बिलासपुर 6 अक्टूबर 2023 :- छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन पप्पू, होटल कारोबारी नीतेश पुरोहित, आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। शुक्रवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला दिया है। बिलासपुर हाई कोर्ट ने पुरोहित, ढिल्लन, अनवर और ए.पी.त्रिपाठी की नियमित जमानत अर्जी खारिज, पैरा 25 – परिणामस्वरूप पहले पारित अंतरिम आदेश को खारिज कर दिया गया, जमानत याचिका न्यायाधीश गौतम भादुड़ी की अदालत से खारिज हुआ है।
याचिका कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुणपति त्रिपाठी की ओर से लगाई गई थी। चारों आरोपियों को पिछले दिनों ED ने गिरफ्तार किया था।
2000 करोड़ के शराब घोटाले का है आरोप
ED ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया और कहा- साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया ।
ED की ओर से कहा गया कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक संरक्षकों) को दी है। इसके बाद इस केस में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह को भी पकड़ गया था।
अब तक 180 करोड़ की संपत्ति अटैच
22 मई 2023 को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी की गई आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है।
शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं।
15 मई को ईडी ने कहा था, शराब घोटाले में जेल में बंद कारोबारी अनवर ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। जिसमें नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा जॉइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी।
20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश की जानकारी भी मिली। ये निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए थे। रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी IAS आफिसर हैं, जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है।