BIG BREAKING ,:- निलंबित ADGP गुरजिंदर पाल सिंह बर्खास्त… राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने कार्यवाही को दिया अंजाम…

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रायपुर /नई दिल्ली 21 जुलाई 2023:- केंद्र सरकार ने निलंबित एडीजीपी गुरजिंदर पाल सिंह को आज आय से अधिक संपत्ति वह दंगा भड़काने की साजिश का भंडाफोड़ के मामले में बर्खास्त कर दिया है राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने कार्यवाही को अंजाम दिया है 1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी जी पी सिंह को केंद्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. पूर्व आईपीएस जीपी सिंह लंबे समय से निलंबित थे. ACB ने जुलाई 2021 में कई करवाई में 5 करोड़ की संपत्ती का खुलासा हुआ था. बता दें कि करवाई में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. दस्तावेज़ों में राज्य के खिलाफ साजिश का पता चला था और दंगे भड़काने की साज़िश का भंडाफोड़ हुआ था.

छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS GP सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। चुनावी साल में किसी पुलिस अफसर पर ये बड़ी कार्रवाई है। पिछले साल 2022 में जीपी सिंह को गिरफ्तार किया गया था। सिंह पर राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति जैसे मामले हैं। कुछ महीने जेल में बिताने के बाद सिंह को जमानत मिली थी। मगर अब उनकी सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

केंद्र से इस संदर्भ से राज्य के गृह विभाग के पास आदेश पहुंच गया है।जुलाई 2021 में GP सिंह के सरकारी आवास और अन्य ठिकानों पर छापा पड़ा तो ये बात सामने आई कि वो कुछ प्लानिंग कर रहे थे। इसे ही आधार बनाकर उनपर राजद्रोह का केस किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्पेंड किए गए ADG सिंह सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे। विधायकों और अफसरों के खिलाफ भी डायरी में बातें मिली थीं।

जुलाई 2021 में GP सिंह के सरकारी आवास और अन्य ठिकानों पर छापा पड़ा तो ये बात सामने आई कि वो कुछ प्लानिंग कर रहे थे। इसे ही आधार बनाकर उनपर राजद्रोह का केस किया गया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्पेंड किए गए ADGP सिंह सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे। विधायकों और अफसरों के खिलाफ भी डायरी में बातें मिली थीं।

ब्लैकमेल कर पैसे वसूले

जीपी सिंह उस वक्त छत्तीसगढ़ पुलिस में पुलिस एकेडमी का जिम्मा संभाल रहे थे। उससे पहले वो खुद ACB के चीफ रह चुके थे। ACB के अफसरों ने बताया था कि जीपी सिंह के खिलाफ अवैध वसूली, ब्लैकमेलिंग के जरिए करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई गई, इसकी लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद ACB ने जांच शुरू की। खबर ये भी थी कि जब जीपी सिंह ACB प्रमुख थे, तब भ्रष्ट अफसरों को कार्रवाई का डर दिखाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और रुपए वसूले थे।

5 पेज का डॉक्यूमेंट मिला

ACB ने अपनी जांच में जो कागज हासिल किए थे, उसके बाद दावा किया गया है कि जानबूझकर सरकार के खिलाफ बातें लिखी गईं। इससे लोगों के मन में सरकार के प्रति नफरत पैदा हो और असंतोष का माहौल बने । अकेले जीपी सिंह के घर पर ही नहीं, बल्कि इनके दोस्त SBI के मैनेजर मणि भूषण के घर की तलाशी लेने पर भी 5 पेज का डॉक्यूमेंट मिला था। जिसमें अंग्रेजी में विधायकों और छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के अलावा कुछ IAS अफसरों के खिलाफ भी बातें लिखी मिली थीं।

कौन हैं जी. पी. सिंह ?

जी.पी. सिंह, छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. बता दें कि GP सिंह को पिछले साल छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा / भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ईओडब्ल्यू/एसीबी) ने गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई, 2021 को सिंह के ठिकानों की तलाशी ली थी और उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला (Prevention of Corruption Act) दर्ज किया था. कुछ दिनों बाद रायपुर पुलिस ने सिंह पर राजद्रोह, विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और जबरन वसूली के आरोप में मामला दर्ज किया था.

बता दें कि बर्खास्त करने के सरकार के फैसले से पहले सिंह लंबे समय तक निलंबित थे. मिली जानकारी के अनुदार, दंगे भड़काने की साजिश में कथित संलिप्तता के कारण केंद्र सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जुलाई 2021 में कई ऑपरेशन चलाए, इस दौरान 5 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए थे. राज्य सरकार ने जीपी सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सुझाव दिया था. साथ ही जीपी सिंह और 03 अन्य आईपीएस अधिकारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव दिया था

जीपी सिंह के मामले में कब क्या-क्या हुआ

1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB – EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था।

जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके ढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।

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केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर

लगा। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है।

  • इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।

जुलाई के महीने से ही जीपी की लीगल टीम पुलिसिया कार्रवाई को रोकने की दलीलें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पेश कर रहे थे। मगर राहत नहीं मिली थी।

जनवरी 2022 में उन्हें अब गुरुग्राम से पकड़कर रायपुर पुलिस छत्तीसगढ़ लेकर आई।

जीपी सिंह खुद ACB के चीफ रह चुके हैं, इस दौरान उन पर कई लोगों को धमकाने और वसूली करने के आरोप लगे।

जीपी के बंगले के छापे में एक डायरी भी मिली, जिसमें कुछ नेताओं और अफसरों के खिलाफ बातें लिखीं थीं, मामले में उन पर राजद्रोह का केस भी दर्ज है। इस

  • 120 दिन रायपुर सेंट्रल जेल में रहे। बाहर आते ही पत्नी को गले लगाया, फौरन गाड़ी में बैठकर चले गए थे।

कोर्ट ने कहा था कि जीपी सिंह को रायपुर में रहने की अनुमति नहीं होगी। सिंह मीडिया से कोई बात नहीं करेंगे, केस के सिलसिले में, कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।


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