भिलाईनगर 11 फरवरी 2024 :- नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की मैराथन बैठक गुरुवार को सुबह 11.30 से रात 9.45 बजे तक चली। इस दौरान सेल के ठेका श्रमिकों को मिलने वाले एडिशनल वेलफेयर एमीनिटीज (एडब्ल्यूए) की राशि को बढ़ाने की बात पर सभी यूनियन के प्रतिनिधि जुटे रहे। यूनियन नेताओं ने संयुक्त रूप से एडब्ल्यूए की राशि को बढ़ाकर 8000 करने का प्रस्ताव सेल प्रबंधन के समक्ष रखे। इस पर प्रबंधन तैयार नहीं हुई। आखिर श्रमिकों को एडब्ल्यूए की राशि में 1400 रुपए इजाफा किया गया। प्रबंधन से सहमित बनने के बाद श्रमिक नेताओं ने राहत की सांस ली।


भिलाई इस्पात संयंत्र के 25,000 ठेका श्रमिकों को एडिशनल वेलफेयर एमीनिटीज की राशि 2300 रुपए मिल रही थी। अब वह बढ़कर 3700 रुपए हो जाएगी। ठेका श्रमिकों को मिलने वाली इस राशि में 10 साल बाद इजाफा हुआ है। यह रकम ठेकेदारों के खातों में जाएगी, इसके बाद श्रमिकों के खातों में कैसे पहुंचेगी, इसको लेकर प्रबंधन ने कोई स्पष्ट नहीं किया है।






केंद्रीय इस्पात मंत्री ने 2009 में किया था शुरू
बीएसपी के एक्सपांशन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने तत्कालीन केंद्रीय इस्पात मंत्री रामविलास पासवान फरवरी 2009 में भिलाई आए थे। इस दौरान उन्होंने एडब्ल्यू के तौर पर बीएसपी के ठेका श्रमिकों को 1000 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की थी। इसके बाद पिछले वेतन समझौता में इस रकम में और 1300 रुपए का इजाफा हुआ। तब ठेका श्रमिकों को 2300 रुपए मिलने लगा। अब इसमें और 1400 रुपए जुड़ जाएग। इस तरह से 37 सौ रुपए हर माह मिलेगा।



मशक्कत के बाद यहां तक पहुंचे
एनजेसीएस की बैठक गुरुवार को दिल्ली में एक होटल में हुई। सेल प्रबंधन की ओर से डायरेक्टर पर्सनल केके सिंह समेत ईडी, सीसीएम स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। वहीं ठेका मजदूरों के एडब्ल्यूए राशि पर फैसला कराने के लिए सीटू से ललित मोहन मिश्र, इंटक से बीएन चौबे, एचएमएस से संजय वढावकर और एटक से रामाश्रय प्रसाद मौजूद थे। श्रमिक नेताओं ने कहा कि मजदूरों की आय बढ़ाना बहुत जरूरी है। इस वक्त इस्पात उत्पादन में ठेका मजदूरों की भागीदारी नियमित कर्मचारियों के साथ है। इसलिए मजदूरों को भी हक मिलना चाहिए। पिछली बैठक में एडब्ल्यूए की राशि 8 हजार तक करने की मांग की गई थी। एडब्ल्यूए में प्रबंधन ने पिछली बार दिया था, उसका डबल किया है।


5 साल की जगह 10 साल में हुआ वेतन समझौता
बीएसपी के ठेका श्रमिकों का 2014 में पांच के लिए वेतन समझौता हुआ था। संयुक्त ठेका श्रमिक यूनियन वेतन समझौता को जल्द पूरा करने के लिए लगातार मांग और प्रदर्शन भी कर रही थी। तब जाकर दस साल बाद वेतन समझौता हुआ है। अभी भी नाइट एलाउंस को लेकर बैठक होना शेष है। एचएमएस एच.एस. मिश्रा इंटक के संजय साहू, सीटू के योगेश सोनी, एटक के विनोद सोनी, लगातार वेतन समझौता के लिए संघर्ष कर रहे थे।

