भिलाई नगर 8 नवंबर 2024:- इस्पात नगरी भिलाई के निगरानी इनामी बदमाश सेक्टर 6 निवासी अमित जोश जयंती स्टेडियम के पास पुलिस एनकाउंटर में मारा गया शुक्रवार की शाम अमित जोश की जयंती स्टेडियम के पास उपस्थिति की पुलिस को सूचना मिली पुलिस की टीम जयंती स्टेडियम का समीप तालाब से आगे पहुंची पुलिस को देखते ही अमित जोश ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी पुलिस ने अपना बचाव करते हुए अमित जोश को एनकाउंटर में मार गिराया अमित जोशी एनकाउंटर में मारे जाने की पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला ने पुष्टि की है. पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के अनुसार पुलिस जवानों को गोली मारकर भागने की फिराक में दौड़ रहे शातिर बदमाश को भिलाई क्राइम ब्रांच की टीम ने ढेर कर दिया। माना जा रहा है कि, मुख्यमंत्री विष्णुदेव की सरकार में किसी निगरानीशुदा बदमाश का यह पहला एनकाउंटर है। पुलिस ने भिलाई गोलीकांड में संलिप्त अमित जोश पर 35 हजार का इनाम भी रखा था।
पुलिस कप्तान के अनुसार शातिर बदमाश अमित जोश जवाबी कार्रवाई में पुलिस फायरिंग में मारा गया गोली पूरा मामला भिलाई के कोतवाली थाना क्षेत्र का है। अमित जोश के पूर्व दुर्ग जिले में 2005 और 2010 में भी एनकाउंटर हो चुका है 2005 में तालपुरी के समीप गोविंद विश्वकर्मा का एनकाउंटर किया गया था एवं 2010 अक्टूबर माह में शातिर नक्सली एरिया कमांडर एक लाख का इनामी नागेश और उसकी पत्नी तारा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था.
जयंती स्टेडियम के पीछे जब सिपाहियों ने अमित को घेरा तो उसने दो सिपाहियों पर फायरिंग कर दी। जिसके बाद अतिरिक्त बल बुलाकर आरोपी की घेराबंदी करते हुए जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान आरोपी अमित ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से उसकी मौत हो गई।
4 महीने पहले आरोपी ने 3 लोगों पर फायरिंग की थी, जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सेक्टर-6 निवासी अमित जोश निगरानी बदमाश है। उसके खिलाफ दुर्ग-भिलाई के अलग-अलग थानों में मारपीट और गंभीर अपराधों में कई केस दर्ज हैं।
पुलिस कप्तान जितेन्द्र शुक्ला ने अमित जोश की एनकाउंटर की पुष्टि की है पुलिस के अनुसार अमित जोश भिलाई के ग्लोब चौक में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी है। वह बीते कई महीनों से फरार था। पुलिस को उसके भिलाई आने की गुप्त सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने तैयारी करते हुए आरोपी की घेराबंदी की।
इस बारे में एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि अमित जोश कुख्यात बदमाश था। किसी पर भी चाकू, छूरी और गन से हमला कर देता था। जून 2024 में रात करीब डेढ़ बजे 3 लोगों को गोली मारी थी। हमले में 2 लोग घायल थे। वारदात के बाद आरोपी फरार था। एसपी ने बताया कि पुलिस आरोपी पर लगातार नजर बनाकर रखी थी। इसी बीच पता चला कि आरोपी पिछले 3 दिनों से भिलाई में है। आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई। आरोपी के ठिकाने पर छापेमारी की गई। लॉज से लेकर हर जगहों पर तलाशी की गई।
जयंती स्टेडियम के पास हुई फायरिंग
