने रहने की स्थिति में राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए बागियों को मनाकर नाम वापसी के लिए तैयार करने की जवाबदारी दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने संगठन के नेताओं को दी है।

जरुरत के मुताबिक प्रदेश संगठन के बड़े नेताओं से भी बागी तेवर दिखाने वालों की दूरभाष पर बात कराई जा रही है। कुछ बागियों को उनके पार्टी के नेता भविष्य में सरकार बनने पर सत्ता में भागीदारी देने का भी आश्वासन देने से चूक नहीं रहे हैं।
दुर्ग जिले की छह विधानसभा सीटों में से वैशाली नगर में बागियों के चलते भाजपा प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। यहां पर पहले से ही जयप्रकाश यादव और छोटे लाल चौधरी ने बगावत का झंडा बुलंद रखा है। नामांकन भरने के उपरांत भाजपा के इंजीनियर जयप्रकाश यादव ने भिलाई जिला भाजपा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

आखिरी दिन भाजपा से टिकट की दावेदार रही संगीता केतन शाह ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे आसान नजर आ रही भाजपा की चुनावी राह मुश्किलों भरा हो गया है। भाजपा के बड़े नेता वैशाली नगर से बागियों की नाम वापसी को लेकर जुट गए हैं। जिले के अन्य सीटों पर भी कांग्रेस और भाजपा की राह में बागियों के चलते रोड़ा खड़ा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। ऐसे बागियों को हर हाल में नाम वापसी के लिए मनाया जा रहा है। बताया यह भी जाता है कि कई बागियों ने नामांकन तो भर दिया किंतु भाजपा नेताओं की पूछ परखना होने की वजह से परेशान है कि नामांकन वापस लूं या चुनाव मैदान में डाटा रहो कैसे कई ऐसे बागी भी है जो इस बात का इंतजार कर रहे हैं की पार्टी के वरिष्ठ नेता कर उनसे केवल चर्चा कर लेते हुए अपना नामांकन वापस ले लेंगे

वैसे दुर्ग जिले में सर्वाधिक भीतर घाट की शिकायत वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिल रही है जहां दोनों राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने स्तर पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ गड्ढा खोदने में कोई कमी नहीं छोड़ रखी है कांग्रेस के मुकेश चंद्राकर और भाजपा के रिकेश सेन अपने अपने स्तर पर चुनाव प्रचार में डटे हुए हैं और उनके पीछे कांग्रेस और भाजपा के लोग उन्हें निपटने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ रखे हैं यही हाल दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में भी है जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण कांग्रेस की अधिकृत उम्मीदवार ताम्रध्वज साहू को हराने में जुटे हुए हैं वैशाली क्षेत्र के अनेक मतदाता विशेष कर कांग्रेस के लोग विभिन्न संगठन पदों में बैठे कांग्रेस के पदाधिकारी पूर्व पदाधिकारी कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ पिछले दरवाजे से नुकसान पहुंचाने का पूरी रणनीति बना कर रखी हुई है

। जबकि भिलाई विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ कुछ कांग्रेस के वरिष्ठ नजन अपने-अपने स्तर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के कार्य में संलग्न हैं जबकि भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत नहीं के बराबर देखी जा रही है 17 नवंबर को विधानसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत कैसा रहेगा इस जो जीत हार का संकेत दे देगा 3 दिसंबर को मतगणना के उपरांत पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि मतदाताओं का रुझान किसकी और था वैसे अभी तक चुनावी माहौल नहीं बन पाया है टाउनशिप में चुनाव का माहौल नहीं के बराबर देखा जा रहा है जबकि छावनी और कुर्सी पर क्षेत्र में दोनों दलों के वॉल राइटिंग झंडा बैनर इस बात को इंगित करता है कि 17 तारीख को वोट गिरेगा


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