रायपुर 4 अप्रैल 2024 :- आईपीएस अमरेश कुमार मिश्रा के एसीबी का चीफ बनते ही एसीबी की टीम हरकत में आई और आज दो अलग-अलग मामले में PHE के एसडीओ डेढ़ लाख रुपया व पटवारी को 3000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया एसीबी कि कार्यवाही से सरकारी महकमों में हडंकप मच गया है ।
एसीबी के अफसरों ने बताया कि प्रवीण तिवारी, प्रोपराइटर,डायनामिक कंस्ट्रक्शन, जबलपुर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो को शिकायत प्रस्तुत की गई थी कि छुईखदान क्षेत्र में छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत जलजीवन मिशन के तहत पाइपिंग एवं टैंक निर्माण के कार्य का ठेका मिला था। प्रार्थी द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व कार्य पूर्ण कर लिया गया था। जिसका लगभग 40 लाख रूपये का भुगतान होना था। प्रार्थी ने इस हेतु राजेश मडावे, एसडीओ (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी), छुईखदान ब्लॉक, जिला-खैरागढ़ से संपर्क कर भुगतान हेतु आग्रह किया तो महावे ने कुल राशि का लगभग 12 प्रतिशत जो 5.40 लाख रूपये होता है,
रिश्वत की मांग की एवं इसकी पहली किश्त 1.50 लाख रूपये लेकर 4 अप्रैल 2024 को अपने छुईखदान स्थित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी कार्यालय में बुलाया। एसीबी की टीम ने ट्रेप आयोजित कर उक्त आरोप को 1.50 लाख रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। रिश्वती राशि बरामद कर जप्त की गई आरोपी को धारा-7, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियन 2018) के तह गिरफ्तार किया गया।आरोपी को विशेष न्यायालय (भ्र.नि. अधि.) राजनांदगांव न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है।
वहीं, सूरजपुर जिले के रामानुजनगर विकासखंड स्थित ग्राम गोविंदपुर निवासी सुनील कुमार सिंह 39 वर्ष के माता-पिता की मौत हो चुकी है। उसकी करीब 2 एकड़ की पैतृक भूमि पिता स्व. दशरथ व माता देवचरनी के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। सुनील ने फौती नामांतरण के लिए हल्का नंबर 2 तेलईमुड़ा के पटवारी रामगोपाल साहू से संपर्क किया तो उसने रिकॉर्ड दुरुस्त करने के एवज में 10 हजार रुपए की डिमांड की। दोनों के बीच 5 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इस दौरान सुनील ने उसे 2 हजार रुपए तत्काल दे दिए थे।
बाकी के बचे रिश्वत के पैसे देते समय वह पटवारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। इस बीच उसने मामले की शिकायत अंबिकापुर एसीबी की टीम से की थी। एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करने दोनों के बीच रिश्वत लेन- देन की बात कराई। इसके बाद उसे पकडने जाल बिछाया गया।
स्टेट बैंक परिसर में पकड़ा गया पटवारी
पटवारी ने पीड़ित से कहा था कि जब तक वह 3 हजार रुपए नहीं देगा, वह उसका काम नहीं करेगा। इधर प्लान के अनुसार गुरुवार की दोपहर सूरजपुर के स्टेट बैंक परिसर में पटवारी को रिश्वत के पैसे देने बुलाया गया। एसीबी की टीम भी आस-पास ही मौजूद थी। इसी बीच सुनील ने जैसे ही पटवारी को 3 हजार रुपए दिए, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी की टीम ने पटवारी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधन 2018) के तहत कार्रवाई की है।