रायपुर 7 फरवरी 2024 :- छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में बुधवार को EOW ने केस दर्ज कर लिया है. पूर्व चेयरमेन टामन सोनवानी, जीवन किशोर ध्रुव सहित कई कांग्रेस के नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है. बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने पीएससी घोटाला मामले की हाई लेवल जांच कराने का वादा किया था.
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में बुधवार को EOW ने केस दर्ज कर लिया है। पूर्व चेयरमेन टामन सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव सहित कई कांग्रेस के नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने पीएससी घोटाला मामले की हाई लेवल जांच कराने का वादा किया था।
इस मामले में 2 साल में 40 से ज्यादा शिकायतें भी हुई। विधानसभा सत्र के दौरान भी पीएससी घोटाले का मुद्दा सदन में उठा था। इस मामले में रिश्तेदारों को नौकरी देने से लेकर, परीक्षा में अनियमितता, फर्जीवाड़ा, रिजल्ट में गड़बड़ी से लेकर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया गया है।
सीजी पीएससी के खिलाफ 48 शिकायतें
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी सहित अन्य कारणों से काफी चर्चा में रहा। पीएससी में गड़बड़ी को लेकर शिकायतों का दौर 2019 में ही शुरु हो गया था। तब से 2023 के बीच पीएससी के खिलाफ कुल 48 शिकायतें की गई। इनमें से ज्यादातर शिकायतें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से की गई है।
पीसीसी के खिलाफ शिकायतों को लेकर विधानसभा के बजट सत्र में बिल्हा सीट से भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रश्न किया था। सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि सीजी पीएससी के खिलाफ 2019 से 2023 के बीच कुल 48 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों में भर्ती में अनियमितता, धांधली और गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। 2019 में हुई सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर 9 शिकायत मिली थीं।
गौरतलब है कि 11 मई 2023 को सीजी पीएससी 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ था. इसमें 171 पदों पर पीएससी ने भर्ती की थी, जिसमें 15 लोगों का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि मेरिट लिस्ट में पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों को जगह मिली है।
इन आरोपों के बाद लोक सेवा आयोग आरोपों के घेरे में थी और बीजेपी के नेता ननकी राम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इसके बाद कोर्ट ने 18 लोगों की नियुक्ति को रोकने के आदेश दिए थे। वहीं राज्य सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला ले चुकी है.
छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और जिसके परिणाम 11 मई 2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए श्री ननकीराम कंवर व अन्य के माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी।
शिकायती पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एवं शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकगण और संबंधित राजनेतागण एवं अन्य के द्वारा अपने-अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तथा राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से आपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों को कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले इनका चयन शासकीय पदों पर करते हुए शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुये छल कारित किया गया है, जो कि धारा 120 बी, 420, भादवि एवं धारा 7, 7 (क), एवं 12 भ्र.नि.अ. 1998 यथा संशो. 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया है, अतः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।