BIG BREAKING :- हाई कोर्ट बिलासपुर का आदेश विभागीय छोटी सजा से सिर्फ 01 (एक) वर्ष बाधित होगा पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद पर प्रमोशन…

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बिलासपुर 19 नवंबर 2024:- विभागीय छोटी सजा से सिर्फ 01 (एक) वर्ष बाधित होगा पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद पर प्रमोशन ग्राम एवं पोस्ट-साल्हे, तहसील चन्द्रपुर, जिला सक्ती निवासी कमल किशोर पटेल वर्ष 2021-22 में जिला रायगढ़ में पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ थे। उनके विरूद्ध कुछ शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक (एस.पी.), रायगढ़ द्वारा विभागीय जांच के पश्चात् लघु दण्ड (छोटी सजा) “एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिये असंचयी प्रभाव से रोकने के दण्ड से दण्डित किया गया,

जिसका प्रभाव एक वर्ष पश्चात् समाप्त हो जाता है, उसके बावजूद भी कमल किशोर पटेल को पुलिस इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन से वंवित किये जाने पर कमल किशोर पटेल द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई।

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूनियन ऑफ इण्डिया विरूद्ध एस.सी. पाराशर के वाद में वर्ष 2006 इसके साथ ही माननीय उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा डी.एस.पी. मैक्सी मिलियन मिंज के वाद में यह सिद्धांत प्रतिपादित किया गया कि असंचयी रूप से वेतनवृद्धि रोकने की विभागीय छोटी सजा प्राप्त होने पर उक्त अधिकारी / कर्मचारी सिर्फ 01 वर्ष के लिये वेतनवृद्धि एवं आगामी प्रमोशन से वंचित किया जायेगा।

चूंकि याचिकाकर्ता को दिनांक 15.07.2022 को उक्त लघु दण्ड से दण्डित किया गया, जिसका प्रभाव दिनांक 01.07.2023 से प्रारंभ होकर दिनांक 30.06.2024 तक होगा, उसके पश्चात् याचिकाकर्ता वेतनवृद्धि एवं उच्च पद पर प्रमोशन का पात्र होगा। चूंकि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा दिनांक 11 अक्टूबर 2024 को जारी प्रमोशन आदेश में याचिकाकर्ता को लघु दण्ड के कारण इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन से वंचित किया गया।

उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् रिट याचिका को इस आधार पर स्वीकार किया गया कि दिनांक 30 जून 2024 को उक्त लघु दण्ड का प्रभाव समाप्त हो जाने पर याचिकाकर्ता 11 अक्टूबर 2024 को इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन का पात्र है। उक्त आधारों पर उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा सचिव, गृह (पुलिस) विभाग एवं पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को यह निर्देशित किया गया कि वे उपर्युक्त न्यायदृष्टांतों के आधार पर याचिकाकर्ता का लघु दण्ड की समाप्ति पर निरीक्षक (इंस्पेक्टर) पद पर प्रमोशन हेतु प्रस्तुत अभ्यावेदन का निराकरण करें।


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