भिलाई नगर 25 सितंबर 2022:! भिलाईइस्पात संयंत्र में आयातित हार्ड कोकिंग कोल के स्टाॅक में आई कमी के कारण पैदा संकट से निकलने के लिए भारतीय रेलवे की मदद से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोल की कमी को दूर करने के लिए व्यस्त रेलमार्ग के बावजूद कोकिंग कोल रैक को प्राथमिकता के साथ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र और भारतीय रेलवे के अधिकारी निरन्तर संपर्क बनाए हुए है और कोल के स्टाॅक को पर्याप्त बनाने की कोशिश की जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र में विगत कुछ दिनों से आयातित हार्ड कोकिंग कोल की उपलब्धता में कमी आने से उत्पादन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था और कोक ओवन में कोक की पुशिंग को कम करना पड़ा था। इस स्थिति से निपटने के लिए भारतीय रेलवे की मदद से विशाखापट्टनम बंदरगाह से आया
तित हार्ड कोकिंग कोल की निरन्तर लोडिंग की जा रही है और व्यस्त्तम रेलमार्ग होने के बावजूद प्राथमिकता के साथ रैक को भिलाई पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
विगत दो-तीन दिनों में कोकिंग कोल के स्टाॅक की स्थिति में क्रमशः सुधार नज़र आ रहा है और आगामी चन्द दिनों में स्थिति बेहतर होने की संभावना लग रही है। संयंत्र और रेलवे के संयुक्त प्रयास से इस संकट से उबरने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में इस्पात उत्पादन की प्रक्रिया में आयातित हार्ड कोकिंग कोल का उपयोग महत्वपूर्ण है। भारतीय कोकिंग कोल के साथ मिलाकर कोक ओवन में गर्म कर कोक का निर्माण किया जाता है और इस कोक एवं सहायक उत्पाद के रूप में प्राप्त गैसों का इस्पात उत्पादन में विशेष भूमिका है। संयंत्र में आयातित कोल के स्टाॅक में कमी के कारण कोक ओवन में कोक पुशिंग और ब्लास्ट फर्नेस में कोक की आपूर्ति एवं अन्य मिलों की फर्नेसों में गैस आपूर्ति पर प्रभाव पड़ा था।
भारतीय रेलवे के सहयोग से पिछले दो दिनों में भिलाई को विशाखापट्टनम बंदरगाह में एकत्र आयातित हार्ड कोकिंग कोल को लोड कर भिलाई पहुंचाया जा रहा है। पूर्व की तुलना में आयातित कोकिंग कोल के स्टाॅक में क्रमशः सुधार आ रहा है। कोक की उपलब्धता के साथ ही ब्लास्ट फर्नेस में उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में पर्याप्त मात्रा में कोल रैक की आपूर्ति हो जाएगी और वर्तमान स्थिति बेहतर एवं उत्पादन को सामान्य कर दिया जाएगा।