ब्रेकिंग:- MLA देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित….  कोल घोटाले में ED ने बनाया आरोपी….. गिरफ्तारी से बचने हाई कोर्ट में लगाई याचिका…

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बिलासपुर 01 मार्च 2024 :- कोल  मामले में आरोपी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत पर हुई सुनवाई…बिलासपुर HC में जस्टिस N.K. व्यास की कोर्ट में हुई सुनवाई…बचाव पक्ष से संजय कुमार  श्रीवास्तव और डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने ईडी की तरफ़ से की पैरवी…दोनों पक्षों की 2 से 3 घंटे लगातार हुई बहस के बाद जस्टिस ने फ़ैसला रखा सुरक्षित

कोयला  घोटाले के मामले में आरोपित भिलाई विधायक देवेंद्र की यादव अधिम अमानत अजी पर गुरुवार को जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास को बैच में सुनवाई   हुई। इस दौरान यादव की तरफ से पक्ष रखा गया। याचिकाकर्ता विधायक देवेंद्र यादव की तरफ से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन में  28 फरवरी को बहस हुआ देवेंद्र यादव के अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा  कि मामला राजनीतिक है।

वे विधायक हैं, उनकी छवि को धूमिल करने ईडी ने इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। 29 फरवरी को जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास के न्यायालय में अग्रिम जमानत पर पुनः सुनवाई प्रारंभ हुई इधर, सुनवाई के दौरान ईडी के अधिवक्ता डा. सौरभ कुमार पांडेय ने अग्रिम जमानत देने का विरोध किया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने  फैसला सुरक्षित रख लिया है।

विधायक देवेंद्र यादव ने गिरफ्तारी से बचने लगाई है अग्रिम जमानत अर्जी। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल  घोटाले के आरोपी भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। मामले की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की बेंच में हुई। इस दौरान ईडी ने अग्रिम जमानत देने को लेकर आपत्ति जताई।

रायपुर की विशेष अदालत ने देवेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने माना था कि इस पूरे स्कैम से जुड़े पैसे का इस्तेमाल उन्होंने चुनाव में किया था। इसके बाद विधायक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है।

ED ने किया अग्रिम जमानत देने का विरोध

गुरुवार को विधायक के वकील ने तर्क देते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत देवेंद्र यादव के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। लिहाजा, उन्हें अपराधी नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कोर्ट से कहा कि किसी केस के आरोपी को केवल जानने से कोई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी नहीं बनाया जा सकता।

इस केस में विधायक को सिर्फ इसलिए आरोपी बनाया गया है क्योंकि, वो सूर्यकांत तिवारी को जानते हैं। सुनवाई के दौरान ED के वकील ने अग्रिम जमानत देने का विरोध किया और ED की जांच में मिले साक्ष्यों को बताया। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर की वसूली

ED के वकील सौरभ पांडेय ने कोर्ट को बताया कि विधायक देवेंद्र यादव सहित दूसरे आरोपियों के खिलाफ ED ने आरोप पत्र पेश किया है, जिसमें स्पष्ट है कि कोल मामले में अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर वसूली की।

जेल में कोल स्कैम घोटाले के आरोपी

इस मामले में रानू साहू, निखिल चंद्राकर के अलावा विनोद तिवारी, देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय, आरपी सिंह, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नारायण साहू आरोपी बनाए गए हैं। नारायण साहू और पीयूष साहू दोनों ही सूर्यकांत तिवारी के स्टाफ हैं।

रानू साहू और निखिल चंद्राकर के अलावा इनमें से किसी एक को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। खबर है कि इन्हें पकड़ा जा सकता है। हालांकि इन आरोपियों के वकीलों ने जमानत हासिल करने की कोशिश शुरू कर दी है।

540 करोड़ रुपए के कोल घोटाले में ईडी ने निलंबित IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में हैं।


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