भिलाई नगर 1 जुलाई 2023 :-:गोलीकाण्ड में हुये शहीद मजदूरो को श्रद्धांजलि अर्पित करने छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के श्रमिक व समर्थकगण भिलाई पॉवर हाऊस छावनी लाल मैदान में सुबह 10 बजे एकत्रित हुये, वहां से शहीद परिवारो को लेकर गोलीकाण्ड घटना स्थल रेल्वे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 1 एक में जहां शहीदो की छायाचित्र लगाये गये थे वहां पूजा अर्चना की गयी के पश्चात् पॉवर हाऊस से रैली प्रारंभ की गयी जो नंदिनी मार्ग से छावनी चौक ए.सी.सी. (नियोगी) चौक में पहूचकर शहीद शंकर गुहा नियोगी के प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात् श्रद्धांजलि सभी की गयी।
रैली में लाल हरा पोषाक पहने बैनर व झण्डो के साथ चल रहे थे रैली में भिलाई के अमर शहीदो जुग जुग जियो शहीद शंकर गुहा नियोगी अमर रहे, केन्द्र सरकार द्वारा श्रम कानूनो में किया गया शंसोधन रद्द करो, आदि नारे लगा रहे थे।
सभा के पूर्व क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किया गया, सभा को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष जनक लाल ठाकुर, कामरेड भीमराव बागड़े, उड़ीसा के महेन्द्र परिडा एक्टू के राष्ट्रीय सचिव बृजेन्द्र तिवारी, बंशीलाल साहू, कलादास डेहरिया, सुकलाल साहू, बसंत साहू, धनंजय शर्मा, भानु रामटेके, संतोष यादव, जयप्रकाश नायर, रमाकांत बंजारे, भोजराम साहू, ए. जी. कुरैशी, दिलीप पारकर,
आदि वक्ताओ ने संबोधित किया, सभा का संचालन तुलसी देवदास, पुनाराम साहू ने किया। सभा के दौरान मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर दुर्ग के प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा गया।
वक्ताओ ने अपने संबोधन में कहा कि श्रमिक अपनी जायज मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे थे भा.ज.पा. की पटवा सरकार द्वारा उद्योगपतियो को बचाने पुलिस गोली चालन करवाया गया, जिसमें 17 मजदूर शहीद हुये थे, उनका 31वां शहीद दिवस आज हम मना रहे हैं।
उन्होने कहा कि सरकार द्वारा भिलाई गोली काण्ड न्यायीक जाँच आयोग नियुक्त किया गया था, आयोग द्वारा संबंधित उद्योगपति व जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुये दो सौ पन्नो की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी, उक्त आयोग के समक्ष पुलिस अधीक्षक द्वारा श्रमिको के विरूद्ध बनाये गये 136 प्रकरणो की सूची पेश की गयी इन सभी प्रकरणो में विभिन्न न्यायालय द्वारा श्रमिको को बरी किया गया, क्योंकि आन्दोलन को कमजोर करने उद्योगपतियो के निर्देश में पुलिस द्वारा फर्जी प्रकरण बनाये गये थे। उन पुलिस अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग किये है।
उन्होने कहा कि देश के मेहनतकशों ने वर्षो तक संघर्ष किये तब 44 श्रम कानून बने थे उन कानूनो को मोदी सरकार द्वारा कार्पोरेट उद्योगपतियो के हितो के लिये समाप्त कर मात्र 4 श्रम कोड बनाये गये, जो श्रमिको पर गुलामी थोपी जा रही है, श्रमिको की छटनी कर बेरोजगारी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जनता का ध्यान हटाने धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिशे जारी है, इससे मजदूर वर्ग को सचेत रहना होगा।
किसानो के लिये समर्थन मूल्य गारंटी कानून पास करने के बजाए सरकारी संस्थाये रेल्वे, बैंक बीमा, रक्षा कोयला में नीजीकरण किया जा रहा है उसी का नतीजा है कि उड़ीसा में हुई रेल दुर्घटना में 300 से अधिक यात्रियो को अपनी जान गवानी पड़ी।
उन्होने कहा कि खनिज सम्पदा की लूट के लिये निर्दोष आदिवासियों को जेलो में डाल रही है, वन संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। ठेकेदारो को लाभ पहूंचाने चंदूलाल मेडिकल अस्पताल में वर्षो से कार्यरत् स्वास्थ्य कर्मियो को ड्यूटी में नही लिया जा रहा है, जहां के श्रमिक संगठित नही है उन श्रमिको को न्यूनतम वेतन भी नही मिल रहा है, भविष्य निधि की राशि गबन की जा रही है, शासकीय श्रम विभाग उद्योगपतियो को संरक्षण देने में लगा हुआ है। इसलिये श्रमिको को अपने-अपने कंपनियो में संगठित होकर संघर्ष करना होगा।