भिलाई नगर 05 जनवरी 2023:! कैम्प 2 मछली बाजार का नाम अब शहीद विश्राम सिंह मांझी के नाम पर होगा। इससे पहले भिलाई निगम इसका नाम गफ्फार खान मार्केट रखने जा रही थी। विरोध व धरना प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने स्टे आदेश जारी करते हुए बाजार का नाम शहीद मांझी के नाम पर रखने का आश्वासन दिया।पिछले दिनों हुई भिलाई नगर निगम की सामान्य सभा में मछली बाजार पावर हाउस मार्केट का नाम बदलकर मोहम्मद खफ्फार खान करना का प्रस्ताव पास हुआ था। इसके बाद मांझी समाज और मछली बाजार के व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। शहीद विश्राम सिंह की मां रुकमई देवी गुरुवार सुबह से बाजार के पास आमरण अनशन पर बैठ गई। उनके समर्थन में भाजपा, व्यापारी, समाजसेवी, मांझी समाज और पूर्व सैनिक आ गए थे। रुकमणी देवी ने कहा कि शहीद विश्राम सिंह मांझी के नाम पर बाजार का नाम न करके दूसरे के नाम पर करना एक शहीद का अपमान है। इसके बाद कलेक्टर दुर्ग ने गफ्फार खान मार्केट के प्रस्ताव पर स्टे दिया। एसडीएम ने धरना स्थल पर जाकर आश्वासन दिया है कि अब मछली बाजार का नाम शहीद रामसिंह मांझी के नाम पर होगा
आपको बता दें कि पिछले दिनों हुई भिलाई नगर निगम की सामान्य सभा में मछली बाजार पावर हाउस मार्केट का नाम बदलकर मोहम्मद खफ्फार खान करना का प्रस्ताव पास हुआ था। इसके बाद मांझी समाज और मछली बाजार के व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। शहीद विश्राम सिंह की मां रुकमई देवी गुरुवार सुबह से बाजार के पास आमरण अनशन पर बैठ गई। उनके समर्थन में भाजपा, व्यापारी, समाजसेवी, मांझी समाज और पूर्व सैनिक आ गए थे। रुकमणी देवी ने कहा कि शहीद विश्राम सिंह मांझी के नाम पर बाजार का नाम न करके दूसरे के नाम पर करना एक शहीद का अपमान है। इसके बाद कलेक्टर दुर्ग ने खफ्फार खान मार्केट के प्रस्ताव पर स्टे दिया। एसडीएम ने धरना स्थल पर जाकर आश्वासन दिया है कि अब मछली बाजार का नाम शहीद विश्राम सिंह मांझी के नाम पर ही होगा। इसके बाद उनकी मां ने जूस पीकर अपना आमरण अनशन तोड़ा।
अपने शहीद बेटे के नाम पर मछली बाजार का नाम किए जाने की मांग को लेकर रुकमणी देवी धरने पर बैठी हैं। उनके समर्थन में भाजपा के जिलाध्यक्ष और अन्य नेता भी शामिल हो गए। रुकमणी देवी की मांग को मछली बाजार के व्यापारियों ने भी जायज बताया है।
अपने शहीद बेटे के नाम पर मछली बाजार का नाम किए की मांग को लेकर रुकमणी देवी धरने पर बैठी हैं। उनके समर्थन में भाजपा के जिलाध्यक्ष और अन्य नेता भी शामिल हो गए। रुकमणी देवी की मांग को मछली बाजार के व्यापारियों ने भी जायज बताया है। इसके समर्थन में उन्होंने पूरा मछली बाजार गुरुवार को बंद रखा।
विजय बघेल समर्थकों के साथ आज पावर हाउस मछली मार्केट जाकर भूख हड़ताल को दिया समर्थन
पिछले 30 दिसंबर को निगम के सामान्य सभा में बीजेपी के पार्षदों एवं जनप्रतिनिधियों के विरोध के बाबजूद कांग्रेस की शहर सरकार ने पावर हाउस मछली मार्केट का नाम पूर्व पार्षद मरहूम गफार खान के नाम का प्रस्ताव पारित कर मो गफार खान मछ्ली मार्केट पावर हाउस कर दिया।
