सोशल एक्टिविस्ट विवेक कुमार सिंह ने बीएसएफ से छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में समायोजन और फिर आईपीएस पदोन्नति को लेकर शिकायत की थी।

रायपुर 19 जून 2025:- मोहला- मानपुर- अंबागढ़ चौकी एसपी यशपाल सिंह की नियुक्ति पर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और UPSC से रिपोर्ट मांगी मोहला-मानपुर के एसपी यशपाल सिंह की नियुक्ति को लेकर हुई शिकायत मामले में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और यूपीएससी से रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, यशपाल सिंह के खिलाफ राजधानी रायपुर के सोशल एक्टिविस्ट विवेक कुमार सिंह ने बीएसएफ से छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में समायोजन और फिर आईपीएस पदोन्नति को लेकर शिकायत की थी।

जिस पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सचिव को पत्र भेजा है। केन्द्र ने इस मामले पर जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता विवेक सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय में यशपाल सिंह की आईपीएस नियुक्ति को लेकर शिकायत की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नियमों को दरकिनार कर यशपाल सिंह को गलत तरीके से वरिष्ठता दी गई। कैडर व्यवस्था का उल्लंघन हुआ है।

यशपाल सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की जांच लंबित थी, फिर भी उन्हें आईपीएस बना दिया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह शिकायत गृह मंत्रालय को अग्रेषित की, जिसके बाद 13 जून 2025 को जांच के निर्देश जारी हुए।
शिकायत में कहा गया है कि यशपाल सिंह, जो पहले बीएसएफ में कमांडेंट थे, उन्हें नियमों को दरकिनार कर छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में मर्ज कर लिया गया। इसके बाद उन्हें वर्ष 2019 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में पदोन्नति दे दी गई। साथ ही, उन्हें 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी के रूप में पदस्थ किया गया।
इतना ही नहीं, यह आरोप भी है कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) में जांच लंबित थी। बावजूद इसके उन्हें आईपीएस अवार्ड दे दिया गया। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और नियमों की स्पष्ट अनदेखी दर्शाती है।
कैडर नियमों की अनदेखी का आरोप
छत्तीसगढ़ पीएससी और पुलिस अधिकारी संघ ने भी यशपाल सिंह की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इसे राज्य की कैडर व्यवस्था के खिलाफ बताया था। साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने बीएसएफ अफसर के राज्य पुलिस में विलय को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई थीं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।
बैच विवाद से वरिष्ठता में भ्रम
सूत्रों के अनुसार यशपाल सिंह को 1997 बैच का आईपीएस माना गया है, जबकि उनकी सेवा जिस वर्ष मर्ज हुई, उसी वर्ष का बैच मिलना चाहिए था। इस वजह से छत्तीसगढ़ पुलिस के कई सीनियर अफसर वरिष्ठता सूची में पीछे हो गए और यशपाल सिंह को 2019 में सीधे आईपीएस सेवा में शामिल कर लिया गया।
PSC और पुलिस एसोसिएशन ने भी जताई थी आपत्ति
गृह मंत्रालय के पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने आपत्ति जताई थी। साथ ही, छत्तीसगढ़ पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा था।
इसके बावजूद न केवल यशपाल सिंह को आईपीएस अवार्ड मिला, बल्कि उन्हें वरिष्ठता के आधार पर 2013 बैच भी दे दिया गया।