रायपुर 11 मार्च 2024 :- महादेव सट्टा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने इस केस में अज्ञात पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिखा गया है।


जबकि ईडी ने आरोपियों के बयान और आईटी जांच के आधार पर राज्य के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम के साथ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा है। उस प्रतिवेदन के आधार पर केस दर्ज तो किया गया है, लेकिन नाम नहीं लिखा गया है। अब इस मामले की जांच एसीबी-ईओडब्ल्यू की नई टीम जांच करेगी।








क्योंकि पुरानी टीम का तबादला हो गया। पिछले ढाई माह के भीतर एसीबी-ईओडब्ल्यू में ये छठवीं एफआईआर दर्ज की गई है। जनवरी में ईडी के प्रतिवेदन पर अवैध कोल परिवहन, आबकारी में गड़बड़ी, डीएमएफ घोटाला और कस्टम मिलिंग में कमीशनखोरी का केस दर्ज – किया है।


इसमें आबकारी गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई। 13 से ज्यादा जगह पर छापेमारी की गई है। बाकी केस में अभी जांच शुरू नहीं हुई है। इस बीच पिछले माह फरवरी में पीएससी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर केस दर्ज किया गया है। इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को भेज दिया गया है। इस माह में महादेव सट्टा में भी केस दर्ज कर लिया गया है।
सिर्फ बयान से कोई आरोपी साबित नहीं होताः गृहमंत्री
गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक सवाल पर कहा कि किसी के बयान के आधार पर आरोप साबित नहीं होता है। बयान बस से किसी को फांसी नहीं दी जा सकती। इसमें और जांच की जरूरतं है। जानकारी जुटाई जा रही है। सबूत के आधार पर कार्रवाई होगी।