जिसके विरोध में स्थानीय जनता एवं मछली व्यवसायियों, शहीद विश्राम माँझी की माँ श्रीमती रुक्मिणी देवी माँझी साथ में समाज के लोगो ने मछली मार्केट पावर हाउस के नये नाम के विरोध में मछली मार्केट पावर हाउस के सामने टेंट लगाकर भूख हड़ताल पर बैठ गये।
भूख हड़ताल का समर्थन करने सांसद बिजय बघेल मछली मार्केट पावर हाउस पहुचकर शहीद विश्राम मांझी को श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने उदबोधन में शहीद विश्राम मांझी को एक सच्चे देश का सपूत बताया जो देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गये।उनके सम्मान में समाज एवं स्थानीय लोग मछली मार्केट का नाम शहीद विश्राम मांझी मछली मार्केट करने की मांग कर रहे है तो निगम महापौर इसे अनसुना कर निगम के सामान्य सभा मे मरहूम मो. गफार खान के नाम से पारित कर दिया।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि जो माँ आज भूख हड़ताल पर बैठी है उसने 1985 में एक बालक को जन्म दिया वो बालक अपने स्कूली शिक्षा प्राप्त करते हुये इसी मछली मार्केट में बड़ा हुआ सन 2005 में शहीद विश्राम मांझी को देश सेवा करने का मौका मिला माँ, पिताजी,भाई बहन बहुत खुश हुये और सपने संजोये लेकिन 2006 में उनके घर उस सपूत का म्रत शरीर आया जो देश सेवा करते हुये अपने प्राण न्योछावर कर शहीद हो गये। सोचिये उस मॉ एवं परिवार पर क्या गुजरा होगा। आज इतने बलदानी सपूत की माँ को शहीद बेटे के सम्मान के लिए भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है।
कांग्रेस की राज्य सरकार, शहर सरकार के लिये शर्म की बात है।
उन्होंने मंच से शासन,निगम महापौर को चेतावनी देते हुये कहा कि अगर इस मछली मार्केट का नाम जब तक शहीद विश्राम मांझी के नाम पर नही किया जायेगा तब तक शहीद विश्राम मांझी की माँ एवं समाज के साथ मैं भी भूख हड़ताल, आमरण अनशन पर बैठूगा।
तब शासन की ओर से कलक्टर के आदेश पर नयाब तहसीलदार एवं जोन आयुक्त ने सांसद विजय बघेल से मिलकर मछ्ली मार्केट का निगम से पारित नाम मो गफार खान मछ्ली मार्केट के नाम पर रोक लगाते हुये, शहीद विश्राम मांझी मछली मार्केट के नाम से निगम के एम आई सी एवं सामान्य सभा मे इस नाम से पारित कराया जायेगा।
मांग पूरी होने पर सांसद विजय बघेल ने भूख हड़ताल पर बैठे शहीद विश्राम मांझी की माँ श्रीमती रुक्मिणी देवी,बहनों सीता एवं गीता मांझी, श्रीमती सुमित्रा मांझी साथ मे समाज के ग्यारह व्यक्ति दूधनाथ चौधरी, गरीब चंद चौधरी, नारद मुनि,राम प्रयाग,डी आर चौधरी, राजू चौधरी, अजय चौधरी, मोहन चौधरी, बिन्दु लाल चौधरी, रामचरित को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराया।
इस कार्यक्रम में बीजेपी जिला अध्यक्ष बृजेश बिजपुरिया ने भी अपना समर्थन देते हुये अपनी बात लोगो के बीच रखी।कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व महापौर श्रीमती निर्मला यादव, बुद्धन ठाकुर,सांसद प्रतिनिधि प्रमोद सिंह, प्रवीन पाण्डेय, वीरेन्द्र साहू, छोटेलाल चौदरी, महेश वर्मा, भोजराज सिन्हा,पार्षद विनोद सिंह, विनोद चेलक,पीयूष मिश्रा, हरिशंकर शाह, विजय सिंह, त्रिलोचन सिंह, मुन्ना आर्या,हरिशंकर चौदरी, रंजीत ठाकुर, भानु प्रताप,युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित मिश्रा,मयंक गुप्ता, सनी यादव, सतपाल पासवान इत्यादि मौजूद थे।