खोजबीन के दौरान पुलिस और आरोपी का जयंती स्टेडियम के पास आमना सामना हो गया। आरोपी ने पुलिस की एक टीम पर फायरिंग कर दी। वहीं जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली आरोपी के पैर में लगी। इस दौरान आरोपी भागते हुए भी पुलिस पर फायरिंग कर रहा था। इस बीच जवाबी फायरिंग में 1-2 और गोलियां लगी हैं, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी ने आगे बताया कि, अमित जोश ने पुलिस जवानों को देखते ही उन पर फायरिंग कर दी। इस दौरान पुलिस ने उसे फायरिंग नहीं करने की चेतावनी दी, लेकिन वह लगातार गोलियां बरसता रहा, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की।
आरोपी के खिलाफ अलग-अलग थाने में 35 केस
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-6 निवासी अमित जोश निगरानी शुदा बदमाश था। उसके खिलाफ दुर्ग-भिलाई के अलग-अलग थानों में मारपीट और गंभीर अपराधों में करीब 35 केस दर्ज हैं। इसमें 25 भिलाई नगर थाने में एफआईआर,4 सुपेला, 1 दुर्ग कोतवाली, नेवई थाना, खुर्सीपार 1, पदमनाभपुर में 2 एफआईआर हैं।
आपको बता दें कि 25 व 26 जून की दरम्यानी देर रात ग्लोब चौक के पास अमित जोश एवं उसके साथी सागर बांध उर्फ डांगी, अंकुर शर्मा एवं यशवंत नायडू के द्वारा विश्रामपुर निवासी रमनदीप व उसके दो दोस्त आदित्य सिंह एवं सुनील यादव पर पिस्टल से 3 फायर किया गया था। इस गोलीकांड में आदित्य सिंह एवं सुनील यादव को गोलियां लगी थी। इस घटना में शामिल दो आरोपियों में अंकुर शर्मा और यशवंत नायडू को भिलाई नगर पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अमित जोश एवं सागर बाग की तलाश में पुलिस जुटी थी।
अमित जोश का आज एनकाउंटर दुर्ग जिले के इतिहास में तीसरे एनकाउंटर के रूप में पहचाना जाएगा 2005 में महादेव मेहर हत्याकांड में फरार कुर्सी पर के गोविंद विश्वकर्मा का तत्कालीन क्राइम सब इंस्पेक्टर राजीव शर्मा के नेतृत्व में तालपुरी के समीप दोपहर में पुलिस एनकाउंटर हुआ था घटना के समय क्राइम ब्रांच का प्रभाव निरीक्षक सचिन देव शुक्ला के पास था दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रमेश चंद्र शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में डॉ संजीव शुक्ला, पुलिस महा निरीक्षक के रूप में दुर्गेश माधव अवस्थी, एवं पुलिस महानिदेशक के रूप में ओ. पी. राठौर प्रदेश में तैनात थे।
दुर्ग जिले का दूसरा एनकाउंटर अक्टूबर 2010 में हुआ था उसे समय दुर्ग जिला आईजी के रूप में आर के विज, पुलिस अधीक्षक के रूप में अमित कुमार जो वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस पदस्थ हैं अक्टूबर 2010 में जामुल बोगदा पुलिया के पास पुलिस इनपुट के आधार पर तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मनीष शर्मा छावनी के सीएसपी यूं भी एस चौहान और जामुल के तत्कालीन थाना प्रभारी वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद शर्मा की टीम ने लाखों रुपए के इनामी नक्सली एरिया कमांडर नागेश एवं उसकी पत्नी तारा को सुबह-सुबह पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया था उसे समय प्रदेश में पुलिस की कमान डीजीपी विश्व रंजन के हाथों में थी इस मामले में बाद में सरकार ने इन अधिकारियों को गैलेनटी अवार्ड से भी सम्मानित किया था। जामुल बोगदा पुलिया के पास नक्सली हमले के समय आईजी गुप्त वार्ता का कार्यभार मुकेश गुप्ता संभाल रहे थे
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज के एनकाउंटर में डीएसपी क्राइम हेम प्रकाश नायक क्राइम के प्रभारी प्रभारी निरीक्षक तपेश्वर नेताम क्राइम ब्रांच के एएसआई पूर्ण बहादुर की टीम शामिल थी।