रायपुर 21 नवंबर 2023:- सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए की याचिका ख़ारिज करते हुए झीरम घाटी मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस को जांच करने के आदेश दे दिए है। NIA ने झीरम घाटी कांड की जांच कर रही थी, लेकिन जितेंद्र मुदलियार ने याचिका दायर कर यह कोर्ट में यह अपील की थी कि एनआईए ने बृहद षड़यंत्र की जांच नहीं की है अतः इसकी जांच छत्तीसगढ़ पुलिस को अनुमति दी जाए।
बात दें कि राज्य में सत्ता बदलने के बाद कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसके साथ ही राज्य पुलिस ने एनआईए से मामले के दस्तावेज देने का आग्रह किया था। लेकिन एनआईए ने दस्तावेज देने से इनकार करते हुए राज्य पुलिस की जांच के आदेश को कोर्ट में चुनौती दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य पुलिस इस मामले की जांच कर सकेगी।
यह घटना 13 मई 2013 में हुई थी। कांग्रेस ने पूरे राज्य में परिवर्तन यात्रा का आयोजन किया था। इस यात्रा का बस्तर में आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा,उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, सहित कई बड़े नेता शामिल थे। कांग्रेस नेताओं का यह काफिला जब झीरम घाटी से गुजर रहा था तब नक्सलियों ने हमला कर दिया। इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें कांग्रेस नेता और सुरक्षा कर्मी सहित अन्य शामिल थे।
राज्य सरकार का कहना है कि एनआईए ने अपनी जांच में षडयंत्र के एंगल की जांच नहीं की है। इसी आधार पर राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद 2018 में नए सिरे से जांच की प्रक्रिया शुरू करी गई। सरकार ने एसआईटी का गठित की, लेकिन एनआईए ने दस्तावेज देने से मना कर दिया। एनआईए का तर्क था कि वह मामले की जांच कर रही है और चालान भी पेश कर चुकी है।
इस बीच 2020 में झीरम हमले में मारे गए राजनांदगांव के पूर्व विधायक उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने दरभा थाने में आवेदन दिया। इसके आधार पर पुलिस ने नया एफआईआर दर्ज किया और जांच करने लगी। एनआईए इस जांच को रोकने के लिए कोर्ट गई थी। लोवर कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला, लेकिन सभी जगह राज्य पुलिस के पक्ष में फैसला आया।
25 मई को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा थी। जो सुकमा से दरभा होते हुए जगदलपुर जा रही थी। सामने नंदकुमार पटेल, फिर कवासी लखमा का काफिला था। इनके बाद महेंद्र कर्मा का काफिला आ रहा था। झीरम घाटी पहुंचते ही जंगल से गाड़ियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसनी शुरू हो गई थी। लोग संभल पाते तब तक कई लाशें बिछ चुकी थीं।
NIA, 10 साल में अपराधियों को पकड़ नहीं पाई- CM भूपेश
भूपेश बघेल ने हाल में बयान दिया था कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनी। हमने SIT गठित की। हमने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और NIA को पत्र लिखकर कहा था, यदि आपकी जांच पूरी हो गई हो तो हमें दे दीजिए। हमारी SIT भी जांच करेगी। लेकिन उन्होंने नहीं दिया। हम सब को पता है इस वारदात से किसको लाभ मिला है। इस हमले में जो लोग बचे थे उनसे NIA ने बात तक नहीं की। उनका बयान तक नहीं लिया गया। NIA, पिछले 10 साल में अपराधियों को पकड़ नहीं पाई।