पावरहाउस कैंप-2 स्थित मछली मार्केट का नाम शहीद विश्राम मांझी रखे जाने की मांग को लेकर शहीद की मां सहित अनेक व्यवसायी धरना पर बैठ गए हैं। नगर निगम द्वारा इस बाजार का नाम पूर्व पार्षद स्व. मोहम्मद गफ्फार खान के नाम रखने के निर्णय से व्यथित शहीद की मां आज धरने पर बैठ गई हैं। शहीद विश्राम मांझी की माता श्रीमती रुकमणी बाई मांझी ने इस एक दिवसीय धरना में नागरिकों से उपस्थित होने की अपील की थी। नतीजतन उनके आह्वान पर भाजपा जिलाध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया सहित सैकड़ो व्यवसायी इस धरना में पहुंचे हैं।
कैम्प-2 में मिलन चौक के समीप निवासी शहीद विश्राम के नाम पर ही मिलन चौक का नामकरण हुआ था। शहीद के परिवार और स्थानीय लोगों की मांग है कि पावर हाउस मछली मार्केट का नामकरण शहीद विश्राम मांझी के नाम पर किया जाना चाहिए। चूंकि विश्राम एक शहीद हैं और शहीद विश्राम मांझी बचपन से मछली मार्केट में अपने पारिवारिक व्यवसाय में संलग्न भी थे। ज्यादातर मछली व्यवसायियों का तर्क है कि मार्केट का नाम शहीद के नाम रखे जाने पर ही सही मायने में शहीद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वर्ष 2005 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की सेवा से जुड़ने के एक साल बाद ही वर्ष 2006 विश्राम मांझी बस्तर में शहीद हो गए थे। लोगों ने कहा है कि अगर पावर हाउस मछली मार्केट का नामकरण शहीद विश्राम मांझी के नाम पर हो तो शहीद परिवार को सम्मान मिल सकेगा। इस मांग पर नगर निगम भिलाई प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए।
धरना में बैठने वाले व्यवसायियों में मेवा लाल चौधरी, दुधनाथ चौधरी अरीवचंद चौधरी, राम जी, डी. आर चौधरी, राजू चौधरी, नारद मुनि, राम प्रभा निषाद, अजय चौधरी, मोहन चौधरी, जन्तु लाल चौधरी, श्रीमति सुमित्रा गांधी शामिल है। इससे पहले किशोर कुमार चौधरी, पार्षद भोजराज सिन्हा, छोटे लाल चौधरी, हरिशंकर शाह, राजेश चौधरी, सुभाष चौधरी मुन्ना आर्य, अमर सोनकर, मनोज यादव, आकाश चौधरी, रघुनाथ, राम दरस ने शहीद विश्राम मांझी की मां को माला पहनाकर आंदोलन को शुरू करवाया।
00 सामान्य सभा में हुई थी नोंकझोंक
नगर निगम भिलाई की बीते 30 दिसंबर को हुई सामान्य सभा में पावरहाउस मछली मार्केट के नामकरण को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष के बीच नोंकझोंक देखने को मिली थी। भाजपा पार्षद भोजराज ने रुकमणी बाई मांझी के द्वारा मछली मार्केट का नामकरण अपने शहीद बेटे के नाम पर किए जाने के आवेदन को दरकिनार कर बिना किसी आवेदन के दिवंगत पार्षद मो. गफ्फार खान के नाम से नामकरण किए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। लेकिन सत्ता पक्ष ने भाजपा के विरोध को दरकिनार कर बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दिया। सत्ता पक्ष की ओर से महापौर नीरज पाल ने सदन को बताया था कि स्व. मो. गफ्फार खान खुद तीन बार निगम में पार्षद रहे। फिर एक बार उनकी पत्नी पार्षद रही और वर्तमान में उनके पुत्र मो. मन्नान पार्षद हैं। मो. गफ्फार खान जीवन पर्यन्त मछली व्यवसाय से जुड़े रहे। ऐसे में उनके नाम पर मछली मार्केट का नामकरण किया जाना कतई गलत नहीं है।