भिलाई नगर 7 मार्च 2024 :- इस्पात संयंत्र की महिलाएं : आकाँक्षाओं से अवसर तक का सफर सेल, जो ना सिर्फ भारत में अग्रणी इस्पात उत्पादक कम्पनी के नाम से विख्यात है अपितु अपने सभी कर्मचारियों को सशक्त करने के लिए भी जाना जाता है, इसलिए तो सेल को ‘ग्रेट प्लेस टू वर्क’ का प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। सेल हमेशा ही अपने सभी कर्मचारियों, उनके परिवारों तथा अपने टाउनशिप के लिए नित नई योजनाएं लाता रहता है। इसी तारतम्य में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आइये जानते हैं महिला सशक्तिकरण में सहयोगी सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की संवेदनशील किन्तु सशक्त, सहज किन्तु निडर, कोमल किन्तु परिपक्व महिलाओं के बारे में, जो घर के भीतर और बाहर, पारिवारिक और व्यवसायिक दोनों जगहों पर अपने जीवन को सहज तरीके से नियंत्रित करने की शक्ति रखती हैं।
अपने इस प्रबंधन कौशल के द्वारा ऐसी महिलायें, सामाजिक दिशा को प्रभावित करने की अद्वितीय क्षमता रखती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि उन्हें हजारों-लाखों की भीड़ में भी बिना विरोध के एक अलग पहचान मिले, जिससे समाज में अन्य महिलाओं के लिए वो एक उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। सेल-बीएसपी के विभिन्न क्षेत्रों और मेडिकल, इंजीनियरिंग, माइनिंग, ऑपरेशन, प्लानिंग, प्रोजेक्ट्स, खेल, शिक्षा, वित्त, ब्लास्ट फर्नेस जैसे विभगों में भी महिलाएं अग्रणी हैं।
बात करते हैं बीएसपी के ऑटोमेशन और डिजिटालाइजेशन विभाग की सहायक महाप्रबंधक सुश्री नीरजा शर्मा के व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की यात्रा पर, जिन्होंने ना सिर्फ चेयरमैन ट्रॉफी फॉर यंग मैनेजर्स (सीटीवाईएम) में भाग लिया बल्कि इसके लिए विस्तृत शोध प्रक्रिया के दौरान इस्पात क्षेत्र की बारीकियों और जटिलता को समझने में खुद को समर्पित कर दिया। उनका कहना है कि इस उल्लेखनीय यात्रा का शिखर, सेल स्तर पर भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त करना था, जहां उन्होंने ना केवल प्रतिस्पर्धा की, बल्कि अपने समर्पण और कड़ी मेहनत से विजयी होकर प्रतिष्ठित ट्रॉफी भी हासिल की।
इससे उनके व्यक्तित्व और समग्र विकास में योगदान देने वाले विभिन्न पहलुओं और क्षमताओं का पता चला और अपने आत्म-खोज प्रक्रिया ने उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में योगदान दिया साथ ही चुनौतियों के प्रति उनके दृष्टिकोण को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नीरजा शर्मा का कहना है कि ‘इस पूरी यात्रा के दौरान जो मंत्र मेरे साथ गूंजता रहा वह यह था कि परिणाम पर ध्यान दिए बिना, अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। इस मानसिकता ने मुझे निरंतर सुधार पर ध्यान केंद्रित करने, चुनौतियों को सीखने और आगे बढ़ने के अवसर के रूप में स्वीकार करने की अनुमति दी’।
अब चलते हैं सहायक महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा) सुश्री स्मिता जैन के पास, जिन्हें सेल स्तर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम “आन्या” के तहत चुना गया और इसके लिए प्रशिक्षित किया गया। सेल प्रबंधन द्वारा इस कार्यक्रम के लिए केवल 27 महिला अधिकारियों का चयन किया गया था, जिसमें बीएसपी की तरफ से स्मिता जैन भी इस अभिनव कार्यक्रम का हिस्सा रहीं। सेल का नवीनतम प्रयास – ‘आन्या’ जो महिलाओं के लिए एक नेतृत्व विकास कार्यक्रम है। यह अभूतपूर्व पहल सभी महिलाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने, उन्हें सशक्त बनाने, व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास करने, बाधाओं से निपटने, कंपनी में सलाहकार बनने और लीडर के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित व प्रशिक्षित करने के साथ साथ उन्हें अपनी क्षमता हासिल करने के लिए भी एक विशाल शिक्षण मंच प्रदान करता है।
स्मिता जैन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में मेरी यात्रा एक कर्मचारी के रूप में अनुभव प्राप्त करने के साथ साथ सीखने, व्यक्तिगत विकास और अवसरों के लिए एक मंच प्राप्त करने के विषयों में यादगार पलों से भरा है। मैं बीएसपी के उन सभी प्रणाली के लिए आभारी हूं जिसने मुझे समर्थन दिया और तनाव को प्रबंधित करना सिखाया। उन्होंने कहा ‘मैंने भिलाई इस्पात संयंत्र में धैर्यवान, संगठित और एक अच्छा टीम मेम्बर बनना, नेतृत्व करना, महत्वपूर्ण निर्णय लेना सीखा है। मैं उन सभी अनुभवों के लिए आभारी हूं जिसने मुझे उस व्यक्ति के रूप में आकार दिया, जो मैं आज हूं। बीएसपी ने न केवल मुझे एक मंच प्रदान किया है बल्कि एक कर्मचारी के रूप में भी मुझे एक बेहतर संस्करण के रूप में विकसित और उन्नत किया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि हमारे विभाग की महिलाओं ने मिलकर रूढ़िवादिता को तोड़ा है और उस ताकत का प्रदर्शन किया है जो सहयोग से आती है’।
सहायक प्रबंधक (अनुसंधान एवं नियंत्रण प्रयोगशाला) श्रीमती लीना वराठे कहतीं हैं, कि वर्तमान परिपेक्ष्य में संयंत्र के भीतर महिलाएं अब पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं। यूं तो हर कार्य करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इन चुनौतियों से उबरने के लिए हम महिलाओं में स्वयं में आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता अत्यंत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है। अतः हमें हर क्षेत्र में स्वयं सिद्ध होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
कनिष्ठ अधिकारी (आरसीएल) सुश्री खिलांजली टेमरे बताती हैं कि मुझे गर्व है कि मैं अपना योगदान एक ऐसे संयंत्र को दे रही हूँ जहाँ मैंने अपने जीवन के विभिन्न किरदार को जिया है, कभी एक संयंत्रकर्मी की बेटी की तरह, कभी संयंत्रकर्मी के रिश्तेदार की तरह तो कभी एक संयंत्रकर्मी की पत्नी की तरह और अब स्वयं, मैं एक संयंत्रकर्मी के रूप में इस गर्व को महसूस कर पा रही हूँ। मैंने प्रत्येक भूमिका में हमेशा स्वयं को गौरवांवित महसूस किया है। इसलिए तो कहती हूँ “हम सबका साथ करें उत्कृष्ट इस्पात उत्पादन में वृद्धि, संयंत्र और राष्ट्र दोनों की समृद्धि।”
मास्टर ओसीटी (इंस्ट्रुमेंटेशन) सुश्री रजनी खोसला का मानना है, कि महिलाएं हमारे समाज में शक्ति का स्तंभ हैं। आइए हम हमेशा उनको आपसी सहयोग करें और उनका सम्मान करें, ताकि सभी को समान अवसर प्राप्त हो सके और समाज के साथ साथ देश के विकास में भी अपना सहयोग प्रदान कर सकें।