श्री राम कथा का दूसरा दिन: गीता का सबसे सर्वश्रेष्ठ टीका श्रीरामचरितमानस है…..दीदी मां मंदाकिनी

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भिलाई नगर 8 जनवरी 2023:! राधा कृष्ण मन्दिर परिसर नेहरू नगर में चल रही श्री रामकथा में दीदी माँ ने बताया कि हमारा सारा जीवन मन के द्वारा ही संचालित होता है। जिस प्रकार प्रत्येक मौसम में हमारा खान-पान, हमारा परिधान बदलते रहते हैं उसी प्रकार हमारा मन भी बदलते रहता है।


दीदी माँ ने भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण की कथा का उदाहरण देते हुए बहुत ही रोचक रूप से समझाया कि क्या कारण है कि त्रेतायुग में और द्वापरयुग दोनों में युद्ध हुआ किन्तु द्वापरयुग में कृष्ण राज्य नहीं बना और त्रेतायुग में रामराज्य की स्थापना हो गई। इसका कारण बताते हुए माँ ने कहा कि भगवान कृष्ण ने गीता में जो उपदेश दिया उसे सही सही ना समझना है।

यदि हमें गीता को समझना है तो उससे पहले श्रीरामचरितमानस को समझना होगा। गीता का यदि कोई सर्वश्रेष्ठ टीका है तो वह श्रीरामचरितमानस है।
भगवान कृष्ण ने गीता का जो उपदेश दिया उसको सबसे पहले चार लोगों ने सुना, अर्जुन, हनुमानजी, संजय और धृतराष्ट्र ने। अर्जुन ने साधक के रूप में ग्रहण किया, हनुमानजी ने कथा रसिक के रूप में , संजय ने श्रोता और वक्ता के रूप में और धृतराष्ट्र ने मोह की भावना से ग्रहण किया। ये हमारे मन पर ही निर्भर करता है कि हम भगवान की कथा को किस रूप में ग्रहण करते हैं।


कथा के मुख्य यजमान शिवकुमार सोनी और अन्नपूर्णा सोनी ने सर्व प्रथम व्यासपीठ की पूजा अर्चना कर माँ से आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद आई.पी. मिश्र जी उपस्थित थे उन्होंने व्यासपीठ की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया।


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