BIG ब्रेकिंग :- शराब घोटाले में आरोपी पूर्व IAS अनिल टुटेजा को लगा जोर का झटका… हाई कोर्ट के सिंगल बेंच दें नियमित जमानत पर रिहा करने से किया इंकार…

IMG_20241204_221044.jpg

बिलासपुर 04 दिसंबर 2024:- शराब घोटाले में आरोपी पूर्व IAS अफसर अनिल टूटेजा को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने नियमित जमानत पर रिहा करने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख करते हुए तीखी टिप्पणी की है।

कोर्ट ने कहा है कि उपरोक्त अपराधों के लिए निर्धारित दंड की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए और ऐसे मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की बाध्यकारी टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए कि भ्रष्टाचार राष्ट्र का दुश्मन है और भ्रष्ट लोक सेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 का एक आवश्यक आदेश है।

जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच ने अपने फैसले लिखा है कि आगे यह ध्यान में रखते हुए कि भ्रष्टाचार वास्तव में मानव अधिकारों का उल्लंघन है, विशेष जीवन, स्वतंत्रता, समानता और भेदभाव न करने वे अधिकार का और यह सभी मानव अधिकारों की  एक आर्थिक बाधा है। आगे यह ध्यान में रखते हुए कि आवेदक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। आरोप की प्रकृति और अपराध की गंभीरता को देखते हुए, आवेदक पर आरोप लगाए गए हैं, जो अत्यंत गंभीर हैं, ऐसे अपराध छत्तीसगढ़ राज्य में किए गए हैं। लिहाजा अपराध की प्रकृति और गंभीर कारणों से याचिकाकर्ता को नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश देना

सिंगल बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि याचिकाकर्ता सहित कई सरकारी अधिकारियों की भूमिका उजागर हुई है और अपराध में उनकी सहभागिता भी स्थापित हुई है। जांच से पता चला है कि याचकीकर्ता ने अन्य सह- आरोपियों के साथ मिली-भगत करके सिंडिकेट्स को रिश्वत के भुगतान की सुविधा प्रदान करने में महत्वा भूमिका निभाई थी।

इस मौके पर राज्य शासन के अधिवक्ताओं ने बताया कि याचिकाकर्ता ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर राज्य के खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया इनके अपराध की अनुमानित आय लगभग 1660,41,00,056/- रुपये है। यह बहुत बड़ी अघोषित धनराशि और सिंडिकेट के माध्यम से अरि अनुपातहीन संपत्ति है, जिससे राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचा है और जिसके लिए वर्तमान आवेदन खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही दर्ज की गई है।

राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट ने कहा कि अब तक की जांच से पता चलता है कि याचिकाकर्ता अनिल टूटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के साथ सिंडिकेट का मुख्य व्यक्ति है। यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता शराब घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक था और उसने सरकारी कर्मचारी होने के नाते अपने पद का दुरुपयोग किया और अन्य आरोपियों के साथ शराब की अवैध बिक्री में शामिल रहा। जहां तक चिकित्सा मुद्दों के संबंध में समानता आधार का संबंध है, जिसमें कहा गया है कि वह ऑस्टियोआर्थराइटिस, यकृत विकार, जीजीटीपी (य क्षति), हाइपोनेट्रेमिया, उच्च रक्तचाप, हाइपोथायरायडिज्म और चिंता से पीड़ित है, ऐसी व गंभीर चिकित्सा समस्या नहीं है और इसलिए, वर्तम मामले में याचिकाकर्ता समानता के आधार पर जमानत देने का दावा नहीं कर सकता है।


scroll to top