ब्रेकिंग :- IPS कैलाश मकवाना बने MP पुलिस के नये मुखिया… दुर्ग दंतेवाड़ा, बस्तर, में दे चुके हैं सेवा…

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भोपाल 24 नवंबर 2024:- IPS कैलाश मकवाना को मध्य प्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। वे 1988 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस है। मूलतः भी वे मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। आईआईटी से एमटेक करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा क्रैक की है। छत्तीसगढ़ में वे रायपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर में भी सेवा दे चुके है 1990 प्रशिक्षु पुलिस अधिकारी के रूप में दुर्ग जिले में सेवाएं दी है वर्तमान में पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष है। मध्यप्रदेश के 32 वें डीजीपी का कार्यभार 1 दिसंबर 2024 को संभालेंगे 31 दिसंबर 2025 तक इस पद पर कार्यभार पर रहेंगे।

कैलाश मकवाना ने 30 अगस्त 1988 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की थी। ट्रेनिंग खत्म करने के बाद अविभाजित मध्य प्रदेश के कई जिलों में मकवाना रहे थे। वे 1989 से 1993 तक एडिशनल एसपी दुर्ग, रायपुर ,मुरैना और जबलपुर में रहे। फिर 1994 से 1999 तक अविभाजित मध्यप्रदेश के दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों (अब छत्तीसगढ़) में एसपी रहें। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक का पदभार संभालने के पहले आप ग्वालियर में सेनानी के पद पर भी सेवाएं दी हैं।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना को मध्य प्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है. वो 1 दिसंबर को अपना पदभार ग्रहण करेंगे. अपनी ईमानदार छवि के लिए चर्चित मकवाना का चार सालों में सात बार ट्रांसफर हो चुका है. अभी वो मध्य प्रदेश में पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष हैं. उन्होंने भोपाल से बीई और दिल्ली आईआईटी से एमटेक की पढ़ाई की है.

कैलाश मकवाना को मध्यप्रदेश का नए डीजीपी नियुक्त किया गया है। वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना इसी माह 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह कैलाश मकवाना को डीजीपी नियुक्त करने की सहमति मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने यूके और जर्मनी यात्रा पर निकलने से पहले दी। इसके बाद गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा ने मकवाना के नाम का आदेश जारी कर दिया। मध्य प्रदेश सरकार ने नौ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल यूपीएससी को भेजा था। 21 नवंबर को दिल्ली में यूपीएससी की बैठक हुई जिसमें तीन नामों का पैनल यूपीएससी से तैयार कर राज्य सरकार को भेजा गया। इनमें 1988 बैच के आईपीएस कैलाश मकवाना का नाम पहले नंबर पर था। इनके अलावा 88 बैच के ही आईपीएस और डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार और 1989 बैच के ही आईपीएस और डीजी ईओडब्ल्यू अजय शर्मा के नाम भी पैनल में थे। जिसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कैलाश मकवाना के नाम पर सहमति जताई। 31 दिसंबर 2025 तक मकवाना का कार्यकाल होगा..

कैलाश मकवाना की छवि तेज तर्रार और ईमानदार पुलिस अफसरों में होती है। साढ़े तीन साल में उनका सात बार तबादला हुआ। कमलनाथ सरकार में भी उन्हें कम समय में ही तीन बार इधर से उधर किया गया था। शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान कैलाश मकवाना लोकायुक्त के डीजी के पद पर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक आईएएस और एक आईएफएस पर मामला दर्ज करवाया था। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही में तेजी लाते हुए लंबे समय से लंबित पड़ी गई जांच को शुरू करवा दिया। महाकाल लोक कॉरिडोर में हुए घोटालों पर मकवाना ने अपने अधीन टेक्निकल सेल से जांच शुरू करवा दी। हालांकि तत्कालीन शिवराज सरकार ने उनके इस फैसले पर नाराजगी दिखाते हुए 6 माह में ही उन्हें लोकायुक्त  से हटकर मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में अध्यक्ष बना दिया।

प्रोफेशनल कैरियर:-

कैलाश मकवाना ने 30 अगस्त 1988 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की थी। ट्रेनिंग खत्म करने के बाद अविभाजित मध्य प्रदेश के कई जिलों में मकवाना रहे थे।वे 1989 से 1993 तक एडिशनल एसपी दुर्ग, मुरैना और जबलपुर में रहे। फिर 1994 से 1999 तक अविभाजित मध्यप्रदेश के दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों (अब छत्तीसगढ़) में एसपी रहें। इसके अलावा मध्य प्रदेश के मंदसौर और बैतूल में भी एसपी रहें। एसपी लोकायुक्त के अलावा डीआईजी इंटेलिजेंस और डीआईजी एजेके रहे हैं। स्पेशल डीजी सीआईडी और नारकोटिक्स विभाग रहे हैं। लोकायुक्त के डीजी और एडीजी नारकोटिक्स रहे हैं।एडीजी इंटेलीजेंस और एडीजी प्रशासन भी रहे हैं।2022 से पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के डीजी का प्रभार कैलाश मकवाना के पास था।


